ऑयल और गैस सेक्टर के विवादों को निश्चित समयसीमा में सुलझाने के लिए कमेटी गठित – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 26 Dec 2019 08:52:35 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ऑयल और गैस सेक्टर के विवादों को निश्चित समयसीमा में सुलझाने के लिए कमेटी गठित http://www.shauryatimes.com/news/71189 Thu, 26 Dec 2019 08:52:35 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=71189 ऑयल एंड गैस सेक्टर के विवादों को सुलझाने के लिए सरकार ने एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी सेक्टर के विवादों का निश्चित समयसीमा के भीतर निराकरण करेगी। इस सेक्टर में तेल खोज और उत्पादन को लेकर अक्सर विवाद सामने आते हैं, जिनके निराकरण की प्रक्रिया बहुत लंबी और उबाऊ होती है। इससे सेक्टर का बहुत नुकसान होता है और निवेश अधर में लटक जाता है। इस कमेटी के गठन का मकसद निवेश को सुरक्षित रखना और सेक्टर में नए निवेश को आकर्षित करना है।

आधिकारिक सूचना के मुताबिक इस कमेटी में पूर्व तेल सचिव जीसी चतुर्वेदी, ऑयल इंडिया लिमिटेड के पूर्व प्रमुख सी. बोरा और ¨हडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के एमडी सतीश पाई को शामिल किया गया है। इस पैनल का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। यह कमेटी तीन महीने के भीतर किसी विवाद का हल सुलझाने की कोशिश करेगी।

यह कमेटी साझीदारों के बीच हुए आपसी विवाद या सरकार के साथ होने वाले विवादों में मध्यस्थता करेगी। अधिसूचना के मुताबिक घरेलू ऑयल ब्लॉक के किसी कांट्रैक्ट में सामने आने वाले विवाद को कमेटी के समक्ष रखा जा सकेगा। इसके लिए दोनों पक्षों की लिखित सहमति जरूरी होगी। एक बार मामला कमेटी के पास जाने के बाद कोई पक्ष इससे अलग नहीं हो सकेगा और इस बीच इसे कोर्ट में ले जाने की अनुमति भी नहीं होगी।

किसी मामले में मध्यस्थता के दौरान कानून के मुताबिक कमेटी सभी शक्तियों का उपयोग कर सकेगी। कमेटी मामले को तीन महीने में निपटाने की कोशिश करेगी। हालांकि, दोनों पक्षों की अनुमति के बाद कमेटी समयसीमा को बढ़ा सकेगी। मध्यस्थता की प्रक्रिया में यह जरूरत के मुताबिक किसी बाहरी एजेंसी या थर्ड पार्टी की मदद भी ले सकेगी। दोनों पक्षों को मध्यस्थता की पूरी प्रक्रिया को गुप्त रखना होगा और इसे किसी अन्य मध्यस्थता अदालत या कोर्ट में सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

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