गूगल डूडल:  यूरोप को शैम्पू से नहलाने वाले शख्स का भारत से है खास नाता – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 15 Jan 2019 07:10:07 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 गूगल डूडल:  यूरोप को शैम्पू से नहलाने वाले शख्स का भारत से है खास नाता http://www.shauryatimes.com/news/27762 Tue, 15 Jan 2019 07:10:07 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=27762 यूरोप में भारतीय व्यंजनों और शैम्पू शुरुआत करने वाले शेख दीन मोहम्मद को Google ने Doodle बनाकर याद किया है. 19वीं शताब्दी की शुरुआत में यूरोप में भारतीय व्यंजनों और भारतीय चिकित्सीय मालिश की शुरुआत करने का श्रेय उन्हें दिया जाता है. शेख दीन मोहम्मद ने साल 1810 में ब्रिटेन में पहला भारतीय रेस्तरां खोला, जिसका नाम हिंदोस्तान कॉफी हाउस (Hindoostane Coffee House) रखा. 

शेख दीन मोहम्मद का जन्म 1759 में पटना में हुआ था. वो बक्सर के रहने वाले थे. उनके पिता, जो पारंपरिक नाई जाति के थे और ईस्ट इंडिया कंपनी की नौकरी करते थे. उन्होंने रसायन शास्त्र को बहुत बारीकी से सीखा इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न क्षार, साबुन और शैम्पू का उत्पादन करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों को समझा और प्रयोग शुरू किए.

10 साल की उम्र में शेख दीन मोहम्मद के पिता का निधन हो गया था. पिता के निधन के बाद उन्हें कैप्टन गॉडफ्रे इवान बेकर के विंग में शामिल कर लिया गया. इवान बेकर एक एंग्लो-आयरिश प्रोटेस्टैंट (विरोध करने वाले) ऑफिसर थे. शेक ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल रेजिमेंट में एक सैनिक रहे, जिसके साथ उन्होंने कई वर्षों तक काम किया. काफी दिनों तक सेना में अपनी सेवा देने के बाद शेख मोहम्मद सन् 1782 में ब्रिटेन आ गए. वो पहले ऐसे भारतीय लेखक थे, जिन्होंने अंग्रेजी में एक पुस्तक प्रकाशित की.

1810 में, उन्होंने 34 जॉर्ज स्ट्रीट, लंदन में हिंदोस्तान कॉफी हाउस की स्थापना की, जो एक एशियाई द्वारा संचालित ब्रिटेन का पहला भारतीय रेस्तरां था. हालांकि, उनका ये व्यवसाय दो साल के भीतर विफल हो गया. बहरहाल, मोहम्मद को 1812 में अपने शानदार रेस्तरां को बंद करने के लिए मजबूर किया गया.

इसके बाद मोहम्मद अपने परिवार समेत ब्राइटन शहर में बस गए और समुद्र तट पर उन्होंने मोहम्मद बाथ नाम का एक स्पा खोला, जिसमें शानदार हर्बल स्टीम बाथ की शुरुआत की गई थी. उनकी खासियत स्टीम बाथ और भारतीय चिकित्सीय मालिश रही. यह एक ऐसा उपचार था जिसे उन्होंने ‘शैम्पू’ नाम दिया था, जो कि हिंदी शब्द चंपी से प्रेरित है, जिसका अर्थ है ‘सिर की मालिश’. मोहम्मद की मृत्यु 1851 में 32 ग्रैंड परेड, ब्राइटन में हुई. उन्हें सेंट निकोलस चर्च, ब्राइटन के ही एक कब्रिस्तान में दफनाया गया.

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