ऐसा करने से मिलेगा पुण्य – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 19 Feb 2019 06:01:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ आज खत्म होगा कल्पवास, ऐसा करने से मिलेगा पुण्य http://www.shauryatimes.com/news/32843 Tue, 19 Feb 2019 06:01:58 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=32843 हिंदू धर्म में माघी पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व है. शास्त्रों में माघ स्नान और व्रत की महिमा बताई गई है. इस बार माघ पूर्णिमा पर अर्ध्य कुंभ का संयोग भी बना है. माघ पूर्णिमा के दिन आज कुंभ में स्नान किया जा रहा है. वैसे तो माघ की प्रत्येक तिथि पुण्यपर्व है, लेकिन उनमें भी माघी पूर्णिमा को विशेष महत्व दिया गया है. माघी पूर्णिमा के दिन ही संगम स्थल पर पिछले एक महीने तक कल्पवास करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए आज की तिथि का विशेष पर्व है. माघी पूर्णिमा को एक मास का कल्पवास पूर्ण भी हो जाता है. 

पूर्णिमा के स्नान का महत्व
माघ मास की पूर्णिमा तीर्थस्थलों में स्नान-दानादि के लिए परम फल देने वाली बताई गई है. तीर्थराज प्रयाग में इस दिन स्नान, दान, गोदान और यज्ञ का विशेष महत्व होता है. माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान से मोक्ष का प्राप्ति होती है. गंगा स्नान के बाद भगवान शिव और विष्णु की पूजा करनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन वस्त्र, अनाज आदि का दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है. पितरों का श्राद्ध करने से इससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.

आज खत्म हो जाएगा कल्पवास 
प्रयागराज में गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर कल्पवास की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है. तीर्थराज प्रयाग में संगम के निकट हिन्दू माघ महीने में कल्पवास करते हैं. पौष पूर्णिमा से कल्पवास आरंभ होता है और माघी पूर्णिमा के साथ संपन्न होता है. माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ ही ये कल्पवास का खत्म हो जाएगा.

स्नान के बाद क्या करते हैं कल्पवासी
इस पुण्य तिथि को सभी कल्पवासी गृहस्थ प्रातः काल गंगा स्नान कर गंगा माता की आरती और पूजा करते हैं. स्नान के बाद कल्पवासी अपनी-अपनी कुटिया में आकर हवन करते हैं, फिर साधु, संन्यासियों, ब्राह्मणों और भिक्षुओं को भोजन कराकर स्वयं भोजन ग्रहण करते हैं और कल्पवास के लिए रखी गई खाने-पीने की वस्तुएं, जो कुछ बची रहती है, उन्हें दान कर देते हैं.

]]>