कोरोना संकट में भी EMI चुकाने वाले ऋण धारक को सरकार नकदी देगी वापस – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 25 Oct 2020 08:43:25 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कोरोना संकट में भी EMI चुकाने वाले ऋण धारकों को सरकार नकदी देगी वापस http://www.shauryatimes.com/news/88145 Sun, 25 Oct 2020 07:45:02 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=88145 केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले कर्जदारों का बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज तो माफ किया ही साथ ही जिन कर्जदारों ने समय पर ईएमआई (EMI) चुकाई, उनके लिए कैशबैक की भी घोषणा की है। ऐसे कर्जदारों को सरकार पांच नवंबर तक कैशबैक देगी। यह कैशबैक चक्रवद्धि ब्याज और साधारण ब्याज का अंतर होगा। केंद्र सरकार ने इससे संबंधित दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है।

केंद्र सरकार ने मोरेटोरियम अवधि के दौरान आंशिक या पूर्ण रूप से मोरेटोरियम का लाभ लेने वालों और मोरेटोरियम का लाभ नहीं लेने वाले दोनों तरह के लोगों को फायदा पहुंचाया है। मोरेटोरियम का फायदा उठाने वाले लोगों का ईएमआई पर ब्याज पर ब्याज को सरकार ने माफ कर दिया है। इस तरह 1 मार्च से 31 अगस्त 2020 के बीच ईएमआई टालने की सुविधा लेने वालों को ब्याज पर ब्याज नहीं लगेगा।

वहीं, कोरोना संकट के समय में भी समय पर ईएमआई भरने वालों को सरकार पांच नवंबर तक कैशबैक देगी। कैशबैक की राशि उतनी ही होगी, जितनी मोरेटोरियम लेने पर उन्हें ब्याज पर ब्याज के रूप में चुकानी पड़ती। ब्याज पर ब्याज माफी और कैशबैक के लिए सरकारी खजाने से 6,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

सरकार की इस पहल का लाभ आठ तरह के लोन पर लागू होगा। जिनमें होम लोन, एमएसएमई लोन, ऑटो लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, एजुकेशन लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, प्रोफेशनल्स पर्सलन लोन और कंजप्शन लोन शामिल है। शर्त यह है कि लोन लेने वाला 29 फरवरी तक डिफाल्टर नहीं हो और लोन राशि दो करोड़ से कम हो। इस योजना का लाभ एक मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 तक के लिए है।

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, मोरेटोरियम की छह महीने की अवधि में चक्रवृद्धि ब्याज में से साधारण ब्याज को घटाने पर जो राशि बनेगी, वही राशि कैशबैक के रूप में कर्जधारकों को दी जाएगी। जिन लोगों ने मोरेटोरियम का फायदा उठाया है, उन्हें भी चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर का अनुग्रह राशि के रूप में भुगतान होगा।

 

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