उमा भारती का बाबा रामदेव को लिखा पत्र आप भी पढ़े – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 02 Jul 2018 06:20:07 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 उमा भारती का बाबा रामदेव को लिखा पत्र आप भी पढ़े http://www.shauryatimes.com/news/4866 Mon, 02 Jul 2018 06:20:07 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=4866 योग गुरु बाबा रामदेव का गंगा की सफाई पर असंतोष जताते हुए नितिन गडकरी की तारीफ करना केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को नहीं सुहाया है. बाबा रामदेव ने दो मंत्रियों के कामों की तुलना करते हुए कहा था कि आज भी गंगा दूषित ही है. बाबा रामदेव ने कहा कि गंगा पर काम तो हुआ है, लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए. उमा भारती ने बाबा रामदेव के इस बयान का जवाब एक पत्र लिख कर दिया है. उमा ने लिखा कि इस योजना में शुरू से ही नितिन जी भागीदारी रहे हैं. अब वे मेरी भी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं. गंगा पर पहले जो हुआ उसमें उनकी भूमिका थी, अब जो हो रहा उसमें मेरी भूमिका है. इसमें तुलना नहीं हो सकती. पहले प्लानिंग की स्टेज थी और अब क्रियान्वयन की स्टेज है. 2019 तक गंगा के संबंध में प्रधानमंत्री जी संकल्प पूरा कर देंगे.  योग गुरु बाबा रामदेव का गंगा की सफाई पर असंतोष जताते हुए नितिन गडकरी की तारीफ करना केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को नहीं सुहाया है. बाबा रामदेव ने दो मंत्रियों के कामों की तुलना करते हुए कहा था कि आज भी गंगा दूषित ही है. बाबा रामदेव ने कहा कि गंगा पर काम तो हुआ है, लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए. उमा भारती ने बाबा रामदेव के इस बयान का जवाब एक पत्र लिख कर दिया है. उमा ने लिखा कि इस योजना में शुरू से ही नितिन जी भागीदारी रहे हैं. अब वे मेरी भी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं. गंगा पर पहले जो हुआ उसमें उनकी भूमिका थी, अब जो हो रहा उसमें मेरी भूमिका है. इसमें तुलना नहीं हो सकती. पहले प्लानिंग की स्टेज थी और अब क्रियान्वयन की स्टेज है. 2019 तक गंगा के संबंध में प्रधानमंत्री जी संकल्प पूरा कर देंगे. गौरतलब है कि योगगुरु रामदेव ने गंगा स्वच्छता कार्यक्रम के संदर्भ में ये बात लंदन में एक टीवी चैनल से बातचीत में कह दी थी.बाबा ने कहा था कि उमा जी की फाइल आफिस में अटक जाती है जबकि गडकरी जी की फाइल नहीं अटकती. उन्होंने कहा था कि देश में सबसे ज्यादा किसी मंत्री का काम दिखता है तो वह नितिन गडकरी का है.    पत्र में उमा भारती ने ये भी बताया कि इन विषयों की अंदरूनी जानकारी प्रधानमंत्री, नितिन गडकरी और मेरे अलावा किसी को नहीं हो सकती. लिहाजा इस बारे में बाहर निकली जानकारी भ्रामक हो सकती है. उमा भारती ने कहा कि गंगा पर किए गए कार्य से मुझे संतोष है. नितिन गडकरी भी इसकी प्रशंसा करते हैं. उमा ने कहा कि मुझे आपके द्वारा गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना अजीब लगा. मैं स्वयं भी नितिन गडकरी जी की प्रशंसक हूं. साथ ही उनकी संगत में काम करके में गर्व महसूस करती हूं. उमा भारती ने कहा कि पूरी दुनिया के सामने लंदन से एक टीवी चैनल पर मेरे बारे में चर्चा करते समय शायद यह आपको ध्यान नहीं रहा कि आप मुझे निजी तौर पर आहत और मेरे आत्मसम्मान पर आघात कर रहे हैं.    पत्र में आगे उन्होंने कहा कि आठ साल की उम्र से अभी तक इन 50 सालों में घोर परिश्रम, विचारनिष्ठा और राष्ट्रवाद मेरी शक्ति है. यही मेरी विश्ववसनीयता के आधार रहे. इसी से देश की राजनीति में, भाजपा और संगठन में मुझे उचित स्थान मिले. चालाकी, चापलूसी और साजिश मुझे आती नहीं. इसके बिना ही मेरा काम चल गया और आगे भी चल जाएगा. उमा ने बाबा रामदेव को अपना मार्गदर्शक बताते हुए उन्हें याद दिलाया कि आपके मुंह से निकला कोई भी जुमला मुझे हानि पहुंचा सकता है. पत्र के अंत में उन्होंने ये भी कहा कि मेरा जीवन तो गंगा से जुड़ चुका है. अपनी जान पर खेलकर भी गंगा का कार्य करके रहूंगी और रिवर लिंकिंग योजना को भी लागू करवाकर रहूंगी.   उमा भारती की नाराजगी के कुछ ही घंटे के भीतर बाबा रामदेव ने साफ कर दिया कि उन्हें आहत करने का कोई इरादा नहीं था. बाबा ने ट्वीट कर कहा कि उमा भारती के साथ मेरा आध्यात्मिक भाई-बहन का संबंध है. उनके सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी. मेरा मकसद गंगा की कार्ययोजना पर उन्हें आ रही प्रारम्भिक व प्रशासनिक कठिनाइयों की ओर इशारा करना भर था. उनकी गंगा-निष्ठा, धर्म-निष्ठा और राष्ट्र-निष्ठा प्रशंसनीय है.

गौरतलब है कि योगगुरु रामदेव ने गंगा स्वच्छता कार्यक्रम के संदर्भ में ये बात लंदन में एक टीवी चैनल से बातचीत में कह दी थी.बाबा ने कहा था कि उमा जी की फाइल आफिस में अटक जाती है जबकि गडकरी जी की फाइल नहीं अटकती. उन्होंने कहा था कि देश में सबसे ज्यादा किसी मंत्री का काम दिखता है तो वह नितिन गडकरी का है.

पत्र में उमा भारती ने ये भी बताया कि इन विषयों की अंदरूनी जानकारी प्रधानमंत्री, नितिन गडकरी और मेरे अलावा किसी को नहीं हो सकती. लिहाजा इस बारे में बाहर निकली जानकारी भ्रामक हो सकती है. उमा भारती ने कहा कि गंगा पर किए गए कार्य से मुझे संतोष है. नितिन गडकरी भी इसकी प्रशंसा करते हैं. उमा ने कहा कि मुझे आपके द्वारा गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना अजीब लगा. मैं स्वयं भी नितिन गडकरी जी की प्रशंसक हूं. साथ ही उनकी संगत में काम करके में गर्व महसूस करती हूं. उमा भारती ने कहा कि पूरी दुनिया के सामने लंदन से एक टीवी चैनल पर मेरे बारे में चर्चा करते समय शायद यह आपको ध्यान नहीं रहा कि आप मुझे निजी तौर पर आहत और मेरे आत्मसम्मान पर आघात कर रहे हैं.

 

पत्र में आगे उन्होंने कहा कि आठ साल की उम्र से अभी तक इन 50 सालों में घोर परिश्रम, विचारनिष्ठा और राष्ट्रवाद मेरी शक्ति है. यही मेरी विश्ववसनीयता के आधार रहे. इसी से देश की राजनीति में, भाजपा और संगठन में मुझे उचित स्थान मिले. चालाकी, चापलूसी और साजिश मुझे आती नहीं. इसके बिना ही मेरा काम चल गया और आगे भी चल जाएगा. उमा ने बाबा रामदेव को अपना मार्गदर्शक बताते हुए उन्हें याद दिलाया कि आपके मुंह से निकला कोई भी जुमला मुझे हानि पहुंचा सकता है. पत्र के अंत में उन्होंने ये भी कहा कि मेरा जीवन तो गंगा से जुड़ चुका है. अपनी जान पर खेलकर भी गंगा का कार्य करके रहूंगी और रिवर लिंकिंग योजना को भी लागू करवाकर रहूंगी.

उमा भारती की नाराजगी के कुछ ही घंटे के भीतर बाबा रामदेव ने साफ कर दिया कि उन्हें आहत करने का कोई इरादा नहीं था. बाबा ने ट्वीट कर कहा कि उमा भारती के साथ मेरा आध्यात्मिक भाई-बहन का संबंध है. उनके सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी. मेरा मकसद गंगा की कार्ययोजना पर उन्हें आ रही प्रारम्भिक व प्रशासनिक कठिनाइयों की ओर इशारा करना भर था. उनकी गंगा-निष्ठा, धर्म-निष्ठा और राष्ट्र-निष्ठा प्रशंसनीय है.

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