कोर्ट ने दो फॉरेंसिक ऑडिटरों को भी उसके समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है. – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 11 Oct 2018 07:47:28 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कोर्ट ने दो फॉरेंसिक ऑडिटरों को भी उसके समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है. http://www.shauryatimes.com/news/13657 Thu, 11 Oct 2018 07:47:28 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=13657

 सुप्रीम कोर्ट द्वारा आम्रपाली ग्रुप के 9 कार्यालयों को सील करने के आदेश के बाद गुरुवार को दोपहर 2 बजे दोबारा इस मामले में सुनवाई होने वाली है. दोपहर दो बजे होने वाली इस सुनवाई में कोर्ट ने दो फॉरेंसिक ऑडिटरों को भी उसके समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने ने आम्रपाली समूह से उसकी नौ संपत्तियों को सील करने के संबंध में दोपहर दो बजे तक शपथ पत्र दायर करने को कहा है.

यूपी, बिहार के 9 कार्यालय होंगे सील

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तरप्रदेश और बिहार में स्थित आम्रपाली समूह के नौ कार्यालयों को सील करने के आदेश दिए, जहां समूह की 46 कंपनियों से संबंधित दस्तावेज रखे गए थे. नौ कार्यालयों में से सात उत्तरप्रदेश के नोएडा व ग्रेटर नोएडा में स्थित हैं, जबकि दो अन्य बिहार के बक्सर और राजगीर जिलों में स्थित हैं. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कंपनी के चेयरमैन समेत तीन निदेशकों को 46 कंपनियों के मौजूद खातों को फोरेंसिक लेखा परीक्षकों को उपलब्ध कराने में विफल रहने पर पुलिस हिरासत में भेज दिया था.

तीनों निदेशकों को पुलिस थाने में रखने का आदेश

कोर्ट ने कहा, “अगर नोएडा व ग्रेटर नोएडा स्थित सात परिसरों की सीलिंग की कारवाई पूरी हो जाती है तो, पुलिस तीन निदेशकों की उपस्थिति पर जोर नहीं डालेगी.” कोर्ट ने कहा, “अगर यह कार्य आज पूरा नहीं होता है, तो यथास्थिति बरकरार रहेगी, लेकिन तीनों निदेशकों को जेल में बंद करने के स्थान पर पुलिस थाने में रखा जाए.” कोर्ट ने यह आदेश तीनों निदेशकों -अनिल कुमार शर्मा(चेयरमैन और प्रबंध निदेशक), शिव प्रिया और अजय कुमार- की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें तीनों ने आग्रह किया था कि उन्हें जेल के अंदर बंद नहीं किया जाए और अपने अधिकारियों व वकीलों से बात करने की अनुमति दी जाए, ताकि दस्तावेज सुपूर्द करने की प्रक्रिया आगे बढ़ सके. कोर्ट ने संबंधित जिला प्रशासन को सील किए गए कार्यालय परिसर की चाबी सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को सौंपने के आदेश दिए थे.

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