आज के दिन दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जा रहा है – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 29 Apr 2019 06:32:32 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 आज के दिन दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत 29 अप्रैल 19882 से हुई थी http://www.shauryatimes.com/news/41149 Mon, 29 Apr 2019 06:32:32 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=41149 आज के दिन दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत 29 अप्रैल 19882 से हुई थी. अंतरराष्ट्रीय डांस दिवस को सबसे पहले ITI (International theatre institute) ने मनाना शुरू किया था, जिसके बाद से यह पूरे विश्व में नृत्य के सम्मान में मनाया जाने लगा. बता दें नृत्य को कुछ सालों पहले तक काफी हीन नजरों से देखा जाता था, हालांकि आज भी देश के कई हिस्सों में डांस को किसी अच्छी नजर से नहीं देखा जाता, लेकिन पहले की अपेक्षा लोगों में डांस को लेकर जागरुकता आई है.

इसी कारण नृत्य की विभिन्न शैलियों और नृत्यांगनाओं को समाज में सम्मान दिलाने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई. अंतरराष्ट्रीय डांस दिवस को महान रिफॉर्मरजीन जॉर्ज नावेरे के जन्म दिवस के याद में मनाया जाता है.

जीन जॉर्ज नावेरे ने 1760 में ‘लेटर्स ऑन द डांस’ नाम की एक किताब भी लिखी थी. जिसमें उन्होंने डांस और उससे संबंधित विषयों पर अपने विचार बताए थे. उनके ही जन्मदिन को दुनिया भर में वर्ल्ड डांस डे के तौर पर मनाया जाता है. बता दें जॉर्ज एक फ्रेंच डांसर थे. जो कि बैले डांस में पारंगत थे. अपनी किताब ‘लेटर्स ऑन द डांस’ में जॉर्ज ने डांस की कई बारीकियों पर बात की गई थी. ‘लेटर्स ऑन द डांस’ के बाद जॉर्ज ने एक और किताब लिखी. जिसका नाम था ‘लेट्स मीट द बैले’. इसमें बैले के बारे में काफी कुछ बताया गया था.

नृत्य कि विभिन्न विधाओं को लेकर भरतनाट्यम की माहिर नृत्यांगना और पद्मश्री गीता चंद्रन का कहना है कि ‘विश्व नृत्य दिवस दुनिया भर के तमाम नृत्य साधकों के लिए एकता का प्रतीक है. जो किसी भी डांस फॉर्म में पारंगत हों, लेकिन एक नृतक होने के नाते वह एक दूसरे की विधा को समझते हैं और उससे जुड़ते हैं. मेरे लिए इस दिन का मतलब सिर्फ डांस का सम्मान नहीं बल्कि बदलाव और पुर्नसंरचना का दौर है. नृत्य इन दिनों एक साधना बन चुका है. इसमें कई तरह की वित्तीय असुरक्षा हैं और यही कारण है कि आज भी कई युवा डांस आने के बाद भी इस प्रोफेशन में नहीं आना चाहते, लेकिन मैं नृत्य के भविष्य को लेकर आज भी आशान्वित हूं.’

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