जानें भारत में किस चरण पर पहुंचा इसका ट्रायल – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 27 Oct 2020 05:37:46 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कोविड-19 की वैक्‍सीन का सभी को है इंतजार, जानें भारत में किस चरण पर पहुंचा इसका ट्रायल http://www.shauryatimes.com/news/88368 Tue, 27 Oct 2020 05:37:46 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=88368 भारत समेत पूरी दुनिया में बीते नौ माह से जारी वैश्विक महामारी कोविड-19 लगातार विकराल रूप लेती जा रही है। इस महामारी की चपेट में आने वालों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। रॉयटर्स के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पूरी दुनिया में अब तक इसके 43,315,069 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं विश्‍व में इसकी वजह से 1,156,285 लोग अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं। गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से इसका प्रकोप शुरू हुआ था। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने 11 मार्च 2020 को इसको वैश्विक महामारी घोषित किया था। पूरी दुनिया में वैज्ञानिक इसकी एक कारगर वैक्‍सीन को तैयार करने में लगे हुए हैं। भारत में भी इसकी वैक्‍सीन पर काम चल रहा है।

भारत का सीरम इंस्टिट्यूट अमेरिका की ऑक्‍सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इसकी वैक्‍सीन को इजाद करने में लगा हुआ है। भारत की ही बात करें तो यहां पर इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। पीजीआई रोहतक समेत दिल्‍ली के एम्‍स में इसका ट्रायल चल रहा है। पंडिंत बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्‍थ साइंसेज , रोहतक के कुलपति प्रोफेसर ओपी कालरा ने बताया कि भारत में कोविड-19 के लिए बनने वाली वैक्‍सीन कोवैक्‍सीन का ट्रायल दूसरे चरण को पार कर चुका है। इसके तीसरे चरण ट्रायल की भी मंजूरी मिल गई है। कुछ जगहों पर इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। उनके मुताबिक कोवैक्‍सीन के शुरुआती दो चरणों में वैक्‍सीन के साइट इफेक्‍ट को लेकर कोई भी नेगेटिव चीज अब तक सामने नहीं आई है। इस लिहाज से ये कहा जा सकता है कि ट्रायल अपनी सही राह पर आगे बढ़ रहा है।

आपको बता दें कि कुछ ही दिन पहले कोविड-19 की एक वैक्‍सीन के ट्रायल के दौरान ब्राजील में एक वॉलेंटियर की मौत होने का मामला सामने आया था। इसके बाद पूरी दुनिया में इसके ट्रायल को लेकर कई तरह की आशंकाए जताई जाने लगी थी। इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रोफेसर कालरा ने बताया कि क्‍योंकि किसी वैक्‍सीन के ट्रायल में शामिल वॉलेंटियर्स के जीवन के संकट को ध्‍यान में रखते हुए उनका इंश्‍योरेंस कराया जाता है। ट्रायल के दौरान वॉलेंटियर्स की सेफ्टी को ध्‍यान में रखते हुए ये किया जाता है। वॉलेंटियर्स से वैक्‍सीन के ट्रायल में शामिल होने के लिए जरूरी रजामंदी ली जाती है। इस तरह की घटना से सभी वैक्‍सीन के ट्रायल पर असर नहीं पड़ता है, न ही उनको रोक दिया जाता है। उन्‍होंने कहा कि ब्राजील में जिस वजह से व्‍यक्ति की मौत हुई है ये एक जांच का विषय है। उनका ये भी कहना था कि वैक्‍सीन के ट्रायल का अर्थ ये नहीं है कि इसमें शामिल वॉलेंटियर्स को कोई दूसरी बीमारी नहीं हो सकती है।

कोविड-19 की वैक्‍सीन का पूरी दुनिया को इंतजार है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन भविष्‍य में आने वाली इस वैक्‍सीन के वितरण के लिए जरूरी उपाय भी कर रहा है। वहीं यूनिसेफ 2021 तक वैक्‍सीन की एक करोड़ खुराक को पूरी दुनिया में मुहैया कराने का इंतजाम करने में लगा हुआ है। वैश्विक स्‍तर पर की यदि बात करें तो ज्‍यादातर जानकारों की राय में इसकी वक्‍सीन अगले साल ही सामने आ सकेगी। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इस बीच अपील की है कि लोग इस दौरान लापरवाह होने से बचें। भारत ने भी इसको लेकर ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं’, जागरुकता अभियाान शुरू किया है। यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि दुनिया के कई देशों में कोविड-19 की दूसरी लहर देखी जा रही है। इसमें यूरोप के कई देश शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र षड़ंगी ने बालेश्वर में मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि 26 सितंबर को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने देश के सभी नागरिकों के लिए मुफ्त में कोरोना टीका तैयार करने के लिए केंद्र सरकार से 80 हजार करोड़ रुपये खर्च के लिए तैयार रहने की बात कही थी। 29 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि सभी को कोरोना टीका प्रदान करने और इसके लिए खर्च का आकलन करने के लिए नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन का गठन किया गया है, जिसकी पांच बैठकेंहो चुकी है। भारत के सभी नागरिकों को टीका प्रदान करने की बात हो चुकी है। इसके लिए जो भी खर्च होगा, वह राशि वहन करने की बात केंद्र सरकार ने कही है।

 

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