जानिए एयरक्राफ्ट की हर एक खासियत – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 10 Sep 2020 04:49:01 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 राफेल से कैसे और कितनी बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत, जानिए एयरक्राफ्ट की हर एक खासियत http://www.shauryatimes.com/news/83443 Thu, 10 Sep 2020 04:49:01 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=83443 पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आज अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल कर दी जाएगी. ये विमान वायुसेना के 17वें स्क्वाड्रन, “गोल्डन एरो” का हिस्सा होंगे. अंबाला में ही राफेल फाइटर जेट्स की पहली स्क्वाड्रन तैनात होगी. इस स्क्वाड्रन में 18 राफेल लड़ाकू विमान, तीन ट्रैनर और बाकी 15 फाइटर जेट्स होंगे.

रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद अपनी सटीक मारक क्षमता और वायु श्रेष्ठता के लिए चर्चित राफेल विमानों की करीब 23 साल बाद खरीद हुई है. राफेल विमान अत्याधुनिक हथियारों और उन्नत प्रणाली से लैस हैं.

राफेल की ताकत
राफेल लड़ाकू विमान 4.5 जेनरेशन मीड ओमनी-पोटेंट रोल एयरक्राफ्ट है. मल्टीरोल होने के कारण दो इंजन वाला (टूइन) राफेल फाइटर जेट एयर-सुप्रेमैसी यानी हवा में अपनी बादशाहत कायम करने के साथ-साथ डीप-पैनेट्रेशन यानी दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में भी सक्षम है. यानी राफेल जब आसमान में उड़ता है तो कई सौ किलोमीटर तक दुश्मन का कोई भी विमान, हेलीकॉप्टर या फिर ड्रोन पास नहीं फटक सकता है. साथ ही वो दुश्मन की जमीन में अंदर तक दाखिल होकर बमबारी कर तबाही मचा सकता है. इसलिए राफेल को मल्टी रोल लड़ाकू विमान भी कहा जाता है.

राफेल अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों से लैस हैं. सबसे खास है दुनिया की सबसे घातक समझे जाने वाली हवा से हवा में मार करने वाली मेटयोर (METEOR) मिसाइल. ये मिसाइल चीन तो क्या किसी भी एशियाई देश के पास नहीं है. यानी राफेल प्लेन वाकई दक्षिण-एशिया में गेम-चेंजर साबित हो सकता है. जानकारी के मुताबिक, वियोंड विज्युल रेंज ‘मेटयोर’ मिसाइल की रेंज करीब 150 किलोमीटर है. हवा से हवा में मार करने वाली ये मिसाइल दुनिया की सबसे घातक हथियारों में गिनी जाती है. इसके अलावा राफेल फाइटर जेट लंबी दूरी की हवा से सतह में मार करने वाली स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हवा से हवा में मार करने वाली माइका मिसाइल से भी लैस है.

राफेल में एक और खासयित ये है कि इसके पायलट के हेलमेट में ही फाइटर प्लेन का पूरा डिस्प्ले सिस्टम है. यानी उसे प्लेन के कॉकपिट में लगे सिस्टम को देखने की जरूरत भी नहीं पड़ती. उसका पूरा कॉकपिट का डिस्प्ले हेलमेट में होगा.

भारत ने राफेल सौदे में कितने खर्च किए?
भारत ने राफेल सौदे में करीब 710 मिलियन यूरो (यानि करीब 5341 करोड़ रुपये) लड़ाकू विमानों के हथियारों पर खर्च किए हैं. पूरे सौदे की कीमत करीब 7.9 बिलियन यूरो है यानी करीब 59 हजार करोड़ रुपये.

राफेल का फुल पैकेज कुछ इस तरह है. 36 विमानों की कीमत 3402 मिलियन यूरो, विमानों के स्पेयर पार्टस1800 मिलियन यूरो के हैं, जबकि भारत के जलवायु के अनुरुप बनाने में खर्चा हुआ है 1700 मिलियन यूरो का. इसके अलावा परफॉर्मेंस बेस्ड लॉजिस्टिक का खर्चा है करीब 353 मिलियन यूरो का. एक विमान की कीमत करीब 90 मिलियन यूरो है यानी करीब 673 करोड़ रुपये. लेकिन इस विमान में लगने वाले हथियार, सिम्यूलेटर, ट्रैनिंग मिलाकर एक फाइटर जेट की कीमत करीब 1600 करोड़ रुपये पड़ेगी.

 

]]>