असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 23 Oct 2018 05:00:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. http://www.shauryatimes.com/news/15325 Tue, 23 Oct 2018 05:00:43 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=15325  असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ दोपहर दो बजे मामले की सुनवाई शुरू करेगी. दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी की फाइनल सूची में नाम शामिल कराने के लिए आपत्तियां और दावे की प्रक्रिया शुरू करने की हरी झंडी दी थी और दावे और आपत्ति की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू करने को कहा था. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये प्रक्रिया 60 दिनों तक चलेगी. कोर्ट ने NRC मामले में राज्य संयोजक प्रतीक हजेला को निर्देश दिया था कि वे एनआरसी के अपडेशन की चल रही प्रक्रिया से संबंधित कोई भी जानकारी सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बगैर कार्यपालिका, विधायिका या न्यायिक प्राधिकरण से साझा नहीं करेंगे.

आपको बता दें कि असम में एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट गत 30 जुलाई को जारी हुआ था जिसमें करीब 40 लाख लोग बाहर रह गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि दावा पेश करते समय व्यक्ति दस दस्तावेजों में से किसी एक या उससे ज्यादा को आधार बना सकता है. बाकी के पांच दस्तावेजों कोआधार बनाए जाने पर कोर्ट ने संयोजक हजेला से 15 दिन में उनका नजरिया मांगा.

सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सभी 15 दस्तावेजों को आधार बनाने की इजाजत मांगते हुए कहा था कि असम के ज्यादातर लोग गांव में रहने वाले और कम पढ़े लिखे हैं, जो छूट गए हैं. उन्हें अपना दावा करने के लिए मौका मिलना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वैसे तो किसी को दोबारा मौका नहीं मिलना चाहिए बात सिर्फ दस्तावेजों की जांच परख की होती है, लेकिन इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वे रियायत करते हुए एक और मौका दे रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन पांच दस्तावेजों की इजाजत कोर्ट नहीं देना चाहता वे ऐसे दस्तावेज हैं जिन्हें फर्जी बनवाया जा सकता है. बाकी के दस दस्तावेज सरकारी एजेंसी से जारी हुए होंगे. हालांकि वे इन पांच दस्तावेजों को आधार बनाने का मामला पूरी तरह बंद नहीं कर रहे पहले वे इस पर हजेला की रिपोर्ट देखेंगे.

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