तुर्की से हटाई गई दो सला पहले लगी इमरजेंसी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 20 Jul 2018 06:02:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 तुर्की से हटाई गई दो सला पहले लगी इमरजेंसी, दोबारा चुनाव जीतने के बाद लिया गया फैसला http://www.shauryatimes.com/news/6351 Fri, 20 Jul 2018 06:02:58 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=6351 दो साल पहले तख्तापलट की असफल कोशिश के बाद देशभर में लगाए गए आपातकाल को तुर्की सरकार ने हटा लिया है. ब्रिटिश मीडिया बीबीसी ने बताया कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के दोबारा चुनाव जीतने के कुछ सप्ताह बाद यह फैसला लिया गया.दो साल पहले तख्तापलट की असफल कोशिश के बाद देशभर में लगाए गए आपातकाल को तुर्की सरकार ने हटा लिया है. ब्रिटिश मीडिया बीबीसी ने बताया कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के दोबारा चुनाव जीतने के कुछ सप्ताह बाद यह फैसला लिया गया.   देश में आपातकाल के दौरान हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया या नौकरियों से निकाल दिया गया. चुनाव अभियान के दौरान, विपक्षी उम्मीदवारों ने कहा था कि अगर वो जीते तो वो आपातकाल समाप्त कर देंगे.   आधिकारिक आंकड़ों और गैर सरकारी संगठनों के मुताबिक, आपातकाल की स्थिति में सरकारी आदेश से 107,000 से अधिक लोगों को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों से निकाल दिया गया और 50,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया गया. इन लोगों पर मुकदमे चल रहे हैं.   नौकरी से निकाले गए और हिरासत में लिए गए कई लोगों को निर्वासित इस्लामी धार्मिक नेता फतुल्लाह गुलेन का कथित समर्थक माना जाता है. गुलेन अमेरिका में रहते हैं और एर्दोगन के पूर्व सहयोगी हैं. तुर्की ने गुलेन और उनके अनुयायियों पर 2016 में तख्ता पलट की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था लेकिन गुलेन ने इससे साफ इनकार कर दिया था.

देश में आपातकाल के दौरान हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया या नौकरियों से निकाल दिया गया. चुनाव अभियान के दौरान, विपक्षी उम्मीदवारों ने कहा था कि अगर वो जीते तो वो आपातकाल समाप्त कर देंगे.

आधिकारिक आंकड़ों और गैर सरकारी संगठनों के मुताबिक, आपातकाल की स्थिति में सरकारी आदेश से 107,000 से अधिक लोगों को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों से निकाल दिया गया और 50,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया गया. इन लोगों पर मुकदमे चल रहे हैं.

नौकरी से निकाले गए और हिरासत में लिए गए कई लोगों को निर्वासित इस्लामी धार्मिक नेता फतुल्लाह गुलेन का कथित समर्थक माना जाता है. गुलेन अमेरिका में रहते हैं और एर्दोगन के पूर्व सहयोगी हैं. तुर्की ने गुलेन और उनके अनुयायियों पर 2016 में तख्ता पलट की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था लेकिन गुलेन ने इससे साफ इनकार कर दिया था.

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