ठंड से राहत पाने के लिए काम आएगा ये बिना बिजली वाला हीटर – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 05 Dec 2019 11:13:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ठंड से राहत पाने के लिए काम आएगा ये बिना बिजली वाला हीटर http://www.shauryatimes.com/news/68044 Thu, 05 Dec 2019 11:13:33 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=68044 अगर ठंड के मौसम में आपको साथ में रखने के लिए एक हीटर दे दिया जाए तो आपके लिए वो कितना सुकून भरा होगा और वो हीटर ऐसा हो जो बिना किसी बिजली के चले तो इससे बढ़िया और कुछ हो ही नहीं सकता है। हमारे देश में सबसे ज्यादा ठंडी का अहसास कश्मीर में देखने को मिलता है, पर इस ठंड में मिट्टी के बर्तन में अंगारों से भरी हुई कांगड़ी गर्मी का अहसास दिलाती है। यूं कहें तो कांगड़ी कश्मीरियों की सबसे अच्छी दोस्त होती है।

जब कश्मीर में ठंड के मौसम में तापमान शून्य से माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है तो एकमात्र कांगड़ी ही ऐसी चीज है जो लोगों के ठण्ड से बचने का सहारा बनती है। कांगड़ी कश्मीर की संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। इसकी बनावट देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोगों को भी अपनी तरफ आकर्षित करती है। कांगड़ी कश्मीर की पारंपरिक चीजों में से एक है। इसे अंग्रेजी भाषा में फायर पॉट भी कहते हैं। सर्दियों के मौसम में यह कांगड़ी लोगों के लिए चलता-फिरता हीटर का काम करती है। बाहर से आए पर्यटक इसे पोर्टेबल या मूविंग हीटर भी कहते हैं। ये हीटर बाहरी  पर्यटक को खास पसंद आता हैं|

मिट्टी के बर्तन में धधकते अंगारों से भरी हुई कांगड़ी, बाहर से सुंदर हस्तनिर्मित टोकरी से सजी हुई होती है। कश्मीरी लोग इसे अपने फिरन के अंदर रखते हैं। फिरन एक ऊनी कपड़ा होता है। इसे लोग सर्दियों में घुटनों तक पहनते हैं। कांगड़ी कश्मीर के स्थायी शिल्प का एक प्रतीक है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। इसकी बनावट में स्थानीय स्थानीय कारीगरी की अनूठी छाप देखने को मिलती है।

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ठंड से राहत पाने के लिए काम आएगा ये बिना बिजली वाला हीटर http://www.shauryatimes.com/news/66979 Thu, 28 Nov 2019 09:22:08 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=66979 अगर ठंड के मौसम में आपको साथ में रखने के लिए एक हीटर दे दिया जाए तो आपके लिए वो कितना सुकून भरा होगा और वो हीटर ऐसा हो जो बिना किसी बिजली के चले तो इससे बढ़िया और कुछ हो ही नहीं सकता है। हमारे देश में सबसे ज्यादा ठंडी का अहसास कश्मीर में देखने को मिलता है, पर इस ठंड में मिट्टी के बर्तन में अंगारों से भरी हुई कांगड़ी गर्मी का अहसास दिलाती है। यूं कहें तो कांगड़ी कश्मीरियों की सबसे अच्छी दोस्त होती है।

जब कश्मीर में ठंड के मौसम में तापमान शून्य से माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है तो एकमात्र कांगड़ी ही ऐसी चीज है जो लोगों के ठण्ड से बचने का सहारा बनती है। कांगड़ी कश्मीर की संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। इसकी बनावट देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोगों को भी अपनी तरफ आकर्षित करती है। कांगड़ी कश्मीर की पारंपरिक चीजों में से एक है। इसे अंग्रेजी भाषा में फायर पॉट भी कहते हैं। सर्दियों के मौसम में यह कांगड़ी लोगों के लिए चलता-फिरता हीटर का काम करती है। बाहर से आए पर्यटक इसे पोर्टेबल या मूविंग हीटर भी कहते हैं। ये हीटर बाहरी  पर्यटक को खास पसंद आता हैं|

मिट्टी के बर्तन में धधकते अंगारों से भरी हुई कांगड़ी, बाहर से सुंदर हस्तनिर्मित टोकरी से सजी हुई होती है। कश्मीरी लोग इसे अपने फिरन के अंदर रखते हैं। फिरन एक ऊनी कपड़ा होता है। इसे लोग सर्दियों में घुटनों तक पहनते हैं। कांगड़ी कश्मीर के स्थायी शिल्प का एक प्रतीक है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। इसकी बनावट में स्थानीय स्थानीय कारीगरी की अनूठी छाप देखने को मिलती है।

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