इस तरह के आटे की रोटियों के सेवन से कोंट्रॉल करें शुगर की बिमारी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 05 Jan 2020 09:30:18 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 इस तरह के आटे की रोटियों के सेवन से कोंट्रॉल करें शुगर की बिमारी http://www.shauryatimes.com/news/72646 Sun, 05 Jan 2020 09:30:18 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=72646 क्या आप जानते है कि डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस बीमारी का सबसे प्रमुख कारण गलत खान-पान और खराब जीवन शैली है. वहीं भारत में डायबिटीज से पीड़ित 25 वर्ष से कम आयु के हर 4 लोगों में से एक को टाइप 2 मधुमेह है. इस बीमारी में खुद का सही से ख्याल नहीं रखने पर व्यक्ति की हालात इतनी बिगड़ सकती है कि उसकी जान भी जा सकती है. टाइप 2 मधुमेह के लक्षण समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होते हैं. इस बीमारी के चपेट में आने के बाद आहार पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.

हाई-फाइबर वाली रोटियां: डायबिटीज से पीड़ित लोगों को हाई-फाइबर वाली रोटियां खानी चाहिए. फाइबर वाले अनाज से बने आटे की रोटियां हाई ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद भी करती हैं. जवार, बाजरा, ओट्स, किनवा और ब्रैन जैसे अनाज हाई फाइबर की श्रेणी में आते हैं. इन अनाजों में फआइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे ग्लाइसेमिक रिसपॉन्स बेहतर रहता है.

कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरी काउंट: वहीं भोजन में कार्ब्स की अधिक मात्रा ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकती है. कार्बोहाइड्रेट कार्ब्स का ही एक रूप है. इसलिए जब भी आप कोई रोटी या सैंडविच बनाएं तो ऐसी ब्रेड चुने जिनमें कार्ब्स की मात्रा कम हो. मल्टी ग्रेन या होल ग्रेन ब्रेड का इस्तेमाल एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इस तरह के ब्रेड में कैलोरी काउंट कार्ब्स का इंटेक कम रखना आसान होता है.

होल ग्रेन आटे का इस्तेमाल: हम आपको बता दें कि डायबिटीज मरीज को होल ग्रेन आटे का सेवन करना चाहिए. गेहूं के आटे के जगह रागी, बाजरा और जई जैसे अनाज के आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर घर में साधारण गेहूं का आटा है तो आप उसमें रागी, सोयाबीन, मकई का आटा या बाजरे का आटा मिला सकते हैं.

चने की रोटी: जंहा डायबिटीज के मरीजों के लिए चने की रोटी वरदान है क्योंकि कई बार डॉक्टर केवल गेंहू के आटे की रोटी खाने से मना करते हैं. चने और गेहूं के मिक्स आटे की रोटी बनाने से स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही इसको खाने से शुगर का स्तर भी सामान्य बना रहता है. इसीलिए इस रोटी को मरीजों को प्रतिदिन खाने की सलाह दी जाती है.

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