इस तरह के कारणों से आजकल के बच्चे हो रहे हैं ज्यादा गुस्सैल – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 31 Mar 2019 11:21:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 इस तरह के कारणों से आजकल के बच्चे हो रहे हैं ज्यादा गुस्सैल http://www.shauryatimes.com/news/37598 Sun, 31 Mar 2019 11:21:03 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=37598 आज की लाइफस्टाइल यूथ्स के नेचर को बदल रही है. ऐसे में लोग चिड़चिड़े हो रहे हैं और अधिक गुस्सा कर रहे हैं. इसके अलावा बच्चे बहुत ही जिद्दी स्वभाव वाले हो गए हैं और उनको जो भी चाहिए वह बस चाहिए ही चाहिए. वाहन गुस्से  की बात करें तो कम उम्र में ही बच्चों को इतना गुस्सा आने लगा है जिसके  बारे में आप सोच भी नहीं सकते कि इसे कैसे कण्ट्रोल किया जाये. तो चलिए जानते हैं बच्चों की इस आदत को कैसे दूर किया जाए. 

अगर आपके परिवार का माहौल ऐसा है कि उसके सदस्‍य अकसर आपस में लड़ते-झगड़ते रहते हैं और एक-दूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं तो इसका असर बच्‍चे के व्‍यवहार पर भी पड़ता है. हम उम्र बच्‍चों के साथ हेल्‍दी कंपीटिशन बच्‍चों के विकास में सकारात्‍मक भूमिका अदा करता है. पर यही प्रतियोगिता जब प्रेशर में बदल जाती है तो यह बच्‍चों में गुस्‍सा और चिडचिडापन पैदा करती है. कई बार ऐसा देखा गया है कि कम होनहार बच्‍चे ज्‍यादा होनहार दोस्‍तों या रिश्‍तेदारों से चिढ़ रखने लगते हैं. ऐसे में उन्हें आप सपोर्ट करें. 

आपको बता दें, यह बच्‍चों में बढ़ते गुस्‍से का इन दिनों सबसे बड़ा कारण बन गया है. सीनियर्स द्वारा बुलिंग किए जाने से बच्‍चों के भीतर गुस्‍सा और तनाव बढ़ता जाता है. जिसकी परिणति किसी हिंसक प्रतिक्रिया के रूप में भी हो सकती है. ऐसे में सभी चाहते हैं कि उनका बच्‍चा हर प्रतियोगिता में सफल हो. इसके‍ लिए हम न सिर्फ बच्‍चों पर पढ़ाई का प्रेशर बनाते हैं, बल्कि उसके भविष्‍य के लिए उसे कोचिंग सेंटर, होस्‍टल भेजने से भी नहीं कतराते. जबकि बच्‍चा उन प्रेशर्स को झेलने के लिए तैयार नहीं होता.  

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