जान जोखिम में डालकर बच्चे बेलागांव यातायात और गड्ढों भरी सतना की सड़कों पर लॉन्ग स्केटिंग प्रैक्टिस करने को मजबूर हैं – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 31 Mar 2019 05:09:42 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 जान जोखिम में डालकर बच्चे बेलागांव यातायात और गड्ढों भरी सतना की सड़कों पर लॉन्ग स्केटिंग प्रैक्टिस करने को मजबूर हैं http://www.shauryatimes.com/news/37520 Sun, 31 Mar 2019 05:09:42 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=37520  कहते हैं मन में इच्छा शक्ति हो तो व्यक्ति कुछ भी कर सकता है और ऐसा ही सतना के कुछ बच्चों ने. जी हां, कर्नाटक के बेलगाम में आयोजित स्केटिंग टूर्नामेंट में नॉन स्टॉप 48 घंटे स्केटिंग कर सतना के इन ग्यारह बच्चो ने गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने में कामयाबी हासिल की है. बच्चो की सफलता से सतना ही नहीं पूरा देश गौरान्वित महसूस कर रहा है. टूर्नामेंट में देश भर के 600 चुनिन्दा स्केटर्स ने भाग लिया था, लेकिन सतना के बच्चों ने पूरे 48 घंटे तक लगातार स्केटिंग कर एक अलग ही कीर्तीमान स्थापित कर दिया.

जब आसमान छूने का हौसला बुलंद हो तो उड़ान को पर लग ही जाते हैं, सतना के ग्यारह स्केटर्स ने गिनीज बुक में नाम दर्ज कराकर यह साबित कर दिया है. कर्नाटक के बेलगाम में आयोजित लार्जेस्ट रोलर स्केटिंग लेशन टूर्नामेंट में 16 मई और 09 नवम्बर -18 को लगातार 48 घंटे परफार्म किया था, टूर्नामेंट में देश के सभी राज्यों से 600 से ज्यादा चुनिंदा खिलाड़ियों ने भाग लिया था, इस टूर्नामेंट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड टीम ने कवर किया था. सभी पैमानों में खरे उतरने के बाद वैभव एकेडमी सतना के ग्यारह स्केटर्स का नाम गिनीज बुक में दर्ज कर लिया गया. बच्चों की यह उपलब्धि न सिर्फ सतना बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिये गौरव की बात है .

बच्चों की उड़ान को पंख लगाने वाले कोच इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं, वह बताते हैं कि बच्चो ने यह रिकॉर्ड पहली बार नहीं कई बार वर्ल्ड रिकार्ड ब्रेक किया है, लेकिन भारी मन से कहते हैं संसाधनों के अभाव और सरकार की बेरुखी इन होनहार प्रतिभाओं को एक दिन खत्म कर देगी. विश्व स्तरीय रिकार्ड बनाने वाले इन बच्चों को सतना में एक स्केटिंग ट्रैक तक नसीब नहीं है. क्लास खत्म होने पर एक निजी कॉलेज ग्राउंड में बच्चे प्रैक्टिस करते हैं. जान जोखिम में डालकर बच्चे बेलागांव यातायात और गड्ढों भरी सतना की सड़कों पर लॉन्ग स्केटिंग प्रैक्टिस करने को मजबूर हैं.

शर्म की बात तो यह है कि सतना की अंतर्राष्टीय प्रतिभाओं को सरकार सुविधा मुहैया नहीं करा पा रही है. बड़े बडे मंत्री नेता बच्चों के हुनर का लोहा मानते हैं और सरकार से सारी सुविधा दिलाने का वायदा भी करते हैं, लेकिन उनका हर वायदा सियासी ही साबित होता आया है. कोच और पैरेंट्स स्केटर्स बच्चों की उपलब्धि से बेहद खुश हैं, लेकिन शहर में एक प्रैक्टिस ग्राउंड तक न होने से बेहद दुखी भी हैं.

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