इस वजह से भगवान शिव के कैलाश पर्वत पर नहीं जा पाते हैं लोग – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 07 Dec 2019 11:46:11 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 इस वजह से भगवान शिव के कैलाश पर्वत पर नहीं जा पाते हैं लोग http://www.shauryatimes.com/news/68350 Sat, 07 Dec 2019 11:46:11 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=68350 आप सभी इस बात से वाकिफ होंगे कि हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत का बहुत महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है. इसी के साथ इन सभी के बीच सोचने वाली बात यह है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को अभी तक 7000 से ज्यादा लोग फतह कर चुके हैं, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है, लेकिन कैलाश पर्वत पर आज तक कोई नहीं चढ़ पाया, जबकि इसकी ऊंचाई एवरेस्ट से लगभग 2000 मीटर कम यानी 6638 मीटर है. आज तक इस बात का रहस्य बना हुआ है कि आखिर ऐसा क्यों…? इसके पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं.

इस बारे में कुछ लोगों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर शिव जी निवास करते हैं और इसीलिए कोई जीवित इंसान वहां ऊपर नहीं पहुंच सकता. इसी के साथ उनका कहना है मरने के बाद या वह जिसने कभी कोई पाप न किया हो, केवल वही कैलाश फतह कर सकता है. इसी के साथ ऐसा भी मान्यता है कि कैलाश पर्वत पर थोड़ा सा ऊपर चढ़ते ही व्यक्ति दिशाहीन हो जाता है और बिना दिशा के चढ़ाई करना मतलब मौत को दावत देना है, इसीलिए कोई भी इंसान आज तक कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पाया. वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स को माने तो एक पर्वतारोही ने अपनी किताब में लिखा था कि उसने कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश की थी, लेकिन इस पर्वत पर रहना असंभव था, क्योंकि वहां शरीर के बाल और नाखून तेजी से बढ़ने लगते हैं और इसके अलावा कैलाश पर्वत बहुत ही ज्यादा रेडियोएक्टिव भी है.

इसी के साथ कहा जाता है कैलाश पर्वत का स्लोप (कोण) भी 65 डिग्री से ज्यादा है, जबकि माउंट एवरेस्ट में यह 40-60 तक है, जो इसकी चढ़ाई को और मुश्किल बनाता है. ये भी एक वजह है कि पर्वतारोही एवरेस्ट पर तो चढ़ जाते हैं, लेकिन कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पाते. ऐसा भी कहा जाता है 92 साल पहले यानी साल 1928 में एक बौद्ध भिक्षु मिलारेपा ही कैलाश पर्वत की तलहटी में जाने और उस पर चढ़ने में सफल रहे थे और वह इस पवित्र और रहस्यमयी पर्वत पर जाकर जिंदा वापस लौटने वाले दुनिया के पहले इंसान थे.

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