उत्तर प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करने की कार्ययोजना प्रक्रिया हुई प्रारम्भ – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 25 Aug 2020 10:54:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 उत्तर प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करने की कार्ययोजना प्रक्रिया हुई प्रारम्भ http://www.shauryatimes.com/news/82051 Tue, 25 Aug 2020 10:54:03 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=82051 इस समय उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कार्ययोजना बनाना शुरू कर दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिए शिक्षकों से भी सुझाव लेने के बारे में खबरें हैं. जी दरअसल हाल ही में शासन ने सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को नई शिक्षा नीति में प्रस्तावित विषयों पर वेबिनार या वर्चुअल कांफ्रेंस कराने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसी के साथ क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि, ‘वे नई शिक्षा नीति 2020 के प्रस्तावित विषयों में से कोई एक विषय चुन ले. उसके बाद अपने क्षेत्र में आने वाले राजकीय या सहायता प्राप्त महाविद्यालय में वेबिनार आयोजित कर दें. वहीं इसके लिए तिथियां निर्धारित कर लें और इसकी सूचना पांच सितंबर तक उपलब्ध करवा दें. वेबिनार से आने वाले निष्कर्षों से संक्षिप्त एवं सारगर्भित सारांश तैयार किया जाएगा. उसके बाद उसे उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से शासन को उपलब्ध करवा दिया जाएगा.’

इसी के साथ यह भी खबरें हैं कि वेबिनार में उच्चतर शिक्षा संस्थानों को बड़े और बहुविषयक विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि उसका क्रियान्वयन करने, श्रेणीबद्ध मान्यता की एक पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से महाविद्यालयों को ग्रेडेड स्वायत्तता देने के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया की स्थापना की जाए.

वहीं अगर ऐसा नहीं हो पा रहा है तो इस पर विचार-विमर्श कर लिया जाए और उच्चतर शिक्षा संस्थानों के लिए सार्वजनिक वित्तपोषण की व्यवस्था के लिए सुझाव प्राप्त किये जाए. इसके अलावा उच्चतर शिक्षण संस्थानों द्वारा जीवन पर्यंत सीखने के अवसरों को मुहैया कराने के लिए दूरस्थ शिक्षा एवं आनलाइन कोर्स को संचालित करने की योजना बनाने के लिए भी कहा गया है. इसी के साथ सुझाव देने, डिग्री कार्यक्रमों की अवधि एवं संरचना में बदलाव के लिए विचार-विमर्श करने और शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए कार्ययोजना बनाने जैसे विषय पर भी चर्चा करने के लिए कहा जा चुका है.

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