गुजरात :9 साल पहले रोपे थे सफेद चंदन के एक हजार पौधे – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 01 Feb 2019 06:07:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 गुजरात :9 साल पहले रोपे थे सफेद चंदन के एक हजार पौधे, अब होगी 30 करोड़ की कमाई http://www.shauryatimes.com/news/30157 Fri, 01 Feb 2019 06:07:38 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=30157 गुजरात के कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं. चंदन की मांग तीन सौ प्रतिशत है और देश में 30 प्रतिशत उत्पादन चंदन का होता है. चंदन की खेती की शुरुआत 2010-2011 में अल्केश भाई पटेल ने गुजरात के भरूच जिले के हांसोट तालुका के कांटासायण गांव से की थी. स्थानीय विधायक और मंत्री ईश्वरसिंह पटेल ने भी वनविभाग से चंदन के पौधे अल्केश भाई के लिए मंगवाकर सफेद चंदन की खेती शुरू करवाई. आज से 9 साल पहले अल्केश भाई के सफेद चंदन के पौधे आज एक बड़े वृक्ष हो गए है. लगभग दो एकड़ जमीन में अल्केश भाई ने एक हजार से अधिक पौधे रोपकर चंदन की फसल बनाई थी. जो अब आने वाले पांच साल बाद अल्केश भाई को 30 करोड़ रुपये कमाकर देगी. 

वर्ष 2003 में, गुजरात राज्य में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा एक निर्णय लिया गया था. 2003 को डांग जिले को छोड़कर चंदन की खेती राज्य के अन्य जिलों के किसान कर सकते हैं. गुजरात सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को विधानसभा में कानून बनाकर पारित कर दिया. हर किसान चंदन की खेती अपनी जमीन के सर्वे नंबर में कर सकता है. चंदन के एक पेड़ को बाजार में बेचने पर सरकार को रॉयल्टी एक पेड़ के हिसाब से किसान को 20 रुपया रॉयल्टी देनी होगी. उस समय जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे, तब किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया था. आज के सबसे अच्छे उदाहरण का अनुमान भरूच जिले के हांसोट तालुका के कांटासायण गांव के अल्केश भाई पटेल को देखकर लगाया जा सकता है.

शुरुआत में आईं कई समस्याएं 
जब अल्केश पटेल ने खेती शुरू की, तो कई समस्याएं आई थीं. मिट्टी में क्षार ज्यादा होने के कारण, उन्होंने स्थानीय विधायक और मंत्री ईश्वरसिंह पटेल से इस बारे में बात की. उन्होंने नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानी को बुलाकर चंदन की खेती कैसे की जानी चाहिए? इसकी जानकारी देने में भी उनकी मदद की. जिससे अल्केश भाई अपने खेत में लगे एक हजार चंदन के पेड़ उसकी देखभाल करने लगे. पौधे को पथरीली और सुखी मिट्टी में भी उगाया जा सकता है. चंदन का पेड़ काम पानी से भी बड़ा हो जाता है.

आज नौ साल बाद, अल्केश भाई पटेल ने 15 से 20 फीट ऊंचे चंदन के पेड़ देखकर राज्य सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी का शुक्रिया अदा किया क्योंकि एक चंदन का पेड़ अब आने वाले 5 से 6 साल बाद उन्हें तीन लाख रुपये देगा. आने वाले 6 साल बाद अल्पेशभाई इन एक हजार सफेद चंदन के पेड़ों के जरिए 30 करोड़ रुपये कमाएंगे.

चंदन के पेड़ के साथ उन्होंने इसे पोषण करने वाले अन्य पेड़ भी लगाए हैं. जिसके माध्यम से चंदन के पेड़ और पोषण पाया जा सकता है. पहले पांच वर्षों में, किसान अपने खेत में चंदन की फसलों के साथ-साथ अन्य फसलों को भी ले सकता है. उसके बाद चंदन के पेड़ उगते ही किसान को रुकना पड़ता है. लेकिन 15 साल की तपस्या के बाद, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इस सफेद चंदन को बेचकर गुजरात का यह किसान करोड़पति बन जाएगा. अल्केश भाई के पड़ोसि किसानों ने भी उनके साथ मिलकर अपने खेतों में चंदन की खेती शुरू की.

दक्षिण गुजरात के कई किसानों ने अल्केश भाई के निर्देशन में चंदन की खेती शुरू की. वर्तमान में, गुजरात में लगभग पांच हजार किसान चंदन की खेती कर रहे हैं. चंदन की खेती कर रहे पांच हजार किसानों ने अपना संघ बनाया है, और कर्नाटक सरकार के साथ MOU करने की तैयारी भी कर ली है . जिसके माध्यम से वे सीधे कर्नाटक सरकार को अपना चंदन बेच कर करोड़ो कमा सकते हैं.

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