कहां फायदा – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 28 Dec 2020 07:21:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 एयरलाइन सेक्टर के लिए कैसा रहा 2020, कहां हुआ नुकसान, कहां फायदा, जानिए http://www.shauryatimes.com/news/96199 Mon, 28 Dec 2020 07:21:43 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=96199 विमानन क्षेत्र के लिए वर्ष 2020 अच्छा साबित नहीं हुआ। इस क्षेत्र को कोविड-19 महामारी और दुनियाभर के देशों में लॉकडाउन से लोगों के आने-जाने पर 2020 में लंबे समय तक पाबंदी का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। घरेलू विमानन कंपनिया, हवाईअड्डा कंपनियां भी इससे अछूती ना रहीं। लॉक डाउन में एयरलाइंस कंपनियों का कारोबार करीब करीब पूरी तरह ठप हो गया और कमाई बंद हो गयी और उन्हें बहुत से कर्मचारियों को काम से निकालना पड़ा, कुछ को बिना वेतन की छुट्टियों पर भेजना पड़ा तो कई लोगों का वेतन भी कम हुआ।

वर्ष के दौरान सरकारी कंपनी एअर इंडिया को बेचने के लिए जारी निविदा में बोलियां जमा कराने की आखिरी तारीख कोविड19 से पैदा हालात के बीच पांच बार बढ़ानी पड़ी। अंतत: 14 दिसंबर को इसके लिए आखिरी बोलियां स्वीकार की गयीं। अब पात्र बोलीदाताओं के नाम की घोषणा पांच जनवरी को होनी है।

महामारी और लॉकडाउन के चलते देश में सभी नियमित उड़ाने 23 मार्च से 25 मई तक बंद रहीं। बाद में सीमित क्षमता के साथ 25 मई से उड़ानों को धीरे-धीरे शुरू किया गया। नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ाने अभी भी निलंबित हैं। लॉकडाउन के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए सरकार ने ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत सीमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन किया। वहीं कुछ देशों के साथ विशेष द्विपक्षीय समझौते (एयर बबल पैक्ट) के तहत ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी गयी है। जुलाई से अब तक करीब 24 देशों के साथ यह समझौता किया गया है।

हाल में ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया प्रकार सामने आने पर सबसे पहले वहां से आने वाली उड़ानों को ही अस्थायी तौर पर निलंबित किया गया है। महामारी के चलते देश की दो सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो और स्पाइसजेट को वित्त वर्ष 2020-21 की पहली और दूसरी तिमाही में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। अप्रैल-जून तिमाही में इंडिगो को 2,884 करोड़ रुपये और स्पाइसजेट को 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जुलाई-सितंबर तिमाही में यह क्रमश: 1,194 करोड़ रुपये और 112 करोड़ रुपये रहा। विमानन क्षेत्र की परामर्श कंपनी सीएपीए ने अक्टूबर में घरेलू हवाई यात्राओं के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के फिर से शुरू होने में धीमी प्रगति का अनुमान जताया था। इससे विशेष तौर पर एअर इंडिया को नुकसान होने की बात कही गयी थी जिसकी कुल आय का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आता है।

सीएपीए ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2020-21 में पांच से छह करोड़ यात्री ही हवाई सफर करेंगे। जबकि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की संख्या एक करोड़ से भी कम रहने का अनुमान है। वर्ष 2019-20 में देश में लगभग 20.5 करोड़ यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी। इसमें 14 करोड़ घरेलू यात्री और 6.5 करोड़ अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्री थे।

 

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