चिल्ला बॉर्डर खुलने से दिल्ली आने वालों को मिली राहत – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 13 Dec 2020 09:26:21 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 चिल्ला बॉर्डर खुलने से दिल्ली आने वालों को मिली राहत, गाजीपुर व आनंद विहार पर नहीं लगा जाम http://www.shauryatimes.com/news/94117 Sun, 13 Dec 2020 09:26:21 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=94117 पिछले 12 दिन से किसानों के आंदोलन व धरना प्रदर्शन के कारण बंद रहा दिल्ली-नोएडा लिंक रोड (चिल्ला बॉर्डर) शनिवार देर रात किसानों और पुलिस की वार्ता के बाद पूरी तरह से खोल दिया गया। इससे नोएडा से दिल्ली आने वाले वाहनों का दबाव एनएच-9 पर कम हो गया। जिससे सुबह की समय गाजीपुर मुर्गा मंडी वाले रास्ते पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिली। पिछले कई दिनों से यहां लगने वाला जाम लोगों के जी का जंजाल बना हुआ था।

इससे प्रतिदिन लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती थी। इसके साथ ही आनंद विहार-गाजीपुर रोड पर भी सुबह के समय जाम नहीं लगा। वहीं, दिल्ली से एनएच-9 होकर जाने वाले वाहन चालकों को भी कोई परेशानी नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि रात करीब 11 बजे दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर नोएडा की सीमा में लगे सभी बैरीकेड हटा दिए गए। जिसके बाद दिल्ली जाने के लिए वाहन चालकों ने इस मार्ग का प्रयोग शुरू कर दिया। इससे पहले तक दिल्ली जाने के लिए वाहन चालकों को खोड़ा नहर, डीएनडी और कालिंदी कुंज होकर जाना पड़ रहा था। वहीं, दिल्ली से अक्षरधाम होते हुए नोएडा की ओर आने वाला रास्ता पहले से खुला हुआ था।

गौरतलब है कि चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों ने शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी। जिसमें किसानों ने अपनी 18 मांगों को रखा था। किसानों को उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था। जिसके बाद किसान रास्ता खोलने के लिए तैयार हुए थे।

किसानों ने की बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश

बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को भी किसानों ने गाजीपुर स्थित यूपी गेट पर सुबह के समय प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कुछ किसानों ने सीमा पर लगे बैरिकेड को हटाने की कोशिश की। पुलिस ने यहां पर तीन स्तरीय बैरिकेडिंग की हुई है। साथ ही यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। इस कारण प्रदर्शनकारी किसान बैरिकेड को हटा नहीं पाए। इसके बाद वे प्रदर्शन करते हुए बैरिकेड के सामने ही बैठ गए। कुछ समय तक किसानों ने वहीं बैठकर नारेबाजी की, फिर दोपहर बाद किसान धीरे-धीरे कर अलग-अलग समूह बनाकर अन्य स्थान पर बैठ गए।

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