आखिरी बार जावा द्वीप में पाए गए थे होमो इरेक्टस – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 25 Dec 2019 07:15:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 आखिरी बार जावा द्वीप में पाए गए थे होमो इरेक्टस, ऐसे लगाया पता http://www.shauryatimes.com/news/70999 Wed, 25 Dec 2019 07:15:43 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=70999 आधुनिक मानव के पूर्वजों में से एक होमो इरेक्टस यानी नर वानर आखिरी बार इंडोनेशियाई द्वीप जावा के नगंडोंग में पाए गए थे। हालिया अध्ययन में कहा गया है कि मानवों की यह प्रजाति लगभग चार लाख साल पहले विलुप्त हो गई थी। अमेरिका की इवोआ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, आधुनिक मानवों के पूर्वजों की यह प्रजाति इंडोनेशियाई द्वीप पर एक लाख आठ हजार से लेकर एक लाख 17 हजार वर्ष पूर्व के बीच रहती थी।

नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इसका पता इसी इलाके में मिली हड्डियों के जीवाश्मों का अध्ययन कर लगाया गया। इस क्षेत्र में जानवरों के जीवाश्मों के साथ-साथ होमो इरेक्टस की 12 खोपड़ियां और पिंडलियों की दो हड्डियां मिली थीं।

पुरातत्वविदों ने धरती पर इस प्रजाति की संभावित आखिरी मौजूदगी का पता लगाने के लिए नगंडोंग के आसपास के इलाकों का अध्ययन किया। इवोआ यूनिवर्सिटी के मानव विज्ञान विभाग में प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक रसेल सियोकॉन ने कहा, ‘यह क्षेत्र दुनिया में कहीं भी पाए जाने वाले होमो इरेक्टस की आखिरी ज्ञात जगह है।’ उन्होंने आगे कहा कि हम यह नहीं कह सकते कि हमने इसकी विलुप्ति की तिथि निर्धारित की है, लेकिन हमने उनकी आखिरी मौजूदगी का पता लगाया है। हमारे पास इसका कोई सबूत नहीं है कि होमो इरेक्टस इसके अलावा कहीं और भी रहते थे।

ऐसे लगाया पता

जानवरों के जीवाश्म के टुकड़े और दोबारा खोजे गए जीवाश्म जैसे नमूनों का आकलन करने के बाद नए अनुमान लगाए गए थे। इससे पता चला कि ये वही जगह थे, जहां हॉलैंड के सर्वेक्षणकर्ताओं को 1930 में मूल होमो इरेक्टस के अवशेष मिले। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने दक्षिणी पहाड़ी गुफाओं में खनिजों का तिथि निर्धारण के जरिये यह भी अनुमान लगाया कि नगंडोंग के दक्षिणी पहाड़ पहली बार ऊपर की ओर उठे। इस जानकारी प्रयोग कर उन्होंने तय किया कि जब सोलो नदी नगंडोंग क्षेत्र से होकर बहने लगी, तो वहां नदी की तलहटी का निर्माण हुआ।

पर्यावरण बदलने के कारण हुए विलुप्त

शोधकर्ताओं के अनुसार, होमो इरेक्टस ने इंडोनेशियाई द्वीप समूह में अपना रास्ता बनाया और जावा द्वीप पर लगभग 16 लाख साल पहले पहुंचे। उनका कहना है कि तब नगंडोंग के आसपास का इलाकों में घास ही घास थी और पेड़-पौधों तथा जानवरों की संख्या भी अत्यधिक थी। हालांकि, लगभग एक लाख तीस हजार साल पहले नगंदोंग का पर्यावरण बदल गया, जिससे होमो इरेक्टस के लिए भी परेशानियां आने लगीं और धीरे-धीरे वे विलुप्त हो गए।

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