कवि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर विश्व गुरु हैं : TMC नेता व्रात्य बसु – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 24 Dec 2020 08:01:44 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कवि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर विश्व गुरु हैं : TMC नेता व्रात्य बसु http://www.shauryatimes.com/news/95620 Thu, 24 Dec 2020 08:01:44 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=95620 पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में रविंद्र नाथ टैगोर का संबंध गुजरात के साथ बताया, तो पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ टीएमसी बिफर गई है. टीएमसी ने कहा कि टैगोर विश्वगुरु हैं, उन्हें एक विशेष प्रदेश से नहीं बांधा जा सकता है. इस तरह से बंगाल को छोटा दिखाने की कोशिश की जा रही है. बता दें कि पीएम Narendra Modi ने गुरुवार को अपने संबोधन में कहा-रविंद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर (देश के पहले ICS अफसर) की पत्नी ज्ञानंदनी देवी जब अहमदाबाद में रहती थीं तो उन्होंने देखा कि स्थानीय महिलाएं अपने साड़ी के पल्लू को दाहिने कंधे रखती थी, इससे काम करने में दिक्कतें होती थीं. इसपर ज्ञानंदनी देवी ने ही आइडिया निकाला कि क्यों ना साड़ी के पल्लू को बाएं कंधे पर ही रखा जाए, कहते हैं बाएं कंधे पर पल्लू उन्हीं की देन है. इसी तरह एक दूसरे की मदद करके हम एक साथ परिवार की तरह रहकर देश की महान विभूतियों के सपनों को साकार कर सकते हैं.

टीएमसी के नेता व मंत्री व्रात्य बसु ने टीएमसी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी ने ज्ञानंदनी देवी का संपर्क गुजराती महिलाओं के साथ बताया, लेकिन उन्होंने पारसी महिलाओं के साथ उनका जिक्र नहीं किया, क्योंकि वह पारसी का नाम नहीं ले सकते. कवि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर विश्व गुरु हैं. केवल गुजरात के साथ क्यों उन्हें जोड़ा जा रहा है? क्या यह बंगाल और गुरुदेव को छोटा करने की कोशिश नहीं है? वह बार-बार क्यों गुजरात का नाम ले रहे थे ?” बता दें कि सीएम ममता बनर्जी बीजेपी नेताओं के बंगाल आने पर बार-बार कह रही हैं कि वह बंगाल को गुजरात बनने नहीं देंगी.

व्रात्य बसु ने कहा, “समारोह में सीएम ममता बनर्जी को आमंत्रित नहीं किया गया.” विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा आमंत्रण दिए जाने का पत्र जारी करने पर पूछे जाने पर व्रात्य बसु ने कहा, “क्या उस पत्र में बंगाल सरकार की रिसीविंग हैं. कुलपति खुद ही पत्र लिखकर और खुद ही जारी कर रहे हैं.” व्रात्य बसु ने कहा, “पीएम ने कई विश्वविद्यालयों के नाम लिए, लेकिन 1857 में कलकत्ता विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. में जादवपुर विश्वविद्यालय भी हैं, लेकिन उनका नाम नहीं लिया. उनके योगदान की चर्चा नहीं की.” दूसरी ओर, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि ममता बनर्जी को आमंत्रण दिए भेजे गए थे. दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने ट्वीट कर विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष पर शुभकामनाएं दी हैं.

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