जाने कैसे करे बचाव – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 07 Feb 2020 07:28:56 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कोरोना वायरस के मरीज में दिखने लगते है ये लक्षण, जानें कैसे करे बचाव http://www.shauryatimes.com/news/77341 Fri, 07 Feb 2020 07:28:56 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=77341 हाल ही में देश भर में कोरोना वायरस का कहर छाया हुआ है। इसके चलते कई राज्य अलर्ट की स्थिति में भी है इस वायरस से बचने का एक मात्रा इलाज है। ऐसे ही कुछ उपाय के बारे में जिसे जानकर आप समझ सकेंगे की इस वायरस के ग्रसित लोगो में क्या लक्षण देखने को मिलते है और इनसे कैसे बचाव किया जा सकता है।

दिखने लगते है ये लक्षण:

इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति में नाक बहना ,बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, सिर में तेज दर्द, निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस और गले में खराश जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

एक अध्य्यन में ये पाया गया की ये वायरस बिल्लिओ या कुत्तो में इन्फेक्शन से फ़ैल सकता है इसलिए यदि आपके घर या आसपास के इलाको में पालतू जानवर है तो इनकी जांच समय समय पर जरूर करवाए। 

ऐसे करें बचाव:

इस वायरस के इन्फेक्शन से बचने के लिए जरुरी है की किसी भी समपर्क में आने के तुरंत बाद हैंड वाश जरूर करे और भीड़ भाड़ वाले जगह में न जाए विशेष कर चीन से ये वायरस फैला हुआ है।

इसलिए ऐसे लोगो के समपर्क में आने से बचे। इसके अलावा छीकते समय रुमाल का इस्तेमाल जरूर करे या सर्दी या फ्लू के लक्षण वाले लोगो से दूर रहे। 

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बच्चो में इन करने से बढ़ रही है डायबिटीज की समस्या , जाने कैसे करे बचाव http://www.shauryatimes.com/news/65295 Mon, 18 Nov 2019 10:31:00 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=65295 बड़ों के साथ-साथ डायबिटीज की बीमारी बच्‍चों को भी अपनी गिरफ्त में लेने लगा हैं। बच्‍चों में होने वाले डायब‍िटीज को टाइप 1 भी कहा जाता है। खाने-पीने से जुड़ी ख़राब आदतें इस बीमारी के होने का मुख्य कारण होता है। समय रहते कुछ लक्षणों पर गौर करके आप इस बीमारी का पता लगा सकते हैं और इस बीमारी का न‍िदान भी करवा सकते हैं। आइए जानते हैं बच्‍चों में डायबिटीज के मुख्‍य लक्षण

ऑवरईटिंग कार्बोहाइड्रेट के अधिक सेवन से यह शरीर में फैट के रूप में जमा हो सकता है। इसके अलावा शुगर, चॉकलेट और मिठाई आदि से पैन्क्रीऐटिक ग्लैंड पर भार बढ़ता है। जिस वजह से इंसुलिन सेल्स के क्रमिक थकावट से डायबिटीज हो जाता है।

जेनेटिक बच्चे को डायबिटीज होना जेनेटिक कारण भी है। अगर पेरेंट्स में किसी को डायबिटीज है, तो बच्चा इस बीमारी के साथ पैदा हो सकता है या उसे 25 से 50 वर्ष की उम्र में इसका खतरा हो सकता है।

वायरल इन्फेक्शन कुछ वायरल इन्फेक्शन से टाइप 1 डायबिटीज का खतरा हो सकता है क्योंकि वे इंसुलिन सेल्स को नष्ट कर देते हैं। हालांकि यह डायबिटीज का आम कारण नहीं है।

लगातार ठंड ज्‍यादा ठंड में रहने से इम्यून सिस्टम लड़ने के लिए एंटीबॉयटिक का उत्पादन करता है। इस वजह से ज्‍यादात्तर एंटीबॉयटिक ठंड को नष्ट करने के लिए खत्म हो जाते है इससे इंसुलिन कम होता है और डायबिटीज का खतरा होता है।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी फिजिकल एक्टिविटी की कमी कि कारण इंसुलिन उत्पादन करने वाली सेल्स प्रभावित हो सकती हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल प्रभावित हो सकता है जिससे डायबिटीज का खतरा होता है।

– बच्चों को आमतौर पर थकान,

– सिर में दर्द, ज्यादा प्यास लगने,

– ज्यादा भूख लगने,

– व्यवहार में बदलाव,

– पेट में दर्द,

– बेवजह वजन कम होने, खासतौर पर रात के समय बार-बार पेशाब आने,

– यौन अंगों के आस-पास खुजली होने पर उनमें मधुमेह के लक्षणों को पहचाना जा सकता है।

इन लक्षणों से डायबिटीज का पता लगाकर इसका इलाज किया जा सकता है।

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