जानें – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 10 Apr 2021 08:44:41 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 दिल्ली कैपिटल्स व चेन्नई सुपर किंग्स के मध्य टक्कर में कौन किस पर होगा भारी, जाने http://www.shauryatimes.com/news/108088 Sat, 10 Apr 2021 08:44:41 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=108088 इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन में आज दूसरे मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम के सामने दिल्ली कैपिटल्स होगी। दो विकेटकीपर कप्तानों के बीच की यह टक्कर रोमांचक होने की उम्मीद है। एक तरफ अनुभवी महेंद्र सिंह धौनी होंगे तो दूसरी तरफ युवा रिषभ पंत जो पहली बार आइपीएल में कप्तानी करने उतरेंगे। दिल्ली के लिए यह मैच मुश्किल होगा क्योंकि उसके दो स्टार गेंदबाज कगीसो रबादा और एनरिच नॉर्त्जे नहीं खेल पाएंगे।

दिल्ली और चेन्नई के बीच आइपीएल में अब तक खेले गए मैचों को देखें तो यलो आर्मी ही हावी नजर आती है। दोनों टीमों के बीच कुल 23 मुकाबले खेले गए हैं जिसमें से दिल्ली की टीम को महज 8 मैच में ही जीत मिली है। वहीं दूसरी तरफ चेन्नई की टीम ने कुल 15 मुकाबले को अपने नाम किया है। अगर दोनों टीमों के बीच खेले गए पिछले 5 मैच पर नजर डाले तो यहां भी चेन्नई ही बीस रही है। 3 मुकाबले में चेन्नई तो वहीं 2 मैच में दिल्ली की टीम को जीत मिली है।

वानखेड़े में भी चेन्नई का रिकॉर्ड बेहतर

दोनों टीमों के बीच आज का यह मुकाबला मुंबई के ऐतिहासिक वानखेडे स्टेडियम में खेला जाना है। यहां दोनों टीमों के प्रदर्शन की बात करे तो एक बार फिर से चेन्नई की टीम आगे नजर आती है। इस मैदान पर चेन्नई ने कुल 30 मैच खेला है जिसमें से 18 में जीत हासिल की है तो वहीं 12 मुकाबले टीम ने गंवाए हैं। दिल्ली की बात करें तो 28 मैच खेलते हुए इस मैदान पर टीम को 16 में जीत मिली है और 12 मुकाबले गवाएं हैं।

दिल्ली कैपिटल्स की संभावित XI

शिखर धवन, पृथ्वी शॉ, स्टीव स्मिथ, रिषभ पंत, शिमरोन हेटमायर, मार्कस स्टोइनिस, आर अश्विन, क्रिस वोक्स, उमेश यादव, इशांत शर्मा, अमित मिश्रा

चेन्नई सुपर किंग्स की संभावित XI

रितुराज गायकवाड, रॉबिन उथप्पा, सुरेश रैना, महेंद्र सिंह धौनी, ड्वेन ब्रावो, सैम कुर्रन, रविंद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, दीपक चाहर, लुंगी एंगिडी, इमरान ताहिर

 

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जीवन में ये तीन चीजे अपनाने से कभी नही होगी धन की कमी, जाने http://www.shauryatimes.com/news/108009 Sat, 10 Apr 2021 04:10:42 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=108009 आचार्य चाणक्य नीति शास्त्र, समाज शास्त्र तथा अर्थ शास्त्र के विशेषज्ञ थे। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई सारी ऐसी बातें नीति शास्त्र के जरिये बताई हैं, जिन्हें यदि कोई शख्स अपने जीवन में आत्मसात कर लेता है तो उसके जीवन की दशा तथा दिशा दोनों ही हमेशा के लिए परिवर्तित हो सकती हैं। उन्होंने इंसान की प्रत्येक दिक्कत का समाधान बड़े ही अच्छे तरीके से बताया है। उनकी नीतियों पर चलकर कोई भी शख्स अपने उचित गंतव्य तक पहुंच सकता है। उन्होंने इंसान को हर प्रकार की परिस्थिति से निपटने की कला के बारे में विस्तार से बताया है। चाणक्य बोलते हैं कि यदि इंसान अपनी जिंदगी में इन तीन प्रकार के व्यक्तियों का सम्मान करता है तो उसके जीवन में कभी भी धन की दिक्कत उत्पन्न नहीं होगी। तो यदि आप चाहते हैं कि आपकी जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही हो तो आपको आचार्य चाणक्य की कही गई इन बातों का स्मरण तथा अनुसरण जरूर ही करना चाहिए। चाणक्य नीति के तीसरे अध्याय के 21वें श्लोक में आचार्य बोलते हैं कि-

मूर्खा यत्र पूज्यते धान्यं यत्र सुसंचितम्।
दंपत्यो कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागत:।।

अर्थात, जहां मूर्खों को सम्मान नहीं प्राप्त होता हो, जहां अनाज अच्छे तरीके से संभालकर रखा जाता हो तथा जहां पति-पत्नी के मध्य में झगड़ा न होता हो, वहां पर लक्ष्मी जी खुद चली आती हैं और धन-धान्य की कमी नहीं हो पाती।

ज्ञानियों का करें सम्मान:- चाणक्य बोलते हैं कि ज्ञानियों का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए न कि मूर्खों का। जो इस बात का ख्याल नहीं रखते उनके जीवन में हमेशा कष्ट तथा धन की कमी ही रहती है। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।

अनाज का सम्मान करें:- अनाज को माता लक्ष्मी का रूप माना गया है। इसलिए अनाज को बर्बाद करने वालों से माता हमेशा खफा रहती हैं। इसलिए जिस घर में अनाज का सम्मान नहीं होता उस घर में माता लक्ष्मी का वास भी नहीं होता किन्तु जिस घर में अनाज को संभालकर रखा जाता है, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है।

पति-पत्नी में न हो विवाद:- जिस घर में पति-पत्नी में विवाद नहीं होता तथा उनमें आपसी प्रेम बना रहता है, उसी घर में माता लक्ष्मी का वास होता है क्योंकि पत्नी को गृह लक्ष्मी बोला जाता है। इसलिए पतियों को हमेशा पत्नियों का सम्मान करना चाहिए।

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बांग्लादेश में फेसबुक ने 24 घंटों के लिए बंद की सेवाए, क्यों लिया ये निर्णय, जाने http://www.shauryatimes.com/news/107329 Sun, 28 Mar 2021 07:13:07 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=107329 फेसबुक ने कहा है कि शनिवार को बांग्लादेश में उसकी सेवाएं बंद रहीं क्योंकि सैकड़ों इस्लामी कट्टरपंथियों ने देशभर में मार्च किया। वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले अपने समर्थकों के पुलिस संघर्ष में मारे जाने से नाराज थे। शुक्रवार को चिट्टोग्राम में इस्लामी समूह हिफाजत ए इस्लाम के चार समर्थक उस वक्त पुलिस फायरिंग में मारे गए थे जब वे मोदी की यात्रा का विरोध कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने पुलिस स्टेशन पर कथित रूप से हमला कर दिया था।

फेसबुक ने एक बयान जारी कर कहा, हमें पता है कि बांग्लादेश में हमारी सेवाओं को प्रतिबंधित किया गया है। हम ज्यादा जानकारी हासिल कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द से जल्द पूर्ण सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। फेसबुक ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह सेवाओं को प्रतिबंधित किया जा रहा है, उससे वह बेहद चिंतित है क्योंकि यह ऐसे समय किया गया है जब कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रभावी संवाद जरूरी है।

बता दें कि बांग्लादेश की आजादी के गोल्डन जुबली कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान शुक्रवार को चार लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए।चट्टोग्राम जिले के दक्षिणपूर्व जिले में एक प्रमुख मदरसे के छात्र और एक इस्लामिक समूह के सदस्यों की शुक्रवार को पुलिस से झड़प हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि झड़प में घायल पांच लोगों को अस्पातल में भर्ती कराया गया था जिनमें से चार की इलाज के दौरान मौत हो गई। राजधानी ढाका में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए, पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए बल प्रयोग किया जिसमें कई लोग घायल हो गए।

 

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भारतीय टीम के खिलाफ चौथे टी20 में किस कारण से इंग्लैंड को मिली हार, जाने http://www.shauryatimes.com/news/106140 Fri, 19 Mar 2021 09:06:23 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=106140 इस मैच में जीत दर्ज करते हुए पांच मैचों की टी20 सीरीज में 2-2 की बराबरी पर आ गई। इस मैच में टीम इंडिया ने 185 रन बनाए थे और इंग्लैंड की टीम 8 विकेट पर 177 रन ही बना पाई और 8 रन से उसे हार मिली। इस मैच में इंग्लैंड की तरफ से बेन स्टोक्स को छोड़कर अन्य कोई बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाया। एक समय तो ऐसा लग कहा था कि, इंग्लैंड मैच निकाल ले जाएगी, लेकिन शार्दुल ठाकुर ने एक ही ओवर में दो विकेट लेकर इस टीम को बैकफुट पर धकेल दिया।

इस मैच में इंग्लैंड के लिए 46 रन की पारी खेलने वाले बेन स्टोक्स ने बताया कि, उनकी टीम की हार की सबसे बड़ी वजह क्या रही। बेन ने कहा कि, टीम के किसी उपरी क्रम से बल्लेबाज को अंत तक बल्लेबाजी करनी चाहिए थी, क्योंकि इस तरह से टारगेट को चेज करने के लिए निचले क्रम के बल्लेबाजों पर निर्भर हो जाना कहीं से भी आदर्श स्थिति तो नहीं कही जा सकती। ऐसी स्थिति में किसी एक बल्लेबाज को आखिर तक टिककर टीम को जीत के लक्ष्य तक पहुंचाना चाहिए था।

वहीं इस सीरीज के आखिरी मुकाबले के बारे में उन्होंने कहा कि, हम जीत को अपनी आदत बनाना चाहते हैं। इसके अलावा उन्होंने इस मैच के बारे में कहा कि, हम दवाब की परिस्थितिओं में जितना ज्यादा खेलेंगे हमारे लिए उतना ही फायदेमंद होगा। इसका फायदा हमें इस साल भारत में खेले जाने वाले टी20 विश्व कप में मिलेगा क्योंकि वहां पर हर मैच अहम होता है। इस इस सीरीज के जरिए विश्व कप की तैयारी भी कर रहे हैं साथ ही काफी कुछ सीखने को भी मिल रहा है। अब दोनों देशों के बीच इस टी20 सीरीज का आखिरी मुकाबला 21 मार्च को खेला जाएगा।

 

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स्किन की समस्याओ के नेचुरल इलाज के लिए ऐसे करे कैलेंडुला के फूलो का इस्तेमाल ,जाने http://www.shauryatimes.com/news/105229 Sat, 13 Mar 2021 09:30:51 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=105229 कैलेंडुला के फूलो ब्यूटी फायदे मिलते है इसके उपयोग से चहरे के साथ ही बालो को भी लाभ पहुँचता है। इसके आयल का इस्तेमाल कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स को बनाने में किया जाता है आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है इसके फायदों के बारे में , तो देर किस बात की है आइये जानते है इसके लाभ के बारे में…….

स्किन इरिटेशन:किसी कीड़े के काटने या छोटी-मोटी खरोंच वगैरह की वजह से जब, त्वचा को नुकसान पहुंचता है। तो, ऐसे में कैलेंडुला के फूलों का पेस्ट लगाया जा सकता है। इससे, त्वचा की जलन कम होती है। इसी तरह, कैलेंडुला क्रीम या इसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल भी स्किन इरिटेशन को कम करता है।

ड्राई स्किन:स्किन की ड्राईनेस को कम करने के लिए कैलेंडुला ऑयल और कैलेंडुला के फूल का पेस्ट भी लगाया जा सकते है। क्योंकि, यह त्वचा की ड्राईनेस को कम करता है। यह एक नैचुरल मॉश्चराइज़र है जो ठंडियों के मौसम में बहुत अधिक ड्राईनेस से परेशान स्किन को भी राहत दिलाती है। कैलेंडुला ऑयल आपकी स्किन को नर्म और मॉश्चराइज़्ड रखती है।

पिम्पल्स और एक्ने:एक्ने और पिम्पल्स की समस्या से नैचुरली राहत पाने के लिए कैलेंडुला के फूलों की मदद लें। इनमें,मौजूद तत्व पोर्स को ब्लॉक होने से रोकते हैं। कैलेंडुला एसेंस या कैलेंडुला इसेंशियल ऑयल वाले स्किन केयर प्रॉडक्ट्स एक्ने ट्रीटमेंट के लिए सेफ और अच्छे माने जाते हैं। इन्हें,लगाने से त्वचा में होने वाली खुजली और इरिटेशन भी कम होती है।

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गर्मियों में करे इन पेय पदार्थो का सेवन और बढाए इम्युनिटी , जाने http://www.shauryatimes.com/news/104455 Sat, 06 Mar 2021 11:15:39 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=104455 मौजूदा हालत और स्थिथिओ हुए ये खा जा सकता है की संक्रमण से बचने के लिए इम्युनिटी को बढ़ाना जरुरी है और अगर ये नेचुरल और हेल्थी चीजों से हो तो और भी अच्छा इसलिए आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है कुछ खाद ड्रिंक्स जिसे पीकर आप अपने इम्युनिटी को बढ़ा सकते है , आइये जानते है इस ड्रिंक्स के बारे में और इसे बनाने के बारे में…….

नीबू पानीशरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सबसे आसान उपाय है नीबू पानी का सेवन. नीबू विटामिन सी से भरपूर होने से स्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ता है. इसके आलावा रोज सुबह खाली पेट नीबू पानी सेवन से वजन कम करने में भी सहायता मिलती है.

टर्मेरिक टीएक कप पानी जब उबाल जाए उसमे एक इंच कच्ची हल्दी (कद्दूकस की हुई) अदरक के बारीक टुकड़े, नीबू के पतले कटे छिलके चुटकी भर दालचीनी पाउडर, 2-3 कुटी हुई काली मिर्च दाल कर 10 मिनट और उबालें. छान कर थोड़ी शहद और आधा कप नीबू का रस डाल कर पिएं. बॉडी इम्युनिटी में जबरदस्त इजाफा होगा.

ग्रीन टी विद दालचीनीएक कप पानी में चुटकी भर दालचीनी पॉउडर, एक बड़ा चम्मच ग्रीन टी लीव्स उबालें. छान लें और उस में एक छोटा चम्मच शहद मिला कर रोजाना सुबह खली पेट पिएं.

शहद और लहसुन लहसुन की छिली कलियाँ शहद में डाल कर 5 दिन तक फ्रिज में रख दें. फिर रोज एक लहसुन 1 चम्मच शहद के साथ खाएं. लहसुन हमारे शरीर के इम्युन सिस्टम को बेहतर बनाने के साथ साथ किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव करने सूजन, दर्द और बदलते मौसम में होने वाली एलर्जी को भी काम करने में सुरक्षा गॉर्ड का काम करता है.

लहसुन वाला दूधएक छोटे कप दूध में ३-४ लहसुन की कली बारीक़ काट कर 5 मिनट उबाल कर दूध छान लें. थोड़ा ठंडा होने पर रात में सोने से पहले पिएं. इस से शरीर का रक्त साफ़ होता है और बॉडी इम्युनिटी बढ़ती है. हफ्ते में 2 बार पिएं, फर्क खुद महसूस करोगे. यही नहीं, पकने की समस्या, कफ एंड कोल्ड, कमर दर्द की समस्या, बदहजमी को दूर करता है. पाचनतंत्र को दुरुस्त रखता है.

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व्यक्तिगत कर्ज़ से अच्छा है गोल्ड लोन, और गोल्ड लोन लेने के पहले क्या जानना जरूरी है,जाने http://www.shauryatimes.com/news/103102 Fri, 19 Feb 2021 08:42:03 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=103102 नकदी संकट से जूझ रहे लोगों के लिए Gold loan एक बेहतर विकल्प है। इसके लिए बहुत ज्यादा कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके लिए कर्जदाता क्रेडिट स्कोर की जांच नहीं करता है या लोन के बदले उधारकर्ता के रीपेमेंट क्षमता का मूल्यांकन भी नहीं करता है। इस तरह के लोन छोटे व्यवसाय के मालिकों को अस्थायी तौर पर नकदी संकट से निजात दिलाते हैं, ऐसे लोग जिन्हें इमरजेंसी में कैश चाहिए वे गोल्ड लोन ले सकते हैं। आप बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) से गोल्ड लोन ले सकते हैं। हम इस खबर में कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जो गोल्ड लोन लेते वक्त आपको ध्यान में रखना चाहिए।

टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं, ‘इमरजेंसी में पैसे की जरूरत पड़े तो पर्सनल लोन लेने से बेहतर है कि गोल्ड लोन लिया जाए। गोल्ड लोन में सिक्योरिटी रहने की वजह से यह कम ब्याज दर पर मिल जाता है। लोन लेने के बाद डिफ़ॉल्ट की संभावना भी रहती है, इसलिए ऐसी सूरत में लेंडर क्या एक्शन ले सकता है, इसका ध्यान रखना चाहिए।’

Banks versus NBFCs

बैंकों और NBFC के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है। बैंक बेहतर ब्याज दर दे सकता है जबकि, एनबीएफसी ज्यादा मात्रा में उधार दे सकते हैं। मसलन, NBFC मुख्य रूप से सोने के बदले लोन देते हैं, वे जल्दी और तुरंत लोन दे सकते हैं। सभी बैंक ब्रांच में यह सुविधा नहीं हो सकती है। बलवंत जैन कहते हैं, ‘ लोन लेने से पहले तीन-चार जगह यह जांच लें कि कहां कम ब्याज पर लोन मिल सकता है, इससे आप फायदे में रहेंगे।’

लेंडर गोल्ड बार स्वीकार नहीं करते

उधारदाता न्यूनतम 18 कैरेट शुद्धता स्वीकार करते हैं। अधिकांश कर्जदाता इस शुद्धता के नीचे सोने पर विचार नहीं कर सकते हैं। हालांकि, आप आभूषण और सोने के सिक्के गिरवी रख सकते हैं। सिक्कों के मामले में लेंडर उच्च शुद्धता के लिए पूछ सकते हैं और वजन पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। कई लोग 50 ग्राम से ऊपर के सिक्के स्वीकार नहीं करते हैं।

रीपेमेंट

कई सारे रीपेमेंट ऑप्शन हैं, आप इनमें से किसी को भी चुन सकते हैं। आप समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में भुगतान कर सकते हैं, या आप केवल कर्ज अवधि और अंत में एकमुश्त मूल भुगतान के दौरान ब्याज का भुगतान कर सकते हैं। बुलेट रीपेमेंट में बैंक मासिक आधार पर ब्याज लेते हैं। यह छह महीने से एक वर्ष के छोटे कार्यकाल के लिए उपयुक्त है। इस तरह के गोल्ड लोन में आपको ईएमआई की जरूरत नहीं होती है। टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं, गोल्ड लोन लेने से पहले प्रीपेमेंट का पता जरूर कर लें। क्या बैंक आपको प्रीपेमेंट की अनुमति देता है या नहीं। अगर देता है और आपके पास एक बार ज्यादा राशि एकत्रित हो जाती है और आप लोन चुकता करना चाहते हैं तो यह देखना चाहिए कि इसका चार्ज क्या है।

भुगतान में चूक

यदि आप समय पर कर्ज नहीं चुका पाते हैं, तो उधारदाता को आपका सोना बेचने का अधिकार है। इसके अलावा अगर सोने की कीमत गिरती है, तो कर्जदाता आपसे अतिरिक्त सोना गिरवी रखने के लिए कह सकता है।

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जानें, म्‍यांमार सैन्‍य तख्‍तापलट पर क्‍यों नरम पड़ा UN, कठोर प्रतिबंधों को लागू करवाने में क्‍यों असहाय हुए US और UK http://www.shauryatimes.com/news/101226 Fri, 05 Feb 2021 08:36:06 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=101226 युक्‍त राष्‍ट्र में महाशक्तियों के बीच सियसात के कारण संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई का मामल टल गया। सुरक्षा परिषद की बैठक में गुरुवार को म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट शब्‍द का नाम लिए बगैर आंग सांग सू की और अन्‍य नेताओं की रिहाई की मांग की गई। परिषद में म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट के बजाए केवल आपातकाल पर चिंता व्‍यक्‍त की गई। सुरक्षा परिषद में कहा गया कि म्‍यांमार की सेना ने वहां हुए चुनाव में धोखाधड़ी के कारण सेना प्रमुख ने सत्‍ता अपने हाथ में ले ली और एक साल के लिए आपातकाल की घोषणा की है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र का यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका ने एक दिन पूर्व यह कहा था कि म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट हुआ है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा था कि म्‍यांमार के पूरे राजनीतिक परिदृष्‍य पर अवलोकन और आकलन के बाद अमेरिका इस नतीजे पर पहुंचा है। इसके पूर्व अमेरिका में बाइडन प्रशासन ने म्‍यांमार में हुए सैन्‍य तख्‍तापलट के बाद प्रतिबंधों की बात कही थी। खुद संयुक्‍त राष्‍ट्र ने सभी विकसित देशों से म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट के विरोध में आगे आने के लिए कहा था। सवाल यह है कि फ‍िर ऐसा क्‍या हुआ कि संयुक्‍त राष्‍ट्र म्‍यांमार के तख्‍तापलट पर उदार हो गया।

दरअसल, सुरक्षा परिषद में म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट को लेकर एक राय नहीं बन सकी। रूस और चीन ने अमेरिका और पश्चिमी मुल्‍कों के‍ विपरीत म्‍यांमार सैन्‍य तख्‍तापटल पर जोर नहीं दिया। म्‍यांमार में सेना पर काईवाई को लेकर सुरक्षा परिषद में रूस और चीन का रुख नरम पड़ गया। हालांकि, सैन्‍य तख्‍तापटल पर चीन ने पहले ही कह दिया था कि म्‍यांमार में संविधान का सम्‍मान सभी को करना चाहिए। चीन ने उस वक्‍त भी तख्‍लापलट का नाम नहीं लिया था। चीन का यह बयान तब आया था, संयुक्‍त राष्‍ट्र समेत अमेरिका व पश्चिमी देशों ने म्‍यांमार में लोकतंत्र की हत्‍या पर चिंता प्रगट की थी।

सुरक्षा परि‍षद में म्‍यांमार सेना के खिलाफ कोई कठोर प्रतिबंध के बजाए केवल आंग सांग व अन्‍य नेताओं की रिहाई तक बात सिमट गई। सुरक्षा परिषद ने म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट का जिक्र किए बैगर कहा कि आपातकाल चिंता का विषय है। खास बात यह है कि सुरक्षा परिषद में म्‍यांमार तख्‍तापलट पर प्रस्‍ताव ब्रिटेन द्वारा तैयार किया गया था, लेकिन रूस और चीन के विरोध के कारण इस प्रस्‍ताव की भाषा सैन्‍य तख्‍तापलट के प्रति काफी नरम थी। इस प्रस्‍ताव में कहीं भी सैन्‍य तख्‍तापलट का प्रयोग नहीं किया गया।

 

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जानें, फूड पैकेजिंग सेहत और पर्यावरण के लिए किस तरह है खतरनाक http://www.shauryatimes.com/news/100772 Tue, 02 Feb 2021 07:47:57 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=100772 दुनियाभर में बीते कुछ सालों से फूड पैकेजिंग को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कोरोना आपदा के पहले प्लास्टिक बैन को लेकर कई देशों के साथ कुछ कंपनियां भी आगे आईं, लेकिन हाइजीन के कारण प्लास्टिक का इस्तेमाल फिर से बढ़ा है। पर पूरी दुनिया में इस बात पर विमर्श जारी है कि फूड पैकेजिंग कैसे सुरक्षा और सेहत के मानकों पर खरी उतर सकती है? ओआरबी ने इसी के मद्देनजर दुनियाभर के शोध पत्रों, लेखों का सिलसिलेवार और गहन अध्ययन किया। उनमें से कुछ रिसर्च पत्रों के महत्वपूर्ण बिंदुओं को यहां प्रस्तुत किया जा रहा है। इन शोध पत्रों में कमोबेश सभी ने चिंता जाहिर की है कि पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले रसायनों का विस्तृत विश्लेषण करने की आवश्यकता है, ताकि सेहत और पर्यावरण दोनों को सुरक्षित रखा जा सके।

फूडप्रिंट की मानें तो दुनियाभर में फूड पैकेजिंग चार तरह की होती है- प्लास्टिक पैकेजिंग, मेटल पैकेजिंग, पेपर/फाइबर पैकेजिंग और ग्लास पैकेजिंग। रॉ मैटीरियल से बनी पैकेजिंग सेहत के लिए खतरनाक होती है। मेटल केन जो कि एंटी कोरोसिव से बने होते हैं, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। पेपर/फाइबर पैकेजिंग जो द्रव को रख सकती है, वह सेहत के लिए बेहतर नहीं मानी जाती है।

कोरोना वायरस के कारण प्लास्टिक बैन की मुहिम पिछड़ी

एम्मा न्यूबर्गर अपने लेख में लिखती है कि कोरोना वायरस आपदा के पहले दुनियाभर में प्लास्टिक बैग को बैन करने को लेकर काफी प्रगति हुई थी। इसमें हम प्लास्टिक से पेपर उत्पादों की तरफ आगे बढ़ चले थे। पर कोरोना की वजह से उपजी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां इस तरक्की की राह में रोड़ा बन गई हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक नुकसान की भरपाई करने के लिए भी रेस्तरां मजबूरीवश बेहतर विकल्पों को छोड़ रहे हैं।

प्लास्टिक पैकेजिंग : हीरो या विलेन

फूड नेविगेटर डॉट कॉम के लेख में कहा गया है कि कोरोना आपदा के समय खाने को सुरक्षित रखने के लिए फूड पैकेजिंग का सहारा लिया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ डिस्पोजेबल प्लास्टिक मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बैक्टीरिया का वाहक भी बनती जा रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह कि प्लास्टिक पैकेजिंग को हीरो माना जाए या विलेन। मौजूदा समय में सवाल यह उठ रहा है कि अगर आप केले को सुपरमार्केट से खरीदते हैं तो कैसे माना जाए कि यह बैग के अंदर सुरक्षित है या बैग के बाहर। इस बारे में एफडीए का कहना है कि अन्य वायरस की तरह कोरोना सतह या ऑब्जेक्ट पर जीवित रह सकता है। ब्रिटिश प्लास्टिक फेडरेशन के प्लास्टिक और फ्लेक्सिबल पैकेजिंग के निदेशक बैरी टर्नर कहते हैं कि प्लास्टिक की मांग में आपदा के दौरान तेजी से बढ़ोतरी आई है। टर्नर कहते हैं कि हाइजीन की वजह से प्लास्टिक स्टिरर की मांग बहुत बढ़ी है। इस दौर में सिंगल यूज प्लास्टिक हाइजीन के दृष्टिकोण से बेहतर है। वह कहते हैं कि लोग इसे हाइजीन की वजह से सुरक्षित मान रहे हैं। पर मार्च, 2020 माह में आए एक अध्ययन के अनुसार, वायरस किसी ठोस सतह जैसे कि प्लास्टिक या स्टेनलेस स्टील पर 72 घंटे और कार्डबोर्ड पर 24 घंटे जीवित रह सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के असिस्टेंट प्रोफेसर और अध्ययन के लेखक जेम्स लायड स्मिथ कहते हैं कि वायरस कई दिनों तक जीवित रह सकता है।

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक की दिक्कत?

फूडप्रिंट के अनुसार, सिंगल यूज प्लास्टिक- जैसे कप, लिड, स्ट्रा या पानी की बोतल या टमाटो वाला प्लास्टिक कंटेनर सिर्फ एक बार प्रयोग के लिए होता है। इसके रीसाइकिल का कोई प्लान नहीं है।

मेटल फूड पैकेजिंग की परेशानी

मेटल फूड पैकेजिंग को इसलिए इस्तेमाल किया जाता है कि इसे रीसाइकिल किया जा सकता है। अमेरिका में अधिकतर मेटल फूड पैकेजिंग एल्युमिनियम से बनती है। वहीं एल्युमिनियम के प्रोडक्शन में ग्रीन हाऊस गैस, सल्फर डाइऑक्साइड आदि का उत्सर्जन होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक है।

फाइबर फूड पैकेजिंग

फूड प्रिंट के मुताबिक, ज्यादातर फाइबर फूड पैकेजिंग फिजिकल, यूवी और लाइट के बेहतर बैरियर होते हैं, पर लिक्विड के अच्छे बैरियर नहीं होते हैं। ऐसे में उनमें प्लास्टिक कोटिंग परफ्लूरोनेटेट केमिकल की होती है, जो स्वास्थ्य के लिए खराब होता है।

प्लास्टिक कूड़ा बढ़ रहा

यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (यूएनसीटीएडी) के अनुसार, कोरोना वायरस आपदा के बाद से प्लास्टिक के बढ़ते प्रयोग के कारण प्लास्टिक कूड़ा काफी बढ़ा है। उदाहरण के तौर पर सिंगापुर के आठ हफ्ते के लॉकडाउन के दौरान 1470 टन अतिरिक्त कूड़ा निकला था। ग्रैंड व्यू रिसर्च के अनुसार, डिस्पोजेबल मास्क की सेल से 2019 में जहां 800 मिलियन कूड़ा निकला था, जो 2020 में बढ़कर 166 बिलियन हो गया। यूएनसीटीएडी के मुताबिक, जितना प्लास्टिक प्रदूषण कम होगा, नौकरियां उतनी अधिक होगी। यूएनसीटीएडी ने ग्लास, सिरैमिक, नेचुरल फाइबर, पेपर, कार्डबोर्ड, नेचुरल रबड़ और एनीमल प्रोटीन के इस्तेमाल पर जोर दिया। फूंड प्रिंट के अनुसार, ज्यादा प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं होता। वह छोटे टुकड़ों में टूट जाता है, जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं। यह वातावरण में घुलकर प्रदूषण बढ़ाने का काम करता है। इसका असर मानव के स्वास्थ्य के साथ समुद्र में रहने वाले जानवरों पर भी पड़ रहा है।

ये विकल्प हो सकते हैं कारगर

सेफर मॉड के अनुसार, विनायल क्लोराइड, ट्राइबुटाइटलिन ऑक्साइड, एंटीमोनी ट्राइऑक्साइड, विनाइल एसीटेट आदि प्लास्टिक के इस्तेमाल पर विचार करना चाहिए। फाइबर और बायो आधारित प्लास्टिक पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक का विकल्प हो सकते हैं। डिग्रेडेबल प्लास्टिक, रिसाइकलिंग टेक्नोलॉजी, रियूजेबल पैकेजिंग तकनीक काफी काम में आ सकती है।

सेफर मॉड के मुताबिक, कोई मैटीरियरल एक या दो फंक्शन के लिए बैरियर का काम करता है। उदाहरण के तौर पर एक कार्डबोर्ड बॉक्स यूवी/लाइट और फिजिकल तौर पर बैरियर का काम करता है, पर वह नमी, तेल या गैस के लिए बैरियर का काम नहीं करता है। प्लास्टिक फिल्म (जैसे कि उच्च घनत्व का पॉलीथाइलीन) पानी या तेल के लिए बेहतर बैरियर का काम करती है, पर यह यूवी/प्रकाश के लिए बैरियर का काम नहीं करती है। बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का उपयोग भी बेहतर है। इसमें मैटीरियल वातावरण में बैक्टीरिया या अन्य लिविंग आर्गेनिज्म में टूट जाता है। वहीं रीयूजेबल पैकेजिंग का भी प्रयोग किया जा सकता है, हालांकि यह थोड़ी महंगी पड़ती है।

यह आए समाधान

– यूरोप के एक रेस्तरां मालिक ने सुझाव दिया कि क्यूआर कोड के द्वारा मैन्यू पढ़ने की सुविधा दी जाए। इससे डिस्पोजेबल मैन्यू से बचा जा सकेगा।

-एक रेस्तरां मालिक ने समाधान बताया कि रेस्तरां अपने कर्मचारियों के डिस्पोजेबल मास्क और ग्लब्स को टेरासाइकिल के द्वारा रिसाइकिल कर सकते हैं।

 

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मीठा खाने का है मन तो बनाये ये चॉकलेट गुलाब जामुन की रेसिपी, जाने http://www.shauryatimes.com/news/98507 Tue, 12 Jan 2021 12:06:26 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=98507 गुलाब जामुन का नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है और ये गुलाब जामुन भी कई तरह के बनाते है कोई ब्रेड के गुलाब जामुन बनता है तो कोई सूजी और कोई चावल के लेकिन आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है चॉकलेट के गुलाब जामुन की रेसिपी के बारे में तो देर किस बात की है आइये जानते है इस रेसिपी के बारे में   …………………….

आवशयक सामग्री

कोको पाउडर- 1/2 चम्मच
ड्रिंकिंग चॉकलेट- 1/2 चम्मच
बेकिंग पाउडर- 1/2 चम्मच
मैदा- 3 टीस्पून
मक्खन- 1/2 चम्मच
दूध पाउडर (बिना छना हुआ)- 1/5 कप
चीनी- 1/2 कप
इलायची पाउडर- 1/4 टीस्पून
कसा हुआ चॉकलेट-4 बड़े चम्मच
तलने के लिए तेल या घी

बनाने की विधि : एक पैन में, चीनी और 2 कप पानी डालें और इसे अच्‍छे से उबाल लें। फिर इसमें इलायची पाउडर डालें और मिलाएं। आपकी चीनी की चाशनी तैयार है इसे एक तरफ रख दें। एक बाउल में मिल्‍क पाउडर, मैदा, चॉकलेट पाउडर, कोको पाउडर और बेकिंग पाउडर मिलाएं। सभी चीजों को अच्छे से मिलाएं। अब थोड़े से पानी और घी का इस्‍तेमाल करके इस मिश्रण का आटा गूंथना शुरू करें।आटे को बराबर भागों में बांट लें और गोल बॉल बना लें। बॉल को बीच में से खोल लें और इस होल में थोड़ा कद्दूकस किया हुआ हुआ चॉकलेट मिला लें। फिर इसे अच्‍छे से बंद कर दें और फिर से बॉल बनाएं। एक पैन में, तलने के लिए तेल या घी डालें और इन बॉल्‍स को फ्राई कर लें। जब वे अच्छी तरह से फ्राई हो जाए तो चाशनी में इसे मिलाएं। बॉल्‍स को 2 से 3 घंटे तक इसमें चाशनी में भिगोकर रखें। आपके चॉकलेट गुलाब जामुन तैयार हैं, इसे गर्म-गर्म सर्व करें।

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