करवा चौथ की पूजा में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 26 Oct 2018 09:18:21 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 करवा चौथ की पूजा में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है http://www.shauryatimes.com/news/15924 Fri, 26 Oct 2018 09:18:21 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=15924 ये हैं करवा चौथ के मंत्र 

 करवा चौथ की पूजा में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। इनमें शिव पार्वती आैर श्री गणेश की आराधना के मंत्र भी शामिल हैं। नीचे दिए गए मंत्रों का जाप इस करवा चौथ पर करके अपनी पूजा को सार्थक बनायें आैर अखंड सौभाग्य का आर्शिवाद प्राप्त करें। 

1- सुख सौभाग्य के लिए

ऊँ अमृतांदाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तत्रो सोम: प्रचोदयात 

2- माता पार्वती के आर्शिवाद के लिए

‘ॐ शिवायै नमः’

3- भगवान शिव से आर्शिवाद के लिए 

 ‘ॐ नमः शिवाय’

4- भगवान कार्तिक की प्रार्थना के लिए 

 ‘ॐ षण्मुखाय नमः’

5- श्री गणेश की पूजा के लिए 

 ‘ॐ गणेशाय नमः’ 

6- आैर चंद्रमा की पूजा के लिए 

‘ॐ सोमाय नमः’

इन 6 मंत्रों का जाप करें। 

पूजन मुहूर्त आैर चंद्रोदय समय 

इस वर्ष करवा चौथ का पर्व शनिवार 27 अक्टूबर 2018 को पड़ रहा है। इस दिन करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त सांयकाल 05 बज कर 36 मिनट से 06 बज कर 54 मिनट तक रहेगा। वहीं चंद्रोदय का समय रात्रि 08 बजे का है। जिनके यहां उदित होते चंद्रमा की पूजा की जाती है वे स्त्रियां इसी समय चांद को अर्ध्य देंगी। जहां चंद्रमा के पूर्ण रूप से विकसित होने बाद पूजा की जाती है वो 15 से 20 मिनट बाद अर्ध्य दे सकती हैं।  करवा चौथ सौभाग्यवती महिलाआें का प्रमुख त्योहार माना जाता है, जो कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से पूर्व प्रात: 4 बजे प्रारंभ होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद पूर्ण होता है। किसी भी आयु, जाति, वर्ण, संप्रदाय की स्त्री को इस व्रत को करने का अधिकार है। जो सुहागिन स्त्रियां अपने पति की आयु, स्वास्थ्य व सौभाग्य की कामना करती हैं वे यह व्रत रखती हैं। 

पूजन विधि 

शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की पूजा प्रारंभ करें। इसके लिए करवों में लड्डू रखकर अर्पित करें। एक लोटा, एक वस्त्र व एक विशेष करवा बायना के रूप में रख कर ही पूजन करें। करवा चौथ व्रत की कथा अवश्य पढ़ें अथवा सुनें। रात्रि में चांद निकलने पर चंद्रमा का पूजन कर अर्घ्य प्रदान करें। इसके बाद ब्राह्मण, सुहागिन स्त्रियों व पति के माता-पिता को भोजन करायें। स्वंय भोजन करने से पहले थोड़ी दान दक्षिणा जरूर कर दें। पति की मां यानि अपनी सासूजी को बायने का लोटा, वस्त्र व विशेष करवा दे कर आशीर्वाद लें। यदि सास ना हों तो उनके समान ही किसी अन्य स्त्री को, जैसे बड़ी ननद या जिठानी को बायना दें। इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें। 

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