एक ऐसा मोबाइल एप्लीकेशन की वह इंसान की तरह करता है बातें – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 17 Dec 2018 06:00:34 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 एक ऐसा मोबाइल एप्लीकेशन इंसान की तरह करता है बातें, टेक फेस्ट में छाया रहा एंड्रॉयड-U रोबोट http://www.shauryatimes.com/news/22974 Mon, 17 Dec 2018 06:00:34 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=22974  IIT मुंबई का टेकफेस्ट खत्म हो चुका है जिसमें देश विदेश से आए छात्रों ने फिरसे लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है. 14 से 16 दिसंबर तक चलने वाले इस टेक फेस्ट का उद्धघाटन तिब्बत के 14वें दलाई लामा ने किया. इस टेक फेस्ट का मुख्य आकर्षण रहा रोबोट्स का एक्जीविशन जिसमें रोबोट्स लोगों से बातचीत करते हुए नजर आए. इन रोबोट्स में भारत का इन्द्रो 3 भी नजर आया. दूसरी तरफ IIT मुंबई के छात्रों के किये गए इन्वेंशंस की भी लोगों ने काफी सरहाना की. 

पॉटहोल मैपर मोबाइल एप्लीकेशन 
मुंबई के गड्ढो से अक्सर लोग परेशान रहते हैं. IIT मुंबई के छात्रों ने एक ऐसा मोबाइल एप्लीकेशन बनाया है जो आपको ही नहीं बल्कि BMC को तक बताता है कि कौन से रास्ते पर कहां-कहां कितना गहरा गड्ढा है. यह एप्लीकेशन आम जनता के लिए भी है और BMC कर्मचरियो के लिए भी है. आम जनता इस एप्लीकेशन का इस्तेमाल गड्ढो के बारे में BMC को डिटेल्स देने के लिए इस्तेमाल कर सकते है. इस एप्लीकेशन के 2 मोड है, एक मैन्युअल और दूसरा ऑटोमेटिक. मैन्युअल में आप खुद गड्ढे के बारे में डिटेल्स आप डालते हैं और ऑटोमेटिक मोड में आपको बस गाड़ी चलाते वक्त फोन जेब में रखना है, एप्लीकेशन आपके फोन के सेंसर्स का इस्तेमाल करके खुद गड्ढों के डिटेल्स BMC तक पहुंचाएगा. इस एप्लीकेशन को बनाने वाले IIT मुंबई के छात्र अब कोशिश में है के एक छोटी मशीन बनाई जाए जिसे गाड़ी के पिछले हिस्से में लगाया जा सके जो BMC को गड्ढों के बारे में लगातार बताता रहे और गड्ढो कि डीटेल्स पॉटहोल मैपर एप्लीकेशन में डालता रहे. 

एक ऐसा सेथेस्कोप जो आपके फोन में आपकी धड़कनो को रिकॉर्ड करता है ताकि दिल कि बीमारियों के बारे में पता चल सके. एक डॉक्टर के लिए सेथेस्कोप काफी महत्त्व रखता है. इस सेथेस्कोप के वजह से डॉक्टर हमारे दिल कि धड़कने सुनते है और दिल कि बीमारियों के बारे में पता लगते हैं, लेकिन आज कल यह शोर शराबे वाले माहौल में कई बार सेथेस्कोप से आने वाली आवाज कम लगती है. IIT मुंबई के चतरू द्वारा बनाया गया आयुलिंक नामक डिवाइस सेथेस्कोप से आने वाली आवाज को एम्पलीफाय करता है ताकि शोर शराबे वाले माहौल में भी डॉक्टर आपके दिल कि धड़कने अच्छे से भी सुन सके. इतना ही नहीं यह डिवाइस आपके फोन में आपकी दिल कि धड़कने रिकॉर्ड भी कर सकता है. जब डॉक्टर कहीं दूर हो तो दिल कि बीमारियों से गुजर रहे मरीज इस रिकॉर्डिंग को उनके पास भेज भी सकते हैं ताकी डॉक्टर धड़कनो को सुनकर यह देख सके के दिल के बीमारी कि अभी मौजूदा परिस्थिति क्या है.

सोलर चाय ठेला 
कहते हैं आप कितने भी अमीर क्यों न हो जाओ, लेकिन ठेले पे चाय पीने का मजा कुछ और ही होता है. ठेले वाली चाय पीने के लिए ठेले वाले को चाय बनाने के लिए इललीगल गैस का बाटला या फिर केरोसिन खरीदना पड़ता है. इसीलिए IIT मुंबई के छात्रों ने प्रोफेसर चेतन सोलंकी के नेतृत्व में सोलर चाय का ठेला बनाया है. जिसपे आप चाय ही नहीं बल्कि गरम-गरम पकौड़ो के भी मजे ले सकते हैं. दिखने में यह बिलकुल किसी आम ठेले जैसे हि लगता है, लेकिन इसकी छत सोलर पैनल से बनी है जो धूप से ऊर्जा लेकर सीधा सोलर इंडक्शन कुकर में डालता है. इस ठेले के नीचले हिस्से में बैट्रियां रखी गई हैं ताकि जिस दिन धूप ना हो या बारिश का समय चल रहा हो तो बैटरी में जमा ऊर्जा से काम चल सके.

अपंगों के ट्राइसाइकिल के लिए नया मॉडल
IIT के छात्रों ने प्रॉफेसर निशांत शर्मा के साथ जब अपंगों के ट्राइसाइकिल पर रिसर्च कियातो पता चला कि मुंबई में ट्राइसाइकिल का इस्तेमाल करने वाले अपंग अक्सर लंबी दूरी तय करते हैं. उन्होंने ट्राइसाइकिल के मौजूदा मॉडल में देखा के एक हाथ से साईकल चलाने के कारण अपंगों का शरीर एक तरफ मुड़ने लगा था. इसके अलावा तेज धूप और बारिश के वजह से उन्हें सफर करने में बहुत सारी मुश्किल होती है. इस रीसर्च के बाद IIT मुंबई के छात्रों ने प्रोफेसर निशांत शर्मा के निगरानी में एक ऐसा ट्राइसाइकिल का मॉडल तैयार किया जो दो हाथ से चलती है. इस कारण उसे साईकल चलाने में आसानी होगी. इसके साथ इस ट्राइसाइकिल के मॉडल में छत भी दी गई है ताकि इसपर सवार व्यक्ति कड़ी धूप और बारिश से बच सके. ट्राइसाइकिल के नीचे सामान रखने की जगह भी बनाई गई है. 

थ्री डी प्रिंटेड हाथ जो आपके हिसाब से चलता है
IIT Mumbai के टेक फेस्ट में वदेशी कॉलेज से भी लोग आकर अपनी बनाई गई चीज़ों का प्रदर्शन कर रहे थे. जापान से आए कुछ छात्रों ने हैकबेरी नाम का 3D प्रिंटेड हाथ बनाया जो बिल्कुल असली हाथ जैसा काम करता है. इस हाथ के सेंसर आपके हाथ के मासपेशियो पर निर्भर है. इसका सेंसर आपके हाथ पर लगाया जाएगा. यानी आप अपने हाथ को असली हाथ कि तरह इस्तेमाल कर पाएंगे. इस हाथ से आप थोड़ा बहुत वजन भी उठा सकते है, जैसे पानी का ग्लास उठाना. यह हाथ लगाकर किसी भी अपंग व्यक्ति को ऐसा लगेगा कि जैसे उसे अपने हाथ वापस मिल गए हैं.

एंड्रॉयड-U
एंड्रॉयड U एक ऐसा रोबोट है जो आपसे बातें करके आपका मन हल्का करता है. जापान के A लैब्स के द्वारा बनाया एंड्रॉयड U नामक रोबोट IIT टेक फेस्ट में सबसे बड़ा आकर्षण था. इस रोबोट को बिल्कुल इंसानी रूप दिया गया है. यह रोबोट आपसे बात करके आपकी भावनाओं को समझता है और आपसे बातें भी करता है. यह रोबोट दुनिया के सबसे पहले AI रोबोट सोफिया से काफी मिलता जुलता है. एंड्रॉयड U को पूरी तरह से इंसान का रूप दिया गया है. ताकि कोई भी व्यक्ति जब एंड्रॉयड U से बात करे तो उसे ऐसा ना लगे कि वह किसी रोबोट से बात कर रहा है. 

इन्द्रो-3
टेक फेस्ट में रोबोट एक्जीविशन में भारत का रोबोट भी बाकी किसी देशों के रोबोट से कम नहीं था. इन्द्रो 3 नामक यह रोबोट आपसे बातचीत करता है, आपसे हाथ मिलता है, आपको नमस्ते भी कहता है. इसके अलावा यह रोबोट आपके आदेशों पर आपके घर का थोड़ा बहुत काम भी कर देता है. यह रोबोट आपके घर आने जाने वाले हर एक व्यक्ति पर नजर भी रखता है. अगर कोई अनजान व्यक्ति घर आए तो आपके न होने पर यह रोबोट आपको इत्तला भी करता है. इसकी आखों में कैमरा लगा होता है यानी इस रोबोट कि आंखों से आप अपने घर पे चल रहे गतिविधियों को भी देख सकते हैं.

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