कैसे इस सेक्टर को मिलेगी ताकत – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 10 Apr 2021 09:27:10 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 जानिए आप भी रियल एस्टेट से सम्बंधित पांच बड़ी बाते, कैसे इस सेक्टर को मिलेगी ताकत http://www.shauryatimes.com/news/108094 Sat, 10 Apr 2021 09:27:10 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=108094 रियल एस्टेट सेक्टर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बजट 2021 को लेकर काफी उम्मीदें थीं और वित्त मंत्री ने भी कुछ उम्मीदों को पूरा करने की पूरी कोशिश की है, जिससे यह सेक्टर पटरी पर लौट सके। बजट में सारा ध्यान अफोर्डेबल हाउसिंग पर दिया गया है, जिससे प्रधानमंत्री के उस सपने को साकार किया जा सके जिसमें उनका लक्ष्य सभी के लिए घर उपलब्ध कराना है। वहीं किराये के कम कीमत वाले घर देने की बात कही गई है। सरकार का मानना है कि इससे प्रवासी वर्ग को काफी फायदा होगी। आइए जानते हैं कि इस सेक्टर को बजट 2021-22 में कौन सी पांच चीजें मिली हैं और उनके क्या मायने हैं।

रियल एस्टेट की बड़ी घोषणाएं

-अफोर्डेबल हाउसिंग और किराए पर घर की योजना पर फोकस।

-अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए डेढ़ लाख रुपये की टैक्स छूट एक साल के लिए बढ़ी।

-बैंकों के एनपीए पर निगरानी रखने के लिए परिसंपत्ति पुनर्निर्माण और प्रबंधन कंपनी बनेगी।

-इस कंपनी से रियल एस्टेट की संकट वाली करीब डेढ़ लाख करोड़ की संपत्ति को भी लाभ मिलेगा।

-अतिरिक्त भूमि का मुद्रीकरण किया जाएगा।

-इसके अलावा वित्त मंत्री ने स्टील पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 7.5 फीसदी करने का ऐलान भी किया है। इससे घर बनाने की लागत में कमी आएगी। वहीं विदेशी निवेशकों की ओर से InVITs और REITs की फाइनेंसिंग को संबंधित कानून में संशोधन के जरिए अनुमति दी जाएगी। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में पैसा आएगा।

पिछले बजट में क्या मिला था

पिछले साल के बजट 2020-21 में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 103 लाख करोड़ का आवंटन हुआ था। वहीं 5 नए स्मार्ट शहर बनाने की दूरदृष्टि से अफोर्डेबल हाउसिंग में उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाने की बात हुई थी। पिछले साल भी बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग लोन के ब्याज पर अतिरिक्त 1.5 लाख रुपये के टैक्स लाभ को एक साल के लिए बढ़ाया गया था। याद रखना होगा कि नोटबंदी के बाद से ही यह सेक्टर काफी मुश्किलों से जूझ रहा है। वहीं कोरोना ने तो जैसे रियल एक्टेट में ठहराव जैसा ला दिया है। यहां तक कि महानगरों में भी संपत्ति के दाम तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं।

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