जानें-आगे कैसा रहेगा मौसम का हाल – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 15 Mar 2021 06:52:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 देश के इन इलाकों में अगले तीन से चार दिनों में हो सकती है बारिश, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम http://www.shauryatimes.com/news/105574 Mon, 15 Mar 2021 06:52:16 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=105574 देश में मौसम में इनदिनों अचानक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। देश के अधिकतर इलाकों में अब दिन के तापमान में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। हालांकि, सुबह और शाम में ज्यादातर जगहों पर तापमान दिन के मुकाबले थोड़ा कम रह रहा है। पहाड़ी इलाकों की बात की जाए तो वहां बर्फबारी और बारिश रुक-रुककर हो रही है। इसी का असर उत्तर भारत समेत देश के मैदानी इलाकों पर देखा जा रहा है। देश के मैदानी इलाकों में रात के तापमान पर इसका असर पड़ रहा है।

इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि पश्चिमी विक्षोभ(Western Disturbance) के कारण देश के नॉर्थ-ईस्‍ट के राज्‍यों में अगले तीन से चार दिनों में तेज बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और मणिपुर शामिल हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले तीन से चार दिनों में इन सभी नॉर्थ-ईस्‍ट राज्‍यों में तेज बारिश के साथ ही तेज हवाएं भी चलने की संभावना है। इस दौरान इन राज्‍यों में 40 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ का असर देश के उत्‍तरी हिस्‍सों पर भी पड़ेगा।

मौसम विभाग ने साथ ही जानकारी दी है कि इस पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के अन्य कई इलाकों जैसे  जम्‍मू कश्‍मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में 16 मार्च तक बारिश और बर्फबारी की संभावना बन रही है। इसके अलावा गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद में भी इस दौरान बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।

आगे कैसा रहेगा मौसम ?

मौसम विभाग ने आगे के मौसम को लेकर भी संभावनाएं जताई हैं। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 16 मार्च की रात से अपना प्रभाव दिखाएगा। इस पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में 17 और 18 मार्च को तेज बारिश व बर्फबारी होगी। इसके अलावा 18 मार्च को देश के उत्‍तर पश्चिमी इलाकों में भी इसके प्रभाव के कारण बारिश और तूफान के आसार है। मौसम विभाग का कहना है कि देश में अभी अगले 5 दिन गर्म हवाएं चलने की संभावना नहीं है।

 

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दो दिन बारिश के बाद खिली धूप, जानें-आगे कैसा रहेगा मौसम का हाल http://www.shauryatimes.com/news/45863 Wed, 19 Jun 2019 07:26:25 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=45863 लगातार बढ़ती गर्मी से परेशान लोगों को मंगलवार को हुई बारिश ने थोड़ी राहत पहुंचाई है। सोमवार शाम से शुरु हुई बारिश के बाद आज (बुधवार) धूप खिल गई है। इस बार मानसून ने आने में थोड़ी देर कर दी है। हालांकि, पिछले 12 वर्षों में मानसून इतना लेट कभी नहीं हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून अभी केरल, कर्नाटक के दक्षिण हिस्से, तमिलनाडु के लगभग दो तिहाई हिस्से और पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय है। गोवा में भी बुधवार की सुबह काफी ठंड़ी रही, यहां पणजी में हल्की बारिश हुई। मंगलवार को भी यहां के कई हिस्सों में बारिश हुई थी।

देश की अन्य राज्यों में भी जल्द ही मानसून दस्तक देने वाला है। स्काइमेट की जानकारी के मुताबिक, 18 से 24 जून के बीच पंजाब के कई हिस्सों में आंधी और मध्य बारिश होगी। अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, मोगा, होशियारपुर में धुल भरी आंधी के साथ हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। इसके लिए किसानों को चेतावनी जारी की गई है कि वह अपनी फसलों को लेकर सतर्कता बरतें। स्काइमेट के अनुसार, तेलंगाना में 23 से 25 जून के बीच हल्की बारिश हो सकती है।
गौरतलब है कि मानसून के एक सप्ताह की देरी के आने से कपास, सोयाबीन, मूंगफली, और दलहनों की बुवाई में भी देरी हुई है। उद्योग संगठनों के मुताबिक, इससे आगे फसल की आवक भी धीमी रह सकती है।

दिल्ली में भी मौसम सुहावना
राजधानी दिल्ली में पिछले चार दिनों से मौसम का मिजाज सुहावना है। दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सोमवार शाम शुरू हुई बारिश मंगलवार तक जारी रही। मंगलवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि आगामी दो-तीन दिनों में भी हल्की बारिश होने व तेज हवाएं चलने की संभावना है।

मानसून के अनुकूल परिस्थितियां 
भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार (19 जून 2019) सुबह जानकारी देते हुए कहा कि अगले दो से तीन दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां मध्य अरब सागर, कर्नाटक के कुछ और हिस्सों, दक्षिण कोंकण और गोवा, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के शेष हिस्सों, बंगाल की खाड़ी और उत्तर भारत के बाकी हिस्सों के लिए अनुकूल होती जा रही है। 

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