कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू: अनाथ हुए बच्‍चों और गरीब परिवारों को गोद लेने का ऐलान किया…. – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 31 May 2019 11:03:40 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बगावती मूड में…. http://www.shauryatimes.com/news/43722 Fri, 31 May 2019 11:03:40 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=43722 पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर बगावती तेवर में हैं। मुख्‍यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से विवाद के बाद अब सिद्धू ने कांग्रेस की बैठकों से भी दूरी बना ली है। यही हाल उनका भाजपा से नाता तोड़ने से पहले भी था। वह चंडीगढ़ में होने के बावजूद अपने आवास से थो़ड़ी दूरी पर बुलाई गई कांग्रेस की बैठक में नहीं गए। अलबत्‍ता उन्‍होंने पत्रकारों से बातचीत की और खुद पर लगे आरोपों की सफाई देने के संग सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर इशारों में निशाना भी साधा।

पंजाब कांग्रेस की बैठक में नहीं गए, विधायकों के निशाने पर रहे

दरअसल कांग्रेस ने वीरवार को कांग्रेस विधायक दल और सभी सांसदों की बैठक बुलाई थी। पंजाब भवन में बुलाई गई बैठक से आधा किलोमीटर दूर कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपने आवास में थे, लेकिन बैठक में नहीं पहुंचे। सिद्धू की गैर मौजूदगी में विधायकों ने शहरों के विकास का रोना रोया। विधायकों ने सिद्धू का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा। दूसरी ओर, मंत्रियों ने आरोप लगाए कि अफसर उनकी नहीं सुनते हैं। 

विधायकों ने सिद्धू का नाम तो नहीं लिया, लेकिन शहरों में विकास नहीं होने का मुद्दा उठाया। मुद्दा यह भी उठा कि शहरों में विकास काम रुके होने के कारण शहरी क्षेत्र में पार्टी को कम वोट पड़े हैं। लुधियाना के सुरिंदर डावर ने कहा कि शहरों के विकास के लिए मंज़ूर किए फंड जारी नहीं किए गए हैं और यह सिर्फ कागजों में ही हैं। अमृतसर से इंद्रबीर सिंह बुलारिया ने कहा कि नगर निगम ने शहर में सही काम नहीं किया।

पंथक मुद्दों पर कांग्रेस के फायर ब्रांड मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने तो मुख्यमंत्री से सीधा सवाल पूछ लिया कि बादलों को कब ठोकोगे। रंधावा यहीं नहीं रुके, उन्होंने पुराना राग फिर दोहराया कि अफसरशाही उनकी नहीं सुनती है। इस पर शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने भी हामी भर दी। मुद्दा उठाए जाने पर विधायकों ने भी मेज थपथपा कर मंत्रियों का समर्थन किया। अहम पहलू यह है कि 26 माह बात भी मुख्यमंत्री को इन्हीं सवालों का सामना करना पड़ रहा है। अंतर केवल इतना है कि पहले केवल विधायक इस मुद्दे को उठाया करते थे। अब मंत्रियों ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि मंत्रियों द्वारा सवाल उठाए जाने पर मुख्यमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन मंत्रियों ने कैप्टन सरकार की तरफ उंगली उठा दी है।

सिद्धू की गैरहाजिरी चर्चा का विषय

सिद्धू की गैरहाजिरी भी बैठक में चर्चा का विषय बनी रही। विधायकों ने उनके विभाग के कामकाज पर सवाल उठाते हुए उन पर निशाना साधा। सिद्धू की इस बैठक से गैर हाजिरी राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गई है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सिद्धू साफ तौर पर बगावती मूड में नजर आ रहे हैं। सिद्धू जिस तरह से शेरो-शायरी के जरिये अपने आक्रामक तेवर दिखा रहे हैं, उससे उनके अगले सियासी कदम को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इसे सिद्धू की दबाव की राजनीति से भी जोड़ा जा रहा है।

कांग्रेस की बैठक से दूर रहे सिद्धू अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते रहे। वह LOk Sabha Election 2019 के परिणाम के बाद पहली बार खुलकर सामने आए। अभी तक वह सोशल मीडिया के जरिये ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे ओर अपने जुमलों व शेरो-शायरी से अपने तेवर दिखा रहे थे। पत्रकारों से बातचीत में सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आरोपों का जवाब दिया है।

सिद्धू ने कहा कि बठिंडा की हार के लिए सामूहिक जिम्मेदारी लेने के बजाय उन्हें अकेले को निशाने पर लिया गया है। ऐसे में इसका जवाब देने को वह मजबूर हुए हैं। बठिंडा सीट पिछले 40 सालों से कांग्रेस ने कभी नहीं जीती।  इस बार वह सबसे कम मार्जिन से हारी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह जब यहां से चुनाव लड़े थे तब एक लाख 20 हजार वोटों से हारे थे। 

सिद्धू ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह द्वरा नन परफार्मर मिनिस्‍टर कहे जाने का भी जवाब दिया और अपने विभाग के कामकाज का ब्‍यौरा दिया। इसके साथ ही सिद्धू ने इशारों में सीएम कैप्‍टन अमरिंदर को उन्‍हें कैबिनेट से हटाने की चुनौती भी दे दी। कैबिनेट से उनको हटाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर सिद्धू ने कहा कि यह फैसला सीएम को लेना है।

बता दें कि कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा थ कि नवजोत सिद्धू नॉन परफाॅर्मर मंत्री हैं और स्थानीय निकाय मंत्री के रूप में उनका काम सही नहीं है। इसलिए उनका विभाग बदला जाएगा। इस बारे में मैं जल्द ही पार्टी हाईकमान से मिलूंगा। सिद्धू ने स्‍थानीय निकाय मंत्री के रूप में शहरों में कोई काम नहीं किया। यही कारण है कि शहरी क्षेत्रों में चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हुआ। बठिंडा जैसे शहर में भी कांग्रेस हार गई, जबकि पिछले संसदीय चुनाव में यहां से पार्टी की 30 हजार की लीड थी। इसी प्रकार संगरूर, पठानकोट, गुरदासपुर व फिरोजपुर जैसे शहरों में मिली हार भी हमारे लिए चिंता का विषय है।

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कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू: अनाथ हुए बच्‍चों और गरीब परिवारों को गोद लेने का ऐलान किया…. http://www.shauryatimes.com/news/15361 Tue, 23 Oct 2018 05:46:21 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=15361 यहां जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम के दौरान हुए हादसे को लेकर पत्‍नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू पर सवाल उठाए जाने के बाद स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू क्षेत्र में सक्रिय हैं। वह पीडि़त लोगों के घर जा रहे हैं और उनको सांत्‍वना देने के संग मदद का भरोसा दिला रहे हैं। इसी दौरान सिद्धू ने हादसे में अनाथ हुए बच्चों एवं आर्थिक तौर से कमजोर परिवारों को अडॉप्ट करने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अपने तौर पर पुनर्वास व सहायता की घोषणा करेगी। पंजाब सरकार कितना करती है यह पता नहीं, लेकिन मेरी तरफ से सहायता राशि अलग होगी। सिद्धू ने‍ कहा, मैं अनाथ बच्चों को अडॉप्ट करके उनकी पढ़ाई का खर्च उठाने, उन्हें नौकरी दिलाने सहित गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता दूंगा।

सिद्धू ने कहा कि वह तमाम उम्र बेसहारा, अनाथों को अडाप्ट करते हुए सहायता प्रदान करते रहेंगे। यह उनका दूसरा वादा है। पहला वादा उन्होंने केवल गुरु नगरी अमृतसर से ही चुनाव लड़कर यहां के लोगों की सेवा करने का पूरा किया है। दूसरा वादा भी हर हाल में पूरा करूंगा।

उन्होंने कहा, सिद्धू मर जाएगा लेकिन अपने वादे से नहीं मुकरेगा, चाहे उसकी जान भी चली जाए। हादसे में परिवारों के मुखिया की मौत के कारण लाचार हुए लोगों के घर का चूल्हा सिद्धू के होते हुए सदैव जलता रहेगा, यह मेरा वचन है। इसके साथ ही सिद्धू ने कहा कि हादसा बचाया जा सकता था अगर रेलवे विभाग मुस्तैद होकर अपनी ड्यूटी अदा करता। यह हादसा रेलवे की लापरवाही के कारण हुआ।

उन्‍होंने कहा कि हादसे को लेकर उनकी पत्‍नी डॉ. नवजाेत कौर सिद्धू पर सवाल उठाना गलत और राजनीति से प्रेरित है। इस तरह के हादसे पर राजनीति करना गलत है। हादसे के बाद डॉ. नवजोत अस्‍पतालों में पहुचीं आैर घायलों का इलाज भी किया। इसके साथ ही सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ के साथ अस्‍पतालों में जाकर घायलों का हाल जाना।

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