कई राज्यों में एक मक्खी बनी यमदूत – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 02 Nov 2019 06:34:46 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कई राज्यों में एक मक्खी बनी यमदूत, अब तक सैकड़ों की ले चुकी है जान http://www.shauryatimes.com/news/62880 Sat, 02 Nov 2019 06:34:46 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=62880 आकार में चींटी से भी कई गुना छोटी कुलिकोइड्स नाम की मक्खी कुछ जानवरों के लिए यमदूत बन गई है। इसके काटने से अकेले उत्तर प्रदेश में ही हर साल करीब 400 जानवरों की मौत हो रही है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, जम्मू कश्मीर, गुजरात, हरियाणा और महाराष्ट्र भी इससे प्रभावित हैं। इसके काटने के बाद जानवरों की जीभ नीली पड़ जाती है। वह कमजोर होते जाते हैं।

डिपार्टमेंट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी ने आगरा के सेंट जॉन्स कॉलेज के डॉ. गिरीश माहेश्वरी को एक शोध प्रोजेक्ट दिया। शोध निष्कर्ष में सामने आया कि पिछली सदी के आठवें दशक में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से कुछ भेड़ें क्रॉस ब्रीड कर भारत लाई गई थीं। इनके साथ ब्लूटंग नाम का वायरस भी आ गया।

यह वायरस भेड़ों से कुलिकोइड्स मक्खी में पहुंच गया। इसके बाद मक्खी ने जिस भेड़, बकरी, गाय, भैंस का खून पीया तो वह जानवर के अंदर चला गया। रिकॉर्ड के मुताबिक उत्तर प्रदेश में हर साल इस मक्खी के काटने से करीब 400 जानवर मर रहे हैं।

सबसे ज्यादा मौतें तमिलनाडु में 

कुलिकोइड्स मक्खी के काटने से सबसे ज्यादा मौतें तमिलनाडु में हो रही हैं। वहां 20 हजार जानवरों की इसकी वजह से हर साल मौत हो जाती है। दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश और इसके बाद कर्नाटक, केरल आते हैं। दक्षिण भारत के राज्यों में 76 फीसद और जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र में 24 फीसद मौतें हो रही हैं।

पकड़ीं 25 हजार मक्खी

डॉ. गिरीश माहेश्वरी ने करीब 25 हजार मक्खी पकड़ी हैं। मक्खी के डीएनए से पता चला है कि उसने किस-किस जीव का खून पीया। 30 से 40 दिन उम्र वाली इन मक्खियों की 35 प्रजातियां हैं। मक्खी मार्च से अक्टूबर तक हमला करती है। डॉ. माहेश्वरी के मुताबिक उन्होंने यह शोध 2016 में शुरू किया था। अब यह पूरा हो गया है।

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