आइये जानते है आखिर क्यों रमजान के पाक महीने में रखा जाता है रोजा – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 14 Apr 2021 11:54:22 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 आइये जानते है आखिर क्यों रमजान के पाक महीने में रखा जाता है रोजा, जाने महत्व http://www.shauryatimes.com/news/108616 Thu, 15 Apr 2021 03:47:07 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=108616 इस समय त्योहारों का समय चल रहा है वही इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, नौवां माह रमजान का होता है। रमजान को रमदान भी बोला जाता है। मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों के लिए ये सबसे पाक माह होता है। रमदान के पहले रोजे की दिनांक चांद दिखने के पश्चात् तय की जाती है। इस बार 13 अप्रैल को रमदान का चांद देखा गया था तथा 15 अप्रैल को दूसरा रोजा रखा जाएगा है। चांद दिखने के अनुसार, रमजान का माह कभी 29 तो कभी 30 दिन का होता है। आइए जानते हैं कब आरम्भ हुई रोजे रखने की प्रथा…

इस्लाम धर्म के मुताबिक, रोजे रखने की प्रथा बहुत पुरानी है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, 610 ईसवी में जब इम्लामिक पैगंबर को पवित्र किताब कुरान का ज्ञान हुआ तभी से विश्वभर के मुस्लमान कुरान उतारने की याद मेंं रोजा रखते हैं। इसके पश्चात् रमजान के माह को पवित्र महीना माना गया है। वही इस पूरे माह इस्लाम धर्म के लोग सूर्योदय के साथ रोजे का आरम्भ करते हैं तथा सूर्यास्त की नमाज के साथ रोजा खोलते हैं। इसके अतिरिक्त इस माह को इसलिए भी पाक माना जाता है क्योंकि इस माह में पैंगबर साहब को अल्लाह ने अपने दूत के रूप में चुना था। इसलिए इस माह में रोजे रखना अनिवार्य माना गया है।

कैसे रखते हैं रोजा:- मुस्लमान समुदाय के व्यक्ति सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं। सूरज निकलने से पूर्व सहरी की जाती है, इसका अर्थ है कि प्रातः की अजान से पहले सहरी खा सकते हैं। सहरी के पश्चात् सूर्यास्त तक कुछ नहीं खाते-पीते हैं। शाम को नमाज पढ़ने के पश्चात् इफ्तार करते हैं। इस के चलते व्यक्तियों को अल्लाह की इबादत करनी होती है तथा अपने काम करने होते हैं। रोजे के चलते अपने मुंह पर नियंत्रण रखना होता है। इस के चलते किसी को भी तकलीफ देने वाला काम नहीं करना होता है। रोजे के चलते शारीरिक संबंध बनाने की मनाही है। यदि ऐसा हो जाता है तो सहरी से पहले पाक होना आवश्यक है।

किन लोगों को रोजा रखने की छूट:- रमजान के पाक माह में रोजे रखने की छूट बीमार तथा किसी यात्रा पर गए शख्स को दी गई है। इसके अतिरिक्त गर्भवती महिलाएं, पीरियड्स होने पर और बच्चों को भी छूट दी गई है। यदि कोई बीमार शख्स रोजा रखता है तो ब्लड टेस्ट या इंजेक्शन ले सकता हैं।

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