ओडिशा के एक प्रसिद्ध पिकनिक स्‍थल पर दोस्‍तों के साथ सेल्‍फी ले रहे एक छात्र की झरने में गिरने से मौत हो गई – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 31 Dec 2018 07:11:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ओडिशा के एक प्रसिद्ध पिकनिक स्‍थल पर दोस्‍तों के साथ सेल्‍फी ले रहे एक छात्र की झरने में गिरने से मौत हो गई http://www.shauryatimes.com/news/25264 Mon, 31 Dec 2018 07:11:00 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=25264 ओडिशा के एक प्रसिद्ध पिकनिक स्‍थल पर दोस्‍तों के साथ सेल्‍फी ले रहे एक छात्र की झरने में गिरने से मौत हो गई. यहां के भीमकुंड वाटरफाल में ये छात्र पिकनिक मनाने गए थे. मृतक रोहन मिश्रा कटक का रहने वाला था. न्‍यूज एजेंसी ANI के मुताबिक झरने के किनारे सेल्‍फी ले रहे छात्रों में से एक फिसलकर पानी में गिर गया. वहां मौजूद कई लोगों ने उसकी मदद करने की कोशिश की लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका. छात्र ने भी पानी से निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गया. इस मामले में एक केस रजिस्‍टर किया गया है.

उल्‍लेखनीय है कि दुनियाभर में पिछले छह सालों में सेल्‍फी लेने के चक्‍कर में 250 से भी अधिक लोगों की मौत हुई है. एम्‍स से जुड़े शोधकर्ताओं ने एक अध्‍ययन में ऐसा दावा किया है. उस अध्‍ययन में इस तरह की 259 मौतों का अध्‍ययन करने पर पाया गया कि इनमें से सबसे अधिक मौतें डूबने के कारण हुईं. उसके बाद आती हुई ट्रेन के सामने से सेल्‍फी लेने जैसी दुर्घटनाओं के कारण और ऊंचाई से गिरने की वजह से हुईं.

सेल्फी लेते वक्त अगर आप करते हैं अजीबोगरीब हरकतें, तो जरूर पढ़ें डॉक्टर की ये राय

अगर आप हाथ को पूरा तानकर, कलाई को अंदर की ओर मोड़कर कूदते हुए, चट्टानों पर चलते हुए सेल्फी लेते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इस दौरान ठीक से संतुलन नहीं बना पाने के कारण गिरने पर कलाई में सबसे अधिक चोट आ सकती है, जिस पर चिकित्सकों ने लोगों से इस तरह से सेल्फी लेने पर सावधानी बरतने को कहा है. हार्ट केयर फाउंडेशन ( एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, “आज की पीढ़ी दूसरों की तारीफ पाने की निरंतर तलाश करती है. युवा दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिसे और कोई नहीं कर सकता. सेल्फी लेने में जितनी हिम्मत दिखाई जाए, उतनी ही प्रशंसा मिलती है. इस तरह की सेल्फी से उन्हें अपने साथियों से तुरंत स्वीकृति मिलने में मदद मिलती है.”

उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे युग में रहते हैं जहां मोबाइल फोन हमारे जीवन में प्रवेश कर चुका है और वास्तविक मानवीय संपर्क लगभग न के बराबर है. हालांकि प्रौद्योगिकी ने सभी के लिए जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ एक गंभीर सीमा भी है. इनमें से एक है सेल्फी लेना और कई विकृतियों के साथ समस्या की पड़ताल करना, जिसमें मानसिक और शारीरिक दोनों कठिनाइयां शामिल हैं और सबसे ताजा है सेल्फी रिस्ट.” डॉ. अग्रवाल ने कहा, “पिछले दो वर्षों में दुनिया भर में सेल्फी का बुखार बढ़ा है. सेल्फी को दुनिया भर में बड़ी संख्या में मृत्यु दर और महत्वपूर्ण बीमारी से जोड़ा गया है.”

उपकरणों के गुलाम

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस डिजिटल युग में, अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है मॉडरेशन यानी तकनीक का मध्यम उपयोग होना चाहिए. हममें से बहुत से लोग ऐसे उपकरणों के गुलाम बन गए हैं जो वास्तव में हमें फ्री टाइम देने और जीवन को बेहतर तरीके से अनुभव करने तथा लोगों के साथ अधिक समय बिताने के लिए बनाये गये थे. उन्होंने कहा, “जब तक जल्द से जल्द एहतियाती उपाय नहीं किए जाते, यह लत लंबी अवधि में किसी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है.”

फेसबुक से छुट्टी लें

डॉ. अग्रवाल ने मोबाइल फोन के अधिक उपयोग के कारण होने वाली समस्याओं को रोकने के लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा, “सोने से 30 मिनट पहले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग न करें. हर तीन महीने में सात दिन के लिए फेसबुक से छुट्टी लें. सप्ताह में एक बार, पूरे दिन के लिए सोशल मीडिया के उपयोग से बचें. अपने मोबाइल फोन का उपयोग केवल तभी करें जब मोबाइल हों. दिन में तीन घंटे से अधिक कंप्यूटर का उपयोग न करें.”

संक्रमण का एक स्रोत

डॉक्टर ने कहा, “अपने मोबाइल टॉक टाइम को दिन में दो घंटे तक सीमित करें. अपने मोबाइल की बैटरी को दिन में एक से अधिक बार रिचार्ज न करें. मोबाइल भी अस्पताल में संक्रमण का एक स्रोत हो सकता है, इसलिए, इसे हर दिन कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.”

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