कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स अपना खुद का ई-कॉमर्स पोर्टल ‘भारत ई-मार्केट’ खोलने जा रही है – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 14 Mar 2021 07:19:08 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स अपना खुद का ई-कॉमर्स पोर्टल ‘भारत ई-मार्केट’ खोलने जा रही है http://www.shauryatimes.com/news/105464 Sun, 14 Mar 2021 07:19:08 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=105464 विदेशी ऑनलाइन कंपनियों से दो-दो हाथ करने के लिए अब देश के छोटे दुकानदार भी तैयार हैं. छोटे दुकानदारों के संगठन CAIT (कैट) ने एक ऐसा मोबाइल ऐप शुरू किया है जिससे हर दुकानदार पूरी तरह से जल्द शुरू होने वाले देसी ई-मार्केट पर मुफ्त में ई-दुकान खोल सकेगा.

कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) अपना खुद का ई-कॉमर्स पोर्टल ‘भारत ई-मार्केट’ खोलने जा रही है. जल्द ही यह पोर्टल पूरी तरह से काम करने लगेगा. इस पोर्टल का मकसद देश के सभी छोटे और गली-मोहल्ले के दुकानदारों को ऑनलाइन बाजार में लाने की है. इसके पहले चरण में वेंडरों और सर्विस प्रोवाइडरों को पोर्टल पर ऑनबोर्ड लाने के लिए ही उसने ये मोबाइल ऐप शुरू की है.

कैट हमेशा से फ्लिपकार्ट और एमेजॉन जैसी बड़ी ऑनलाइन कंपनियों की मुखर विरोधी रही है. छोटे व्यापारियों के हित में काम करने वाली संस्था कैट इन कंपनियों के FDI नियमों के उल्लंघन और ट्रेडर्स के साथ भेदभाव करने की नीतियों के खिलाफ लगातार बोलती आई है और सरकार पर इसे लेकर दबाव भी बनाती रही है.

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ‘भारत ई-मार्केट’ पूरी तरह से देश के नियम-कायदों का पालन करने वाला पोर्टल होगा. जिस तरह से विदेशी ऑनलाइन कंपनियां देश के नियम-कानूनों को धता बता रही हैं उनसे निपटने के लिए इस तरह देश के व्यापारियों और ग्राहकों के लिए प्रतिबद्ध ऑनलाइन बाजार बनाना अनिवार्य हो गया था.

पीटीआई की खबर के मुताबिक कैट की योजना इस साल दिसंबर के अंत तक भारत ई-मार्केट पर 7 लाख ट्रेडर्स को लाने और दिसंबर 2023 तक एक करोड़ से अधिक ट्रेडर्स को लाने की है. देशभर के 40,000 से ज्यादा व्यापारी संगठन कैट से संबद्ध हैं और देशभर के दुकानदारों की ई-दुकान खुलवाने में वे अहम भूमिका निभाएंगे.

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत ई-मार्केट पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले दुकानदारों से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. इस तरह हर छोटा दुकानदार मुफ्त में अपनी ई-दुकान बना सकेगा. अभी विदेशी कंपनियां 5% से 35% तक का कमीशन लेती हैं. इससे ग्राहकों को सस्ता सामान मिल सकेगा और व्यापारियों की आय बढ़ सकेगी.

कैट ने कहा कि पोर्टल पर चीनी सामान बेचने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही दस्तकारों, महिला उद्यमियों और शिल्पियों का विशेष ध्यान रखा जाएगा. इस पोर्टल का सारा डेटा देश में ही रखा जाएगा.

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