कश्मीरी छात्रों पर हमले रोकें गृह मंत्रालय और राज्य : सुप्रीम कोर्ट – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 22 Feb 2019 07:22:09 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कश्मीरी छात्रों पर हमले रोकें गृह मंत्रालय और राज्य : सुप्रीम कोर्ट http://www.shauryatimes.com/news/33138 Fri, 22 Feb 2019 07:22:09 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=33138 पुलवामा में आतंकी हमले के बाद देशभर के कई हिस्सों में कश्मीरी छात्रों पर लगातार बढ़ रहे हमले को देखते हुए इन छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने को निर्देश देने संबंधी जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय, राज्य सरकार और सभी राज्यों के डीजीपी को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि कश्मीरी छात्रों पर किसी भी तरह का हमला, धमकी या सामाजिक बहिष्कार न किया जा सके.

वैलेंटाइंस डे के दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. हमले के विरोध में देश के कई हिस्सों में कश्मीरी छात्रों और लोगों पर हमले शुरू हो गए थे.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एलएन राव और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने गुरुवार को वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेज की इस अपील पर ध्यान दिया कि कश्मीरी छात्रों से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि यह छात्रों की सुरक्षा से जुड़ा मसला है. गोंजाल्वेज ने कहा कि अब तक देश के 11 राज्यों में कश्मीरी छात्रों पर हमले की घटना घट चुकी है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार के अलावा 10 राज्यों को नोटिस जारी कर कश्मीरी छात्रों पर बढ़ रहे हमले को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों पर उनका जवाब मांगा है. अब इस संबंध में अगली सुनवाई बुधवार को होगी.

कोर्ट ने मुख्य सचिव, 11 राज्यों के पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और दिल्ली पुलिस प्रमुख से कश्मीरियों और अन्य अल्पसंख्कों पर हमले के मामले में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ किया कि भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीट कर की गई हत्या के मामलों से निपटने से लिए नियुक्त नोडल अधिकारी पुलवामा हमले के बाद कश्मीरी छात्रों पर हमलों के मामलों को देखेंगे.

अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कश्मीरी छात्रों पर हमले रोकने और उनकी सुरक्षा के लिए 2016 में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति के अलावा कई कदम उठाए गए थे. पुलवामा हमले के बाद एक बार फिर से तुरंत ऐसी ही एडवाइजरी जारी कर दी गई थी. कोर्ट ने आदेश दिया कि नोडल अफसरों के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा बताया जाए. अभद्रता, मारपीट, सामाजिक बहिष्कार आदि को रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर दिए जाएं.

पुलवामा हमले के बाद कई शहरों में कश्मीरी छात्रों पर हमले की घटना बढ़ गई है और छात्र दहशत में जी रहे हैं. देहरादून में बड़ी संख्या में कश्मीरियों को शहर छोड़ने पर मजबूर किया गया. एक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया गया. अब तक 800 से ज्यादा कश्मीरी छात्र उत्तराखंड से वापस कश्मीर लौट चुके हैं.

वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक नर्सिंग कॉलेज से 6 कश्मीरी छात्रों को निकाल दिया गया. अंबाला में 110 कश्मीरी छात्रों को अपना कमरा छोड़ने को मजबूर होना पड़ा. कर्नाटक में चार कश्मीरी छात्रों पर मुकदमा किया गया है. इससे पहले पटना में कश्मीरी कारोबारियों पर हमला भी किया गया था.

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