‘तीन मूर्ति भवन’ से न हो छेड़छाड़ – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 27 Aug 2018 08:42:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ‘तीन मूर्ति भवन’ से न हो छेड़छाड़, मनमोहन ने लिखी मोदी सरकार को चिट्ठी http://www.shauryatimes.com/news/9524 Mon, 27 Aug 2018 08:42:27 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=9524 पंडित जवाहर लाल नेहरू से जुड़े नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) और तीन मूर्ति कांप्लेक्स से संभावित छेड़छाड़ को लेकर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने नाराजगी जाहिर की है। पूर्व पीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसमें देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आवास रहे तीन मूर्ति भवन परिसर में सभी प्रधानमंत्रियों के लिए एक संग्रहालय स्थापित करने की बात कही गई है।'तीन मूर्ति भवन' से न हो छेड़छाड़, मनमोहन ने लिखी मोदी सरकार को चिट्ठी

मनमोहन सिंह ने सरकार की इस योजना पर सवाल उठाया है, उन्होंने पत्र में लिखा है कि एक एजेंडे के तहत एनएमएमएल और तीन मूर्ति कांप्लेक्स में बदलाव करने की कोशिश की जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि नेहरू केवल कांग्रेस के ही नेता नहीं हैं बल्कि उनका ताल्लुक पूरे देश से है। लिहाजा सरकार को उनसे जुड़ी स्मृतियों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। 

मनमोहन सिंह ने पिछले हफ्ते लिखी इस चिट्ठी में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पीएम रहते हुए अपने कार्यकाल में कभी भी एनएमएमएल और तीन मूर्ति भवन से छेड़छाड़ का प्रयास नहीं किया था। लेकिन, ये अब केंद्र सरकार का एजेंडा बन गया है। 

मनमोहन सिंह ने कहा कि किसी भी तरह से नेहरू के रोल और योगदान को मिटाया नहीं जा सकता। सिंह ने वाजपेयी के उस भाषण का भी जिक्र किया जो उन्होंने पंडित नेहरू के निधन पर संसद में दिया था। वाजपेयी ने कहा था ‘इस तरह के व्‍यक्तित्‍व से अब संभवतया तीन मूर्ति भवन शोभायमान नहीं हो सकेगा। ऐसा विराट व्‍यक्तित्‍व, विपक्ष को भी साथ लेने की क्षमता और महानता निकटतम भविष्‍य में संभवतया देखने को नहीं मिल सकेगी। अपने वैचारिक मतभेद के बावजूद हम उनके महान विचारों, निष्‍ठा, देश के प्रति प्रेम और अदम्‍य साहस के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।’ 

सिंह ने लिखा कि एनएमएमएल भारत के पहले प्रधानमंत्री और भारतीय राष्ट्र-राज्य के प्रमुख वास्तुकार की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने हमारे देश और वास्तव में दुनिया पर एक अविश्वसनीय छाप छोड़ी।

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