उत्तरकाशी जिले में पंडित रामदयाल गोसेवा की मुहिम में जुटे हैं। साथ ही वे विदेशियों को भी गोसेवा का संदेश दे रहे हैं – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 02 Nov 2018 08:59:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 उत्तरकाशी जिले में पंडित रामदयाल गोसेवा की मुहिम में जुटे हैं। साथ ही वे विदेशियों को भी गोसेवा का संदेश दे रहे हैं http://www.shauryatimes.com/news/17000 Fri, 02 Nov 2018 08:59:38 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=17000 सनातनी परंपरा में गाय को मां का दर्जा दिया गया है। कहा गया है कि गोसेवा के बिना मनुष्य का कल्याण संभव नहीं। शायद इसी भाव ने पंडित रामदयाल नौटियाल को गोसेवा के लिए प्रेरित किया। पिछले 12 वर्षों से वह पूरे मनोयोग से गोसेवा की मुहिम में जुटे हैं। खास बात यह कि नौटियाल की इस मुहिम को सार्थक बनाने में विदेशी पर्यटक भी उनकी हरसंभव मदद कर रहे हैं। 

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर विकासखंड मुख्यालय डुंडा पड़ता है। यहां से करीब 50 किमी दूर भंडास्यूं पट्टी के ग्राम जोग्याणा में पंडित रामदयाल नौटियाल की एक गोशाला है। जहां वर्तमान में 35 निराश्रित मवेशी रह रहे हैं। नौटियाल स्वयं पूजा पाठ, ज्योतिष और पर्यटक गाइड बनकर अपनी आजीविका चलाते हैं। कहते हैं, ‘अप्रैल 2008 में जापान का एक दल उनके साथ क्षेत्र में भ्रमण पर आया था। दल के एक सदस्य चीमकुरा की आंखें अज्ञात बीमारी की चपेट में आ गई थीं। तब मैंने उनके लिए सात दिन के गो अनुष्ठान के साथ पूजा-पाठ किया। आश्चर्यजनक यह कि अनुष्ठान के कुछ दिन बाद उनकी आंखें पूरी तरह ठीक हो गईं। 

चीमकुरा को अज्ञात बीमारी से निजात मिलने के कारण उसके दल की आस्था गाय के प्रति अटूट हो गई। फिर तो दल के सदस्य हर साल मेरी गोशाला में घूमने आने लगे। साथ ही वे यहां गो सेवा में भी जुट गए।’ कहते हैं, वह अपनी इस मुहिम के तहत अब विभिन्न देशों के पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं। ताकि गोवंश का संरक्षण हो सके। 

गोसेवा को विदेशियों ने दी ढाई लाख से अधिक की राशि 

पंडित रामदयाल नौटियाल बताते हैं कि गोसेवा से अभिभूत होकर जापान के कैंज्यो सोमी ने अलग-अलग वर्षों में 50-50 हजार के हिसाब से डेढ़ लाख रुपये का सहयोग दिया। इसी तरह नीदरलैंड की मारिया ने गो-छानी (गोशाला) बनाने को 80 हजार और स्वीडन की सोफिया ने गोसेवा के लिए 35 हजार रुपये की मदद की। इन विदेशी पर्यटकों के संपर्क में वह सोशल मीडिया पर भी हैं। विदेशी हर समय गोसेवा के बारे में जानकारी प्राप्त करते रहते हैं। 

विदेशी पर्यटकों को इन हिमालयी क्षेत्रों का करा रहे भ्रमण 

एक गाइड के रूप में नौटियाल विदेशी पर्यटकों को हिमालय की वादियों का भ्रमण भी कराते हैं। बताते हैं कि अब तक वह जापान, अमेरिका, चीन, नीदरलैंड, स्वीडन, स्पेन, आस्ट्रेलिया आदि देशों के दर्जनों  पर्यटकों को उत्तरकाशी जिले के हरकीदून, केदारकांठा, गंगोत्री, यमुनोत्री, सप्तऋषि कुंड, डोडीताल, संगमचट्टी, हर्षिल, सहस्रताल, दयारा बुग्याल, चौरंगी, गोमुख, तपोवन, नंदनवन, रक्तवन, सुंदरवन आदि स्थलों का भ्रमण करा चुके हैं। 

गोसेवा के नाम पर गदगद हो जाती हैं मारिया 

नौटियाल ने बताया कि नीदरलैंड की मारिया वर्ष 2009 में हिमालय भ्रमण के दौरान उनकी गोशाला में आई थीं। यहां उन्होंने कुछ दिन रहकर गोसेवा की। अब उनकी उम्र करीब 80 वर्ष हो गई है। लेकिन, सोशल मीडिया पर उनसे वीडियो कॉल होती रहती है। वह गोसेवा के नाम पर गदगद हो जाती हैं। 

 

]]>