इस पर एएसजी ने खेद प्रकट किया – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 02 Nov 2018 08:52:39 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपकी इस कार्यशैली से दिल्ली धराशायी हो जाएगी, इस पर एएसजी ने खेद प्रकट किया http://www.shauryatimes.com/news/16993 Fri, 02 Nov 2018 08:52:39 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=16993 अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई पर अधिकारियों के ढीले रवैये से नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर यही हाल रहा तो दिल्ली ध्वस्त हो जाएगी। गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि जब किसी को दिल्ली की परवाह नहीं है तो हम क्यों परवाह करें? हम सुनवाई बंद कर देते हैं। अधिकारी यह बताने में नाकाम रहे कि दक्षिणी दिल्ली में किए गए सर्वे में कितने अवैध निर्माण पाए गए और उन पर क्या कार्रवाई हुई। कोर्ट इसी बात से नाराज था। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ सीलिंग मामले में सुनवाई कर रही है।

गुरुवार को कोर्ट को बताया गया कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और एलएनडीओ ने अवैध निर्माण के बारे में सर्वे किया है, लेकिन, जब कोर्ट ने सर्वे के आंकड़े मांगे तो पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने कहा कि आंकड़े उनके पास नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि चार महीने पहले सर्वे हुआ था और अभी तक आपके पास आंकड़े नहीं हैं कि कितना अवैध निर्माण है।

एएसजी ने कल तक आंकड़े देने की बात कही, लेकिन कोर्ट इस पर राजी नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि अभी अफसरों से पूछ कर बताइए। वकील अफसर से पूछने गए और इस बीच करीब 15 मिनट तक कोर्ट की कार्यवाही रुकी रही।

वकील ने लौटकर बताया कि सर्वे हो गया है, परंतु रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है, वह तैयार हो रही है। कोर्ट ने कहा कि इसी से पता चलता है कि आपके अफसर कितने काबिल हैं। चार महीने में रिपोर्ट तक तैयार नहीं हुई। नाराज जस्टिस लोकुर ने कहा कि आप सर्वे में महीनों लेते हैं। फिर रिपोर्ट तैयार करने में महीनों लेते हैं। फिर नोटिस देने में महीनों लेते हैं और फिर कार्रवाई में महीनों लगाते हैं।

आपकी इस कार्यशैली से दिल्ली धराशायी हो जाएगी और फिर आप कहेंगे कि याचिका महत्वहीन हो गई है। इस पर एएसजी ने खेद प्रकट किया तो कोर्ट ने कहा कि आप खेद मत व्यक्त कीजिए। अपने अधिकारियों की काबिलियत देखिए।

कोर्ट ने कल तक आंकड़े पेश करने का आदेश देते हुए मामले को शुक्रवार को फिर सुनवाई पर लगाया है। कोर्ट को बताया गया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को सीलिंग से पूर्व नोटिस भेजने पर केंद्र और सुनवाई में मदद कर रहे न्यायमित्र के बीच बैठक नहीं हुई है।

न्यायमित्र ने इस बारे में कोर्ट में सुझाव दिए। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 48 घंटे व अधिकतम 96 घंटों में कार्रवाई करने की प्रक्रिया वाले न्यायमित्र के सुझाव पर सरकार से निर्देश लेने के लिए एएसजी और डीडीए के वकील ने समय मांग लिया है।

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