जानें क्या खास था इनमें – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 26 Jan 2020 07:39:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 हमेशा चर्चा में रहते हैं ये 10 बजट, जानें क्या खास था इनमें http://www.shauryatimes.com/news/75827 Sun, 26 Jan 2020 07:39:58 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=75827 नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट एक फरवरी को पेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस दिन अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। हर साल Budget तमाम उम्मीदों एवं संभावनाओं से भरा इवेंट होता है और इस पर देशभर के आम लोगों, निवेशकों और कारोबारियों की निगाहें लगी होती हैं। बजट के साथ कई ऐतिहासिक तथ्य जुड़े होते हैं। भारत के पहले बजट की बात की जाए तो उसे 18 फरवरी 1860 को जेम्स विल्सन ने पेश किया था। आइए जानते हैं वे कौन से दस ऐतिहासिक बजट हैं, जिनके बारे में हमेशा चर्चा होती है।

1. 1951 का बजटः यह भारतीय गणराज्य का पहला बजट था। इसे तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई ने पेश किया था। इस बजट में योजना आयोग के गठन का मार्ग प्रशस्त किया गया था। योजना आयोग को बाद में नरेंद्र मोदी सरकार ने नीति आयोग में बदल दिया। जवाहर लाल नेहरू योजना आयोग के पहले अध्यक्ष थे।

2. वित्त वर्ष 1968-69 का बजट : इस साल के बजट में ‘Spouse Allowance’ को समाप्त करने की घोषणा की गई थी। यह भत्ता टैक्स बचाने का एक माध्यम हुआ करता था।

3. 1969-70 का बजट : इस बजट को पेश किए जाने के बाद कुछ प्रोडक्ट्स की कीमतों में भारी तेजी देखी गई। इस बजट में ‘Status Symbol’ के रूप में देखे जाने वाले प्रोडक्ट्स पर टैक्स में बढ़ोत्तरी हुई थी। इस बजट में इम्पोर्टेड कारों पर ड्यूटी को 60 से बढ़ाकर 100 फीसद करने का निर्णय किया गया।

4. 1970-71 का बजट : इस साल के बजट को तत्कालीन प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इंदिरा गांधी ने पेश किया था। यह पहला मौका था जब किसी महिला ने केंद्रीय बजट पेश किया हो।

5. वित्त वर्ष 1971-72 का बजट : वित्त वर्ष 1971-72 के केंद्रीय बजट में नकद सौदों पर अंकुश लगाने के लिए एक नई व्‍यवस्‍था की गई। इसका सीधा असर पर्यटकों पर देखने को मिला था। इस बजट में नकद में टिकट खरीदने पर 20 फीसद टैक्‍स का प्रावधान किया गया था। वहीं, विदेशी मुद्रा में टिकट के लिए भुगतान करने पर टैक्स में छूट दी जाती थी।

6. वित्त वर्ष 1974-75 का Union Budget : इस केंद्रीय बजट में Income Tax Structure में सुधार किया गया था। इसके तहत आयकर और सरचार्ज को 97.75 फीसद से घटाकर 75 फीसद किया गया था।

7. वित्त वर्ष1986-87 का बजट : कांग्रेस सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री वी पी सिंह ने यह बजट पेश किया था। इस बजट से लाइसेंस राज की समाप्ति की शुरुआत होती है। इससे परोक्ष कर में सुधारों की शुरुआत हुई।

8. वित्त वर्ष 1991-1996 : उस दौरान देश की इकोनॉमी अभूतपूर्व संकट से गुजर रही थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव ने 1991 में ब्यूरोक्रेट रहे मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया। सिंह ने अपने बजट में जबरदस्त नीतिगत बदलाव किए। उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोलने का फैसला किया था।

9. वित्त वर्ष 2000-2001 का बजट : इसे तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पेश किया था। इसमें भारत को प्रमुख सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट हब के रूप में दिखाया गया। इस बजट से देश में आईटी इंडस्ट्री में शानदार ग्रोथ देखने को मिली।

10. वित्त वर्ष 2019-20 का बजट : इस बजट को देश को निर्मला सीतारमण ने पेश किया। इंदिरा गांधी के बाद यह दूसरा मौका था, जब किसी महिला ने केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट में 2024 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का सपना सबके सामने रखा गया।

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