डेंगू से पीड़ित सहरसा के SDO सृष्टिराज सिन्हा की कल देर रात एक निजी अस्पताल में मौत हो गई – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 01 Nov 2018 06:18:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 डेंगू से पीड़ित सहरसा के SDO सृष्टिराज सिन्हा की कल देर रात एक निजी अस्पताल में मौत हो गई http://www.shauryatimes.com/news/16813 Thu, 01 Nov 2018 06:18:58 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=16813 पटना में डेंगू ने बुधवार की रात सहरसा के एसडीओ सृष्टिराज सिन्हा को अपनी चपेट में ले लिया और उनकी देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। उनका इलाज पटना के राजा बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा था। पटना के पुनपुन थानाक्षेत्र के लखना गांव के रहने वाले सृष्टिराज सिन्हा हिलसा में एसडीओ पद पर तैनात थे और पिछले महीने ही उनका ट्रांसफर सहरसा हुआ था।  

डेंगू से अबतक पटना में सात लोगों की मौत हो चु्की है। इससे पहले पटना व छपरा के दो डॉक्‍टरों की डेंगू से मौत हो गई थी। डेंगू की चपेट में आईं गोपालगंज की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) की भी पटना के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। ये डेंगू से होने वाली इस साल की पहली तीन मौतें थीं।

पीएमसीएच में 71 मरीजों में हुई डेंगू की पुष्टि

राजधानी में इस मौसम में अब तक एक दिन में मिलने वाले डेंगू मरीजों की संख्या का रिकॉर्ड बुधवार को टूट गया। पीएमसीएच में 71 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसमें राजधानी के 63 मरीज हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

अब तक के रिकॉर्ड के अनुसार एक दिन में सबसे अधिक 43 में डेंगू की पुष्टि हुई थी। एक साथ इतने मरीजों की जानकारी मिलने पर विभाग के अधिकारियों ने भी पीएमसीएच से जानकारी ली। वहीं इस मौसम में अस्पताल में हुई जांच में कुल 720 लोगों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। 

कैंप में पहुंचे 290 मरीज 

डेंगू के डंक का कहर लोगों पर काफी है। इससे लोगों में दहशत की स्थिति बनी हुई है। स्थिति यह है कि पीएमसीएच में लगे तीन दिवसीय डेंगू जांच शिविर में दूसरे दिन 290 मरीज पहुंचे। इसमें 122 लोगों का ब्लड टेस्ट किया गया।

वायरोलॉजी लैब के प्रभारी डॉ. सच्चिदानंद कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर मरीजों में डेंगू की पुष्टि की जाएगी। प्राचार्य प्रो. अजीत कुमार वर्मा ने बताया कि शिविर लगने के बाद मरीज ओपीडी में नहीं आकर सीधे शिविर स्थल पर जांच करा रहे हैं। 

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