गांधीजी के प्रपौत्र राजमोहन गांधी ने कहा- भारतीयों को नफरत मुक्‍त नहीं बना सके गांधी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 17 Dec 2019 07:12:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 गांधीजी के प्रपौत्र राजमोहन गांधी ने कहा- भारतीयों को नफरत मुक्‍त नहीं बना सके गांधी http://www.shauryatimes.com/news/69897 Tue, 17 Dec 2019 07:12:33 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=69897 भारत के स्‍वाधीनता आंदोलन के अगवा महात्‍मा गांधी लोकतंत्र, समानता व स्‍वतंत्रता के हिमायती थे। गांधी ने लोगों को डर से मुक्‍त रहने की बात समझाई लेकिन नफरत नहीं करना सिखाने में विफल रहे। गांधीजी के प्रपौत्र राजमोहन गांधी ने गांधीनगर में यह बात कही।

आईआईटी गांधीनगर में भारत की खोज कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्‍यपाल राजमोहन गांधी ने कहा कि गांधीजी ने हिंदू धर्म आधारित भारत की पहचान को कभी भी स्‍वीकार नहीं किया। ब्रिटिश के भारत छोड़ने में गांधीजी का योगदान कितना था, इस बात का कोई महत्‍व नहीं है। चूंकि भारत में संसाधनों की कमी के चलते अंग्रेज वैसे भी भारत छोड़ कर चले ही जाते। गांधीजी ने भारत में आजादी का आंदोलन लड़ रहे नेताओं को एक किया उन्‍हें एकमत होने के लिए राजी किया यह बात सबसे अहम थी।

उन्‍होंने लोगों को जाति, धर्म तथा किसी भी तरह के भेदभाव के बिना भारत की एक परिकल्‍पना व विचार को समझाया। गांधीजी लोकतंत्र, समानता व स्‍वतंत्रता के हिमायती थे, उनके इन्‍हीं विचारों को संविधान निर्माताओं ने स्‍वीकार किया तथा संविधान में जगह दी यह बड़ी बात थी।

इस्‍लाम के आधार पर पाकिस्‍तान के जन्‍म के बाद भारत को हिंदू राष्‍ट्र बनाने का संविधान निर्माताओं पर भारी दबाव था। लेकिन भारत के लोगों ने हिंदू राष्‍ट्र के विचार को ठुकरा दिया था। राजमोहन गांधी ने कहा कि भारत में आज भी कई लोगों व एक वर्ग का मानना है कि भारत की पहचान हिंदू धर्म के आधार पर होनी चाहिए तथा हिंदुओं के लिए भारत प्रथम राष्‍ट्र होना चाहिए।

गांधीजी ने 1906 में अपने पुस्‍तक में हिंदू राष्‍ट्र के विचार को नकार दिया था। भारत में सामाजिक व सांस्कृतिक विविधता है इसीलिए भारत में लंबे समय तक लोकतंत्र जीवंत रहा। उन्होंने माना कि गांधीजी भारतीयों को डरो मत यह बात समझाने में सफल रहे लेकिन नफरत मत करो यह बात समझाने में विफल रहे।

आईआईटी गांधीनगर में प्रतिवर्ष भारत की खोज नामक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें इस बार केलिफोर्निया इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी के 10 व आईआईटी गांधीनगर के 12 छात्र शामिल हुए हैं।

भारत में जब नागरिकता संशोधन कानून व नेशनल सिटीजन रजिस्‍टर एनआरसी तथा राममंदिर जैसे मुद्दों को लेकर पूरे देश में लोगों की भावनाएं उफान पर है। असम, दिल्‍ली, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्‍यों में बड़ी संख्‍या में हिंसा व आगजनी की घटनाएं हुई हैं इसी बीच गांधीजी के प्रपौत्र व पूर्व राज्‍यपाल राजमोहन गांधी के ये विचार काफी अहम समय पर आए हैं।

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