जानिए माँ कालरात्रि का स्वरूप और उनकी पावन कथा – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 19 Apr 2021 05:58:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 जानिए माँ कालरात्रि का स्वरूप और उनकी पावन कथा http://www.shauryatimes.com/news/109035 Mon, 19 Apr 2021 05:58:57 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=109035 आज चैत्र नवरात्रि का सांतवा दिन है। इस दिन माँ कालरात्रि का पूजन किया जाता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं माँ कालरात्रि की कथा, जिसे आज के दिन सुनने या पढ़ने से सभी कष्टों का निदान हो जाता है। आइए बताते हैं।

माँ कालरात्रि की कथा-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार कैलाश पर्वत पर मां पार्वती की अनुपस्थिति में दुर्गासुर नामक राक्षस हमला करने की कोशिश कर रहा था। उस राक्षस का वध करने के लिए देवी पार्वती ने कालरात्रि को भेजा। उस राक्षस का कद विशालकाय होता जा रहा था तब देवी ने खुद को शक्तिशाली बनाया है। वे शस्त्रों से सुसज्जित हुईं। फिर उन्होंने दुर्गासुर को मार गिराया। इसी कारण उन्हें दुर्गा भी कहा जाता है।

बीज मंत्र: – ॐ देवी कालरात्र्यै नमः’

स्तुति:- या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

प्रार्थना मंत्र:- एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥

मां कालरात्रि का स्वरुप- मां कालरात्रि का वाहन गधा है और इनकी चार भुजाएं हैं। इनमे ऊपर का दाहिना हाथ वरद मुद्रा में और नीचे का हाथ अभयमुद्रा में रहता है। वहीं बायीं ओर के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा और निचले हाथ में खड़ग है। इसी के साथ कहा जाता है मां कालरात्रि का स्मरण मात्र से ही भूत-पिशाच, भय आदि परेशानियां  तुरंत दूर भाग जाती है। जी दरअसल अगर कोई डर है, या कोई शत्रु पीछे पड़ा है या फिर घर की सुख-शांति कहीं खो गई है, तो आज के दिन मां कालरात्रि का ध्यान करना चाहिए।

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