अमेरिका – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 02 Jan 2020 11:53:35 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अमेरिकाः नए साल के पहले दिन वर्जीनिया के हुक्का बार में फायरिंग, 7 घायल http://www.shauryatimes.com/news/72207 Thu, 02 Jan 2020 11:53:35 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=72207 अमेरिका में नए साल की शुरुआत वर्जीनिया में फायरिंग के साथ हुई है. इस फायरिंग में 7 लोग घायल भी हुए हैं. पुलिस के अनुसार, फायरिंग की यह वारदात वेस्ट वर्जीनिया के एक बार में हुई, जिसमें 7 लोग घायल हो गए. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

फायरिंग नया साल शुरू होने के महज 90 मिनट के बाद हो गई. वेस्ट वर्जीनिया में हंटिंगटन के अंतरिम पुलिस प्रमुख रे कॉर्नवेल ने कहा कि हंटिंगटन में ‘कल्चर हुक्का बार’ में बुधवार में फायरिंग की यह घटना हुई. पुलिस प्रमुख रे कॉर्नवेल की ओर से जारी बयान के अनुसार, फायरिंग के दौरान कई लोग बार के अंदर और बाहर मौजूद थे.

फायरिंग की वजह आपसी विवादः पुलिस

पुलिस प्रमुख रे कॉर्नवेल ने बताया कि शुरुआती सूचना के आधार पर फायरिंग की वजह आपसी विवाद लग रहा है. हालांकि वजह अभी साफ नहीं हो सकी है.

स्थानीय टीवी के अनुसार, फायरिंग के बाद पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो उस समय बार के अंदर करीब 50 लोग मौजूद थे. घायलों को इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है.

हालांकि पुलिस की ओर से जानकारी बयान के मुताबिक घायलों की स्थिति किस तरह की है इसके बारे में कुछ भी साफ नहीं है. फायरिंग की जांच की जा रही है.

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‘हमारे अंदरूनी मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहा है अमेरिका’: चीन http://www.shauryatimes.com/news/67698 Tue, 03 Dec 2019 07:33:13 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=67698 कुछ देशों की हस्तियों ने कहा कि अमेरिका तथाकथित हांगकांग के मानवाधिकार और लोकतंत्र विधेयक लाकर मानवाधिकार और लोकतंत्र के बहाने से चीन के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर चीन के विकास को नियंत्रित करना चाहता है. यह चीनी जनता के प्रति गंभीर उकसावे वाली हरकत है, जिससे अमेरिका के प्रभुत्व का मूल स्वरूप जाहिर होता है.

फ्रांसीसी लेखक माक्सिम विवास ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अमेरिका चीन के आंतरिक मामले में दखलंदाजी कर रहा है. इस पर फिर बल देने की जरूरत है कि हांगकांग चीन का है.

जर्मनी के हेसन राज्य के अंतरराष्ट्रीय मामले के पूर्व निदेशक डॉक्टर मिचेल बोर्चेमन ने बताया कि हांगकांग से संबंधित विधेयक उद्दंडतापूर्ण और पाखंडी है. अमेरिका को दूसरे देश के मामले में टांग अड़ाना पसंद है.

इटली के आधुनिक चीन अध्ययन केंद्र के वरिष्ठ अध्ययनकर्ता और लुयिस युनिवर्सिटी ऑफ रोम के प्रोफेसर सिलविया मेनेगाजी ने बताया कि हांगकांग मुद्दे के लिए वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती हिंसा रोकना है. दूसरे देश के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करना अंतरराष्ट्रीय संबंधों का एक बुनियादी नियम है.

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इमरान खान ने पाकिस्तान अप्रवासियों को संबोधित किया: अमेरिका http://www.shauryatimes.com/news/49566 Mon, 22 Jul 2019 07:15:13 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=49566 तीन दिवसीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को पाकिस्तान अप्रवासियों को संबोधित किया. वाशिंगटन में इमरान खान ने कहा कि करप्शन के कारण पाकिस्तान पिछड़ता है. अपने पूरे भाषण में इमरान खान ने न तो भारत का जिक्र किया और न ही आतंकवाद का. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि हम दुनिया पर हावी नहीं हैं क्योंकि कोई मेरिट नहीं है. प्रतिभा है लेकिन मेरिट नहीं. कैद ए आज़म के बाद हमें कोई नेता नहीं मिला. एक सैन्य तानाशाह की मदद से नवाज शरीफ को नेता बनाया गया था.

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पीएम इमरान खान को मेट्रो में बैठकर होटल जाना पड़ा: अमेरिका http://www.shauryatimes.com/news/49377 Sun, 21 Jul 2019 06:10:06 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=49377 पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शनिवार शाम को तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका पहुंचे। जहां सोमवार को उनकी मुलाकात राष्ट्रपति ट्रंप से व्हाइट हाउस में होगी। आशा है कि इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति इमरान से आतंकवाद पर कड़ी कार्रवाई करने का दबाव डालेंगे। एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी के लिए अमेरिकी प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी नहीं पहुंचा। पीएम इमरान खान को मेट्रो में बैठकर होटल जाना पड़ा। खुद पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अमेरिका में रहने वाले कुछ पाकिस्तानी लोगों के साथ एयरपोर्ट पहुंचे थे। पाक प्रधानमंत्री के तौर पर इससे पहले अक्टूबर 2015 में नवाज शरीफ ने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की थी।

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विजेंदर सिंह ने जीत का सिलसिला जारी रखा: अमेरिका http://www.shauryatimes.com/news/48676 Sun, 14 Jul 2019 05:46:44 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=48676 कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव हारने के बाद भारत के पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने रिंग में शानदार वापसी कर अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा है. एक साल तक रिंग से दूर रहने वाले विजेंदर ने रविवार तड़के अमेरिका के माइक स्नाइडर की चुनौती ध्वस्त कर दी. नेवार्क (न्यू जर्सी) में 8 राउंड के सुपर मिडिलवेट कॉन्टेस्ट में विजेंदर ने माइक स्नाइडर को नॉक आउट किया. डब्ल्यूबीओ ओरिएंटल और एशिया पैसिफिक सुपर मिडिलवेट चैम्पियन विजेंदर को अब तक पेशेवर मुक्केबाजी में कोई हरा नहीं सका है.

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अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के बीच लगातार चल रही हैं राजनयिक बैठकें, http://www.shauryatimes.com/news/35084 Sat, 09 Mar 2019 06:27:57 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=35084 एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने प्रयासों को समन्वित करने के लिए लगातार नियमित राजनयिक बैठकें कर रहे हैं.

पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल डेव ईस्टबर्न ने वाशिंगटन में शुक्रवार देर रात टिप्पणी कर यह स्पष्ट किया कि राजनयिक समूह की बैठकें लगातार जारी रहेगी.

उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब गुरुवार को अमेरिका हिंद प्रशांत कमानके प्रमुख एडम फिल डेविडसन ने सिंगापुर में सुझाव दिया था कि चार देशों के समूह को अब खत्म कर देना चाहिए.

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ट्रम्प बोले अमेरिका उसी देश का साथ देगा जिसको वह अपना सहयोगी मानता है भारत कि तारीफ़ में कुछ ऐसा बोला  http://www.shauryatimes.com/news/12178 Wed, 26 Sep 2018 05:50:06 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=12178 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका केवल उन्हीं देशों को सहायता देगा जिन्हें वह अपना सहयोगी मानता है. ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण में कहा कि हम देखेंगे कि कहां काम हो रहा है, कहां काम नहीं हो रहा है.

साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस बात का भी खयाल रखेंगे, ‘क्या जो देश हमारे डॉलर और हमारी सुरक्षा लेते हैं, वे हमारे हितों का ख्याल रखते हैं या नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘आगे बढ़ते हुए हम केवल उन्हीं लोगों को विदेशी सहायता देने जा रहे हैं जो हमारा सम्मान करते हैं और स्पष्ट रूप से हमारे दोस्त हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका केवल उन्हीं देशों को सहायता देगा जिन्हें वह अपना सहयोगी मानता है. ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण में कहा कि हम देखेंगे कि कहां काम हो रहा है, कहां काम नहीं हो रहा है.  साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस बात का भी खयाल रखेंगे, 'क्या जो देश हमारे डॉलर और हमारी सुरक्षा लेते हैं, वे हमारे हितों का ख्याल रखते हैं या नहीं.' उन्होंने कहा, 'आगे बढ़ते हुए हम केवल उन्हीं लोगों को विदेशी सहायता देने जा रहे हैं जो हमारा सम्मान करते हैं और स्पष्ट रूप से हमारे दोस्त हैं.'  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए भारत को एक 'मुक्त समाज' बताया और अपने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए मंगलवार को भारत के प्रयासों की जमकर तारीफ की.  संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंगलवार को शुरू हुए जनरल डिबेट को दूसरी बार संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा, 'भारत है, जहां का समाज मुक्त है और एक अरब से अधिक आबादी में लाखों लोगों को सफलतापूर्वक गरीबी से ऊपर उठाते हुए मध्यम वर्ग में पहुंचा दिया.'  करीब 35 मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्षों से संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में इतिहास देखा गया. उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष अपने देशों की चुनौतियों, अपने समय के बारे में चर्चा करने आए आए लोगों के भाषणों, संकल्पों और हर शब्दों एवं उम्मीदों में वहीं सवाल कौंधते हैं जो हमारे जेहन में उठते हैं. ट्रम्प ने कहा, 'यह सवाल है कि हम अपने बच्चों के लिए किस तरह की दुनिया छोड़कर जाएंगे और किस तरह का देश उन्हें उत्तराधिकार में मिलेगा.' उन्होंने कहा कि जो सपने यूएनजीए के हॉल में आज दिखे वे उतने ही विविध हैं जितने इस पोडियम पर खड़े लोग और उतने ही विविध हैं जितना संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के देशों का प्रतिनिधित्व है.  उन्होंने कहा, 'यह वास्तव में कुछ है. वास्तव में यह काफी महान इतिहास है.' ट्रम्प ने सऊदी अरब के साहसिक नये सुधारों और इस्राइली गणतंत्र की 70वीं जयंती का उदाहरण दिया.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए भारत को एक ‘मुक्त समाज’ बताया और अपने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए मंगलवार को भारत के प्रयासों की जमकर तारीफ की.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंगलवार को शुरू हुए जनरल डिबेट को दूसरी बार संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा, ‘भारत है, जहां का समाज मुक्त है और एक अरब से अधिक आबादी में लाखों लोगों को सफलतापूर्वक गरीबी से ऊपर उठाते हुए मध्यम वर्ग में पहुंचा दिया.’

करीब 35 मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्षों से संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में इतिहास देखा गया. उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष अपने देशों की चुनौतियों, अपने समय के बारे में चर्चा करने आए आए लोगों के भाषणों, संकल्पों और हर शब्दों एवं उम्मीदों में वहीं सवाल कौंधते हैं जो हमारे जेहन में उठते हैं.

ट्रम्प ने कहा, ‘यह सवाल है कि हम अपने बच्चों के लिए किस तरह की दुनिया छोड़कर जाएंगे और किस तरह का देश उन्हें उत्तराधिकार में मिलेगा.’ उन्होंने कहा कि जो सपने यूएनजीए के हॉल में आज दिखे वे उतने ही विविध हैं जितने इस पोडियम पर खड़े लोग और उतने ही विविध हैं जितना संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के देशों का प्रतिनिधित्व है.

उन्होंने कहा, ‘यह वास्तव में कुछ है. वास्तव में यह काफी महान इतिहास है.’ ट्रम्प ने सऊदी अरब के साहसिक नये सुधारों और इस्राइली गणतंत्र की 70वीं जयंती का उदाहरण दिया.

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 रूसी विमान खरीदने के लिए चीन के ऊपर लगाए अमेरिका ने कई  प्रतिबंध… http://www.shauryatimes.com/news/11726 Fri, 21 Sep 2018 06:42:12 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=11726 अमेरिका सरकार ने रूस से सुखोई एसयू-25 लड़ाकू विमान और जमीन से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइलें खरीदने के लिए चीनी सेना की एक अहम इकाई पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका ने कहा है कि चीन के रक्षा मंत्रालय के उपकरण विकास विभाग की खरीद ने रूस पर उसके प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस कार्रवाई का मकसद रूस की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के जवाब में उस पर हर्जाना लगाना है.

अमेरिका सरकार ने रूस से सुखोई एसयू-25 लड़ाकू विमान और जमीन से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइलें खरीदने के लिए चीनी सेना की एक अहम इकाई पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका ने कहा है कि चीन के रक्षा मंत्रालय के उपकरण विकास विभाग की खरीद ने रूस पर उसके प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस कार्रवाई का मकसद रूस की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के जवाब में उस पर हर्जाना लगाना है.’’   पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने भारत को भी ऐसे ही मामले में आगाह किया था कि रूस से हथियारों की खरीदने पर उसे अमेरिका से विशेष छूट मिलने की कोई गारंटी नहीं होगी. वॉशिंगटन इस बात को लेकर चिंतित है कि भारत अपने पुराने सहयोगी देश रूस से जमीन से हवा में लंबी दूरी की मारक क्षमता रखने वाली मिसाइल-रोधी प्रणाली एस-400 सहित अन्य हथियारों की खरीद कर रहा है. बताते चलें कि हाल के सालों में भारत अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी बनकर उभरा है.   ट्रंप ने बदले हथियार खरीद के नियम रूस के खिलाफ अमेरिका के मौजूदा नियमों के तहत अगर कोई देश रूस से रक्षा या खुफिया विभाग के क्षेत्रों में कोई लेन-देन या सौदे करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. इसी के तहत चीन पर ये प्रतिबंध लगाए गए हैं. लेकिन, रक्षा मंत्री जिम मैटिस के प्रयासों के बाद अमेरिकी संसद ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री को रूस के साथ सौदा करने वाले सहयोगी देशों को प्रतिबंधों से छूट देने का अधिकार दे दिया.   भारत को मिलेगी छूट पेंटागन में एशिया और प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक मंत्री रैंडल स्रीवर ने कहा था कि छूट देने वालों ने एक ऐसा माहौल बनाया है जिससे लगता है कि भारत को इस संबंध में छूट प्राप्त होगी ही, फिर चाहे वह कुछ भी करता रहे. उन्होंने कल कहा था, ‘‘मैं बताना चाहूंगा कि यह थोड़ी भ्रमित करने वाली बात है. हमें अभी भी इसकी चिंता है कि भारत रूस के साथ बड़े सौदे कर सकता है. यहां बैठकर मैं आपसे यह नहीं कह सकता कि उन्हें छूट मिलेगी ही और उनके लिए प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी."   आपको बता दें भारत ने रूस से S- 400 की खरीद को अमली जामा पहना दिया है. ये डील 40,000 करोड़ रुपए की है. भारत की एयरफोर्स में नई जान फूंकने के लिहाज़ से की गई इस डील को लेकर दोनों देश अमेरिका के उन प्रतिबंधों से बचने के उपाए खोज रहे हैं जो रूस से हथियार खरीद पर लगाए जाते हैं.

पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने भारत को भी ऐसे ही मामले में आगाह किया था कि रूस से हथियारों की खरीदने पर उसे अमेरिका से विशेष छूट मिलने की कोई गारंटी नहीं होगी. वॉशिंगटन इस बात को लेकर चिंतित है कि भारत अपने पुराने सहयोगी देश रूस से जमीन से हवा में लंबी दूरी की मारक क्षमता रखने वाली मिसाइल-रोधी प्रणाली एस-400 सहित अन्य हथियारों की खरीद कर रहा है. बताते चलें कि हाल के सालों में भारत अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी बनकर उभरा है.

ट्रंप ने बदले हथियार खरीद के नियम
रूस के खिलाफ अमेरिका के मौजूदा नियमों के तहत अगर कोई देश रूस से रक्षा या खुफिया विभाग के क्षेत्रों में कोई लेन-देन या सौदे करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. इसी के तहत चीन पर ये प्रतिबंध लगाए गए हैं. लेकिन, रक्षा मंत्री जिम मैटिस के प्रयासों के बाद अमेरिकी संसद ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री को रूस के साथ सौदा करने वाले सहयोगी देशों को प्रतिबंधों से छूट देने का अधिकार दे दिया.

भारत को मिलेगी छूट
पेंटागन में एशिया और प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक मंत्री रैंडल स्रीवर ने कहा था कि छूट देने वालों ने एक ऐसा माहौल बनाया है जिससे लगता है कि भारत को इस संबंध में छूट प्राप्त होगी ही, फिर चाहे वह कुछ भी करता रहे. उन्होंने कल कहा था, ‘‘मैं बताना चाहूंगा कि यह थोड़ी भ्रमित करने वाली बात है. हमें अभी भी इसकी चिंता है कि भारत रूस के साथ बड़े सौदे कर सकता है. यहां बैठकर मैं आपसे यह नहीं कह सकता कि उन्हें छूट मिलेगी ही और उनके लिए प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी.”

आपको बता दें भारत ने रूस से S- 400 की खरीद को अमली जामा पहना दिया है. ये डील 40,000 करोड़ रुपए की है. भारत की एयरफोर्स में नई जान फूंकने के लिहाज़ से की गई इस डील को लेकर दोनों देश अमेरिका के उन प्रतिबंधों से बचने के उपाए खोज रहे हैं जो रूस से हथियार खरीद पर लगाए जाते हैं.

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