जानिए क्यों – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 20 Mar 2021 09:39:28 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 पूर्व भारतीय ओपनर ने कहा- श्रेयस अय्यर के लिए बेस्ट नहीं है ये बैटिंग स्लॉट, जानिए क्यों http://www.shauryatimes.com/news/106285 Sat, 20 Mar 2021 09:39:28 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=106285 पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही T20I सीरीज में श्रेयस अय्यर की बल्लेबाजी की स्थिति के बारे में अपनी नाराजगी व्यक्त की है। मुंबई के खिलाड़ी, जो अपने आइपीएल फ्रेंचाइजी के लिए नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हैं और पहले भारत के लिए सबसे सीमित ओवरों के प्रारूप में नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते हैं, उनको वर्तमान सीरीज के दौरान क्रम से नीचे धकेल दिया गया है।

श्रेयस अय्यर ने पहले मैच में नंबर 5 पर बल्लेबाजी की और 67 रन की शानदार पारी खेली। दूसरे मैच उनकी ज्यादा बारी नहीं आई, लेकिन उस मैच में भी वे 5 नंबर पर उतरे। वहीं, तीसरे मैच में उनको छठे स्थान पर धकेल दिया गया और फिर चौथे मैच में भी उनसे छठे नंबर पर ही बल्लेबाजी कराई गई। नंबर 6 का स्थान किसी प्रोपर बैट्समैन के लिए नहीं, बल्कि एक मैच फिनिशर के लिए होना चाहिए, जो लंबे-लंबे छक्के मारता हो।

पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा ने क्रिकइंफो से बात करते हुए कहा, “उनके पास कोई और विकल्प नहीं है। जैसा कि वे कहते हैं, यदि आपको पानी में धकेल दिया जाता है तो आपके पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है। ऐसे में आपको तैरना ही है,क्योंकि दूसरा विकल्प डूबना है। इसलिए उनको जो भी बल्लेबाजी स्लॉट देना है, उस पर बल्लेबाजी करनी होगी। वह नंबर 5 पर बल्लेबाजी कर रहे थे, अब वह नंबर 6 पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। नंबर 6 उनके लिए सही जगह नहीं है, उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी जरूर की है, आपको उनकी पीठ थपथपाने की जरूरत है, लेकिन वह उस स्थिति में लंबे समय के लिए विकल्प नहीं है।”

चोपड़ा ने ये भी कहा है कि शीर्ष क्रम के ज्यादा बल्लेबाज प्लेइंग इलेवन में होने के कारण विराट कोहली को खुद नीचे बल्लेबाजी करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा है, “श्रेयस अय्यर मिल रहे अवसरों का सबसे अच्छा उपयोग कर रहे हैं, लेकिन यह उनके लिए सबसे अच्छा बल्लेबाजी क्रम नहीं है, लेकिन उनके पास विकल्प भी नही है, शीर्ष क्रम में कई बल्लेबाज हैं, यहां तक कि कोहली को भी उनके पसंदीदा बल्लेबाजी स्लॉट नंबर तीन पर खेलने को नहीं मिल रहा है।”

 

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सलमान नहीं चाहते है कैटरीना करें जॉन अब्राहम के साथ काम, जानिए क्यों http://www.shauryatimes.com/news/103553 Wed, 24 Feb 2021 08:26:11 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=103553 बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान एवं अभिनेत्री कैटरीना कैफ के रिलेशनशिप को लेकर अक्सर चर्चा होती रही हैं। दोनों ने साथ में ‘टाइगर जिंदा है’, ‘भारत’, ‘पार्टनर’ जैसी कई जबरदस्त फिल्मों में काम में किया हैं। इन सुपरहिट मूवीज के साथ ही दोनों के रिश्तें को लेकर कई चर्चा हुई। यहां तक कि दोनों की शादी को लेकर भी कई बार बातें हुई है। हालांकि दोनों ने इसे खारिज कर दिया।

वही इस के चलते कैटरीना एवं रणबीर कपूर के चर्चे भी सामने आए। दोनों की निजी वैकेशन की फोटोज भी सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुई। किन्तु बाद में इनका ब्रेकअप हो गया। अब कैटरीना एवं विक्की कौशल के रिश्ते को लेकर चर्चे होते हैं। कैटरीना एवं विक्की कौशल की व्यक्तिगत मुलाकात तथा पार्टी की फोटोज और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। किन्तु क्या आप जानते हैं कैटरीना कैफ एवं सलमान खान बहुत लंबे समय साथ में रहे। दोनों ने एक-दूसरे को डेट किया। वर्ष 2009 में आई मूवी ‘न्यूयॉर्क’ में जब कैटरीना कैफ को लीड किरदार का ऑफर किया गया था, उस समय सलमान खान उन्हें डेट कर रहे थे। किन्तु सलमान खान नहीं चाहते थे कि कैटरीना कैफ इस मूवी में जॉन अब्राहम के साथ कार्य ना करें क्योंकि जॉन ने कैटरीना को उनकी फर्स्ट मूवी से निकाल दिया था।

बता दें कि कैटरीना को वर्ष 2003 में आई मूवी साया के लिए चयनित करना था, किन्तु जॉन ने उन्हे रिजेक्ट करवा दिया। उनका कहना था कि कैटरीना कैफ को हिंदी नहीं आती है। जॉन अब्राहम इस मूवी के लीड हीरो थे। अनुराग बासु इस मूवी के निर्देशक थे। कैटरीना को एक रात के सीन के शूट के लिए बुलाया गया था। यह एक साइलेंट शॉट था तथा कैटरीना को भूत की भूमिका निभानी थी। किन्तु दो दिन के शूट के पश्चात् उन्हें रिप्लेस कर दिया गया। क्योंकि जॉन को लगता था कि उन्हें हिंदी ठीक ढंग से बोलना नहीं आ रही।

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इस एक्ट्रेस ने खुद को बताया कोरोना टेस्ट क्वीन, जानिए क्यों…. http://www.shauryatimes.com/news/87655 Wed, 21 Oct 2020 06:22:56 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=87655 महामारी कोरोना वायरस इस समय तेजी से फ़ैल रही है और इसके प्रसार को रोकने के लिए काम भी चल रहा है। आप जानते ही होंगे इस एक वायरस ने पूरे के पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर डाला है। ऐसे में इस बार कोरोना को मद्देनजर रखते हुए आईपीएल (IPL) में खास इंतजाम करने पड़े हैं और इस बार यह दुबई में हो रहा है। इस समय आईपीएल का 13वां सीजन चल रहा है और ऐसे में किंग्स इलेवन पंजाब की ओनर और एक्ट्रेस प्रीति जिंटा वहां मौजूद हैं।

अब इसी बीच उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जो आप देख सकते हैं। आप देख सकते हैं इस वीडियो में वह खुद को कोविड टेस्ट क्वीन बता रही हैं। जी दरअसल, इस साल आईपीएल के लिए वह जिस दिन से दुबई गई हैं, अब तक उन्होंने अपना 20 बार कोरोना टेस्ट करवा है। इसी के साथ प्रीती जिंटा ने अपने फैंस को बायो बबल में होने का मतलब भी बताया।

https://www.instagram.com/p/CGj6FGVh_Fa/?utm_source=ig_embed

आप देख सकते हैं उन्होंने कैप्शन में लिखा है कि “मुझसे कई लोगों ने आईपीएल बायो बबल में होने का मतलब पूछा है। तो मैं बताना चाहूंगी कि यह 6 दिन के क्वारैंटाइन से शुरू होता है। हर 4 दिन में कोविड टेस्ट होता है। इसमें आप बाहर नहीं जा सकते। आप बस अपने रूम, गाड़ी, रेस्टोरेंट, जिम और स्टेडियम में ही रह सकते हैं। वहीं ड्राइवर, कुक भी बायो बबल में हैं। लेकिन बाहर का खाना, लोगों से मिलना बंद है। मेरे जैसे लोगों के लिए ये थोड़ा कठिन है लेकिन मैं उन सारे वॉरियर्स का शुक्रिया करूंगी जिनके कारण महामारी के बीच आईपीएल हो रहा है।” वैसे प्रीति के बारे में बात करें तो वह काफी समय पहले ही दुबई आ गईं हैं और अपनी टीम को चीयरअप कर रहीं हैं।

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साइबर हमले से सुरक्षा नहीं देते थर्ड पार्टी स्टोर के एंटी वायरस, जानिए क्यों ? http://www.shauryatimes.com/news/39484 Sat, 13 Apr 2019 10:15:45 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=39484 दुनिया में चीन के बाद भारत स्मार्टफोन का सबसे बड़ा बाजार है। यहां करोड़ों यूजर हैं जो अपने फोन में एंटी वायरस का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, क्या वह जानते हैं कि उनका एंटी वायरस कैसे काम करता है। एक जानकारी के मुताबिक, एंटी वायरस हमेशा साइबर हमले से सुरक्षा नहीं करते हैं बल्कि यह सिर्फ हमले की शुरुआत में उसकी जानकारी दे देते हैं।

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बार-बार आक्रमण कर रहा था जरासंध, फिर भी कृष्ण उसे नहीं मार रहे थे, जानिए क्यों http://www.shauryatimes.com/news/30535 Mon, 04 Feb 2019 06:16:08 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=30535 भगवान श्रीकृष्ण जो भी करते थे, उसके पीछे एक उद्देश्य होता था। महाभारत में भी कई कहानियां हैं जहां लोगों को उनके काम समझ नहीं आए, लेकिन जब अंतिम परिणाम आया तो आभास हुआ कि कान्हा क्या सोच रहे थे। ऐसी ही एक कहानी जरासंध को लेकर भी है। आप भी पढ़िए –

कंस की मृत्यु के पश्चात उसका ससुर जरासंध बहुत ही क्रोधित था। उसने कृष्ण और बलराम को मारने के लिए मथुरा पर 17 बार आक्रमण किया।

जरासंध जब भी आक्रमण करता, उसे हार का मुंंह देखना पड़ता। वह फिर सेना जुटाता और ऐसे राजाओं को अपने साथ जोड़ता जो श्रीकृष्ण के खिलाफ थे, और फिर हमला बोल देता। हर बार श्रीकृष्ण पूरी सेना को मार देते, लेकिन जरासंध को छोड़ देते। बड़े भाई बलराम को यह बात अजीब लगती।

आखिर में एक युद्ध के बाद बलराम से रहा नहीं गया और उन्होंने श्रीकृष्ण से पूछ ही लिया – “बार-बार जरासंध हारने के बाद पृथ्वी के कोनों-कोनों से दुष्टों को अपने साथ जोड़ता है और हम पर आक्रमण कर देता है और तुम पूरी सेना को मार देते हो किन्तु असली खुराफात करने वाले को ही छोड़ दे रहे हो। ऐसे क्यों?”

तब हंसते हुए श्री कृष्ण ने बलराम को समझाया, “हे भ्राता श्री, मैं जरासंध को बार-बार जानबूझकर इसलिए छोड़ दे रहा हूं ताकि वह जरासन्ध पूरी पृथ्वी से दुष्टों को अपने साथ जोड़े और मेरे पास लाता रहे और मैं आसानी से एक ही जगह रहकर धरती के सभी दुष्टों को मार दे रहा हूं। नहीं तो मुझे इन दुष्टों को मारने के लिए पूरी पृथ्वी का चक्कर लगाना पड़ता। दुष्टदलन का मेरा यह कार्य जरासंध ने बहुत आसान कर दिया है।”

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जानिए क्यों, हनुमान जी को इतना प्रिय है मंगलवार ? http://www.shauryatimes.com/news/26751 Wed, 09 Jan 2019 05:43:38 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=26751 हिन्दू मान्यताओं के अनुसार मंगलवार को भगवान बजरंगबली की पूजा की जाती है क्‍योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। साथ ही बजरंगबली को मंगल ग्रह का नियंत्रक भी माना जाता है। यही वजह है कि इस दिन को हनुमान जी की पूजा के लिए नियत किया गया। ऐसा विश्‍वास किया जाता है कि इस दिन हनुमान जी की उपासना करने से साहस, आत्मविश्वास और आत्‍मशक्ति की प्राप्ति होती है।

जानिए मछलियां कैसे बदल सकती हैं आपका भाग्य

जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि महाभारत के युद्ध में हनुमान जी अर्जुन के रथ के ध्वज पर विराजमान थे और सारे युद्ध में उन्होंने पांडवों की रक्षा की थी। इसीलिए आयु रक्षा, मुकदमों तथा परीक्षा में विजय और संपत्ति की प्राप्ति के लिए हनुमान जी को मंगलवार को हनुमान जी पर तिकोनी केसरिया ध्वजा चढ़ाई जाती है।

इस दिन ‘शंख’ का पूजन करने से बदल जायेंगे आपके भाग्य

सिन्दूर चढ़ाने से होती है मनोकामना पूर्ति 

पौराणिक कथाओं के मुताबिक माता सीता को अपने स्वामी श्री राम को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर से मांग भरते देख कर हनुमान जी ने शरीर में ढेर सारा सिन्दूर लगा लिया था ताकि श्री राम उनसे भी स्‍नेह करें। तभी से हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। ऐसी मान्‍यता है कि हनुमान जी को सिन्दूर और चमेली का तेल चढ़ाने से रोगों और शारीरिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है।

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नये साल में 40 हजार रुपये महंगी हो जाएगी महिंद्रा Marazzo, जानिए क्यों http://www.shauryatimes.com/news/18638 Sat, 17 Nov 2018 08:25:07 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=18638  महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) पिछले दिनों लॉन्च की गई एमपीवी मराजो की कीमत में जनवरी से बढ़ोतरी कर देगी. कंपनी मल्टी परपज व्हीकल मराजो (MPV Marazzo) की कीमत में 1 जनवरी 2019 से 30 से 40 हजार रुपये बढ़ाएगी. मराजो को कंपनी इसी साल सितंबर में पेश किया था. इसकी शुरुआती कीमत 9.99 लाख रुपये है. कार के टॉप वेरिएंट की एक्स शोरूम कीमत 13.90 लाख रुपये है. महिंद्रा एंड महिंद्रा के सेल्स एंड मार्केटिंग प्रमुख विजय राम नाकरा ने कहा कि जब हमने इस मॉडल को पेश किया था उसी समय बताया गया था कि यह इसकी शुरुआती कीमत है. 

M2 बेस और M8 कार का टॉप वेरिएंट
उन्होंने बताया 1 जनवरी 2019 से कंपनी मराजो की कीमत बढ़ाने जा रही है. नई एमपीवी को संयुक्त रूप से महिंद्रा डिजाइन स्टूडियो तथा इटली के डिजाइन हाउस पिनिनफैरिना ने डिजाइन किया है. एमपीवी मराजो महिंद्रा की अब तक की सबसे बड़ी पैसेंजर कार है.  महिंद्रा मेराजो को कुल मिलाकर चार वेरिएंट M2, M4, M6 और M8 के नाम से लॉन्च किया गया है. M2 मेराजो का बेस वेरिएंट होगा, जबकि M8 इसका टॉप वेरिएंट है.

कार शार्क से प्रेरित डिजाइन के आधार पर तैयार हुई
कंपनी का दावा है मराजो को शार्क से प्रेरित डिजाइन के आधार पर तैयार किया गया है. डिजाइन का असर कार के फ्रंट पर भी दिखाई देता है. इसमें शार्क की पूंछ से प्रेरिरत LED टेललाइट्स दिए गए हैं. कार में शार्क-फिन एंटेना दिया है. कार के केबिन में 7 इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है, एंड्रायड ऑटो को सपोर्ट करता है. यह कार के M4 वेरिएंट में उपलब्ध होगा.

इंजन की क्षमता 121 हॉर्स पावर
मराजो के इंजन क्षमता 121 हॉर्स पावर है और यह 300 न्यूटन मीटर की टॉर्क जेनरेट करता है. कंपनी का दावा है कि इंजन फ्यूल एफिशिएंट है और यह 17.6 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती है. कार की लॉन्चिंग के मौके पर कंपनी की तरफ से घोषणा की गई थी कि Marazzo के एएमटी ऑप्शन को साल 2020 तक लॉन्च कर दिया जाएगा. सेफ्टी के लिहाज से कंपनी ने ABS, EBD, ISOFIX और रियर पार्किंग सेंसर के साथ फ्रंट में डुअल एयरबैग्स स्टैंडर्ड रखे हैं, जो सभी वेरिएंट में उपलब्ध होंगे.

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8 बार लग चूका है घाटी में राज्यपाल का शासन, जानिए क्यों http://www.shauryatimes.com/news/3879 Wed, 20 Jun 2018 06:35:05 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=3879 जम्मू-कश्मीर में इस समय हालत बद से बदतर बने हुए है, ऐसे दौर में कश्मीर में शान्ति की वकालत करने वाले कुछ लोगों के लिए भाजपा और पीडीपी गठबंधन का टूटना निराशाजनक फैसला है. ऐसे में आपको बता दें, कश्मीर में राज्यपाल का शासन लगने वाला है लेकिन उसके विपरीत यह कश्मीर के लिए कोई नई बात नहीं है यहाँ पर पिछले 40 सालों में आठ बार राज्यपाल का शासन लग चूका है. जम्मू-कश्मीर में इस समय हालत बद से बदतर बने हुए है, ऐसे दौर में कश्मीर में शान्ति की वकालत करने वाले कुछ लोगों के लिए भाजपा और पीडीपी गठबंधन का टूटना निराशाजनक फैसला है. ऐसे में आपको बता दें, कश्मीर में राज्यपाल का शासन लगने वाला है लेकिन उसके विपरीत यह कश्मीर के लिए कोई नई बात नहीं है यहाँ पर पिछले 40 सालों में आठ बार राज्यपाल का शासन लग चूका है.   बता दें, राज्य में 2008 से राज्यपाल का पद संभाले हुए एन एन वोहरा के रहते हुए ही यह चौथा मौका है जब कश्मीर में सरकारों के बीच मतभेद नजर आ रहे है, हालाँकि कुछ जगह राज्यपाल शासन लगाने के पीछे दूसरे कारण थे जिनमें पिछली बार  मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद आठ जनवरी 2016 को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हुआ था. उस दौरान पीडीपी और भाजपा ने कुछ समय के लिए सरकार गठन को टालने का निर्णय किया था.  कश्मीर के हालातों की मुख्य वजह जो है वो यह है कि 2015 के जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद यहाँ पर भाजपा और पीडीपी में गठबंधन हुआ था. दोनों दलों ने यहाँ पर मिलकर सरकार चलाने का ऐलान किया था लेकिन मंगलवार को भाजपा ने इस गठबंधन से अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद एक बार यहाँ पर हालात एक बार ऐसे हो गए है जब कश्मीर के लोगों के लिए किसी प्रकार का कोई नेतृत्व यहाँ पर मौजूद नहीं है.

बता दें, राज्य में 2008 से राज्यपाल का पद संभाले हुए एन एन वोहरा के रहते हुए ही यह चौथा मौका है जब कश्मीर में सरकारों के बीच मतभेद नजर आ रहे है, हालाँकि कुछ जगह राज्यपाल शासन लगाने के पीछे दूसरे कारण थे जिनमें पिछली बार  मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद आठ जनवरी 2016 को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हुआ था. उस दौरान पीडीपी और भाजपा ने कुछ समय के लिए सरकार गठन को टालने का निर्णय किया था.

कश्मीर के हालातों की मुख्य वजह जो है वो यह है कि 2015 के जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद यहाँ पर भाजपा और पीडीपी में गठबंधन हुआ था. दोनों दलों ने यहाँ पर मिलकर सरकार चलाने का ऐलान किया था लेकिन मंगलवार को भाजपा ने इस गठबंधन से अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद एक बार यहाँ पर हालात एक बार ऐसे हो गए है जब कश्मीर के लोगों के लिए किसी प्रकार का कोई नेतृत्व यहाँ पर मौजूद नहीं है.

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