इंटरनेट पर फेक न्यूज की भरभार – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 13 Feb 2021 07:07:28 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 इंटरनेट पर फेक न्यूज की भरभार, सूचना असली है या फर्जी इन तरीकों से खुद करें पहचान http://www.shauryatimes.com/news/102445 Sat, 13 Feb 2021 07:07:28 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=102445 सुप्रीम कोर्ट ने ट्विटर और केंद्र सरकार को फर्जी खबरों के मामले में नोटिस जारी कर कहा है कि घृणा फैलाने वाले फर्जी संदेश और विज्ञापनों पर रोकथाम के लिए एक व्यवस्था बनाई जानी चाहिए। जब से इंटरनेट मीडिया पर निर्भरता बढ़ी है तभी से फर्जी न्यूज की भी भरमार हुई है। सूचना के प्राथमिक स्नोतों से दूर लोग इंटरनेट मीडिया पर मौजूद फर्जी संदेशों और खबरों को असल मान लेते हैं। हमें फर्जी खबरों से बचना होगा, क्योंकि कई बार इस आधार पर बनी अवधारणा देश और समाज के लिए नुकसानदायक साबित होती है। ऐसे में फर्जी सामग्री की ऐसे करें पहचान:

स्नोत के पड़ताल की जरूरत 

खबर पढ़ते समय सबसे पहले स्नोत या वेबसाइट की जांच करें। इसका उद्देश्य समझें और संपर्क की जानकारी प्राप्त करें। तभी समझ पाएंगे कि आप खबर पढ़ रहे हैं या व्यंग्य या फिर राय।

असामान्य डोमेन से रहें सावधान 

असामान्य और उच्च स्तरीय डोमेन नामों जैसे .कॉम.सीओ इत्यादि से सावधान रहें। एक नजर में देखकर विश्वास न करें क्योंकि कई बार ये वैध दिखने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

त्रुटियों पर रखें नजर

यदि लेख में वर्तनी की त्रुटियां हैं या नाटकीय विराम चिह्नों का अधिक प्रयोग किया गया है, तो यहां भी आपके कान खड़े हो जाने चाहिए। सम्मानित संस्थानों में उच्च स्तरीय प्रूफरीडिंग होती है।

अन्य स्नोतों की भी लें मदद

मिलती जुलती खबरों और हेडलाइन देखें। अन्य वेबसाइट से जानकारी सत्यापित करें। विषय के बारे में अधिकाधिक तथ्य जुटाएं। राय को खबर से अलग करके पहचानने का यह बेहतर तरीका है।

लेखक के बारे में जानें

खबर की सत्यता जांचने का एक बेहतर तरीका है लेखक के बारे में जानना। देखें कि संबंधित विषय पर लेखक की अर्हता है या नहीं। विषय विश्वसनीय है या नहीं।

सहायक लिंक की सहायता लें

सहायक लिंक पर क्लिक करें और तस्वीरों पर रिवर्स खोज करें। देखें कि क्या वे वास्तव में कहानी का समर्थन करते हैं, या अप्रासंगिक हैं।

पुराने समाचारों को पुन: प्रसारित करना

कभी-कभी पुराने समाचारों को फिर से साझा किया जाता है और वर्तमान घटनाओं के कारण ये ध्यान भी प्राप्त कर लेते हैं। इसका अर्थ यह नहीं कि पुराना समाचार वर्तमान संदर्भों में भी प्रासंगिक है।

खबर में मुनाफे का अनुपात परखें

सबसे महत्वपूर्ण और ध्यान देने योग्य यय बिंदु है कि खबर में मुनाफाखोरी इत्यादि पहलुओं का कितना अनुपात है और उपभोक्ताओं के लिए यह कितना उपयोगी है।

विशेषज्ञों से संपर्क करें

असामान्य तथ्य दिखने पर क्षेत्र के संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करने की कोशिश करें और ठीक तरह से पड़ताल करें।

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