जानें खासियत – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 07 Feb 2020 09:12:32 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 डिफेंस एक्सपो: अंधेरे में भी दुश्मनों को चुन-चुनकर मारेगी नाइट विजन डिवाइस ‘डारवी’, जानें खासियत http://www.shauryatimes.com/news/77375 Fri, 07 Feb 2020 09:12:32 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=77375 अगली बार सीमा पार कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो कोई सबूत मांगने वाला नहीं मिलेगा, क्योंकि अब देश की रक्षा क्षेत्र की कंपनियों ने ऐसे नाइट-,विजन डिवाइस तैयार कर लिए हैं जो किसी भी सैन्य ऑपरेशन की रियल टाइम वीडियो भी साथ-साथ रिकॉर्ड कर सकता है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्सपो में राइफल पर लगने वाला ऐसा नाइट विजन डिवाइस तैयार किया गया है‌.

सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान सेना की स्पेशल फोर्स के कमांडोज ने जान हथेली पर लेकर एलओसी पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके में आतंकियों के लॉन्च पैड्स को ध्वस्त किया था. इस‌ सर्जिकल स्ट्राइक में 30 से भी ज्यादा आतंकी ढेर कर दिए गए थे. इस सफल मिशन के बाद भी देश में सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे गए थे. उस वक्त सेना के पास ऐसा कोई सबूत नहीं था क्योंकि इस सर्जिकल स्ट्राइक को रात के अंधेरे में अंजाम दिया गया था.

लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्सपो में नोएडा की एक कंपनी ने ‘डारवी’ नाम का एक नाइट विजन बनाने का दावा किया है. जो ना केवल रात में ऑपरेशन्स करने में देश के सैनिकों की मदद करेगा बल्कि उसकी रिकॉर्डिंग भी करेगा. ये छोटा सा नाइट विजन डिवाइस गन के ऊपर फिट कर दिया जाता है और और उसकी रिकॉर्डिंग एक छोटे से टैब में स्टोर हो जाती है. इस टैब को कमांडो ऑपरेशन के दौरान अपनी किसी भी जेब में आराम से रख सकते हैं.
डारवी को बनाने वाली कंपनी, टेक-टेक्नोलॉजी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनंज त्यागी के मुताबिक, उनकी कंपनी ने रूस और बुल्गारिया की मदद से ये नाइट विजन डिवाइस तैयार किया है. इस डिवाइस का नाम ‘डारवी’, डार्क-विजन यानि रात के अंधेरे में दिखने के नाम पर रखा गया है‌.

अनंज त्यागी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक से पहले ही सेना की उधमपुर स्थित उत्तरी कमान को नाइट विजन डिवाइस मुहैया कराए थे, लेकिन उनमें रिकॉर्डिंग की व्यवस्था नहीं थी. डिफेंस एक्सपो में उन्होंने रिकॉर्डिंग यानि सबूत इकठ्ठा करने वाली तकनीक को विशेष तौर से प्रदर्शित किया है.
दरअसल, नाइट विजन डिवाइस तीन तरह की ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक तकनीक से काम करता है. इसमें लगे बाइनोक्यूलर डिवाइस से सैनिक टारगेट देखता है तो उसे ब्लैक एंड वाइट तस्वीर दिखती है. जिसकी मदद से वो अपने दुश्मन को टारगेट करता है, लेकिन इससे उन्नत तकनीक में रियल टाइम में रंगीन स्क्रीन दिखती है.
अब इंटेंसिफाइड-इमेज तकनीक आ गई है. जिसमें सामने वाले की तस्वीर रात के अंधेरे में साफ दिखाई पड़ती है. पूरी स्क्रीन हरे रंग की दिखाई पड़ती है लेकिन चेहरा साफ दिखता है. निशाना लगाने के दौरान गलती की संभावना बेहद कम हो जाती है.
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