उत्तरी बंगाल दशकों तक कांग्रेस का मजबूत गढ़ नेता एबीए गनी खान चौधरी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 22 Jan 2019 05:33:25 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 उत्तरी बंगाल दशकों तक कांग्रेस का मजबूत गढ़ नेता एबीए गनी खान चौधरी http://www.shauryatimes.com/news/28833 Tue, 22 Jan 2019 05:33:25 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=28833 बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मालदा में रैली के साथ बुधवार को पश्चिम बंगाल में लोकसभा के लिए पार्टी के चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे. गौरतलब है कि शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में कोलकाता में संयुक्त विपक्ष की महारैली का आयोजन हुआ था. उत्तरी बंगाल का सीमावर्ती जिला मालदा दशकों तक कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा जहां उसके कद्दावर नेता एबीए गनी खान चौधरी और उनके परिवार का दबदबा रहा. हालांकि, 2011 में सत्ता परिवर्तन के बाद तृणमूल कांग्रेस ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है.

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा, ‘‘अमित शाह मालदा जिले से कल बंगाल में लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार की शुरुआत करेंगे.  इसके बाद 23 जनवरी को झारग्राम और बीरभूम जिले के सुरी में उनकी दो रैलियां होंगी. ’’ शाह की रैलियां रविवार से ही शुरू होनी थीं, लेकिन स्वाइन फ्लू होने के कारण भाजपा अध्यक्ष को एम्स में भर्ती होना पड़ा.

राज्य भाजपा को लगता है कि शाह की रैली कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की ओर से 19 जनवरी को आयोजित विपक्ष के महारैली का सही जवाब होगी. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘वह (शाह) विपक्ष की रैली का सही जवाब देंगे.  वह लोकसभा चुनाव के लिए रूख तय करेंगे.  हमें यकीन है कि बंगाल की 42 में 22 से ज्यादा सीटें मिलेंगी. ’’

आम चुनाव के लिए भाजपा ने पश्चिम बंगाल को प्राथमिकता राज्य के तौर पर चुना है.  शाह ने राज्य की 42 में से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. राज्य भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियां भी आयोजित करना चाहती है, लेकिन अभी कुछ पक्का नहीं है.

शाह की रैलियों पर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘वे लोग (भाजपा के वरिष्ठ नेता) जितनी बार चाहें आ सकते हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि वह लोकसभा चुनाव हारने वाले हैं. ’’ गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में भाजपा राज्य में मुख्य विपक्ष के रूप में ऊभरी है. यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में हुए उपचुनावों में भी उसकी स्थिति सुधरी है.

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