दिल्ली पुलिस ने 2016 में JNU में लगे देशविरोधी नारों के मामले में – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 15 Jan 2019 06:30:42 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 टुकड़े टुकड़े गैंग का शर्मसार कर देने वाला व‍िश्‍लेषण http://www.shauryatimes.com/news/27742 Tue, 15 Jan 2019 06:30:42 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=27742 आज हमारे पास टुकड़े टुकड़े गैंग के लिए बहुत बुरी ख़बर है.. आज दिल्ली पुलिस ने 2016 में JNU में लगे देशविरोधी नारों के मामले में चार्जशीट दायर की है. करीब 1200 पन्नों की इस चार्जशीट में ऐसी ऐसी बातें लिखी हुई हैं.. जिन्हें सुनकर आपका खून खौल उठेगा. और आप भी कहेंगे कि देशद्रोहियों को भारत के साथ विश्वासघात करने की इतनी आज़ादी.. आखिर मिल कैसे गई ? इस चार्जशीट को आप हफ़्ते के पहले दिन.. यानी सोमवार की सबसे Positive ख़बर भी कह सकते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि ज़ी न्यूज़ के कैमरे से रिकॉर्ड हुए Video को दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में सबसे महत्वपूर्ण सबूत के रूप में शामिल किया है. आज हम इस चार्जशीट का एक गहरा DNA टेस्ट करेंगे. लेकिन चार्जशीट के बिंदुओं पर बात करने से पहले आपके साथ एक छोटा सा संवाद भी ज़रूरी है.

ये चार्जशीट, अभिव्यक्ति की आज़ादी की आड़ में होने वाले देशद्रोह का सबसे बड़ा उदाहरण है. ये किसी एक व्यक्ति या मुठ्ठी भर छात्रों का काम नहीं है, इसके पीछे एक पूरा गैंग है. देशद्रोही हमेशा झुंड बनाकर चलते हैं. उस झुंड में पत्रकार भी है, नेता भी है और बुद्धिजीवी भी हैं. इन्हें नज़रअंदाज़ करना देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ समझौता करने के बराबर है. इसलिए हमने इस मामले में देश की आंखें खोलने वाली रिपोर्टिंग की थी. ज़ी न्यूज़ ने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान, सत्य और तथ्यों के साथ-साथ, देश को तीन शब्द दिए थे. इनमें से एक था अफज़ल प्रेमी गैंग, दूसरा था, टुकड़े टुकड़े गैंग और तीसरा था, डिज़ाइनर पत्रकार. हमें खुशी है कि ये शब्द आज देश के बच्चे बच्चे की ज़ुबान पर हैं. और इन शब्दों और हमारी सच्ची पत्रकारिता ने देशद्रोहियों के इस झुंड को Expose कर दिया है.

2016 में हमारी रिपोर्टिंग की वजह से JNU में देशविरोधी एजेंडा चलाने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी. लेकिन हमारी ये रिपोर्टिंग देश के डिज़ाइनर पत्रकारों, डिज़ाइनर नेताओं और बुद्धिजीवियों के गठबंधन को पसंद नहीं आई थी. तब इस टुकड़े टुकड़े गैंग ने हमारे खिलाफ दुष्प्रचार किया था और ज़ी न्यूज़ को झूठा बताने का अभियान चलाया गया था. हमारे ऊपर कई मुकदमे भी किए गए, हमारे कैमरे से Record किए गये Video को Doctored बताया गया. अखबारों में प्रमुखता के साथ इस झूठ को छापा गया और बहुत से नेताओं और पत्रकारों ने अपने एजेंडे के तहत देशद्रोही छात्रों का पक्ष लेकर उन्हें मासूम बताया. चारों तरफ झूठ का माहौल तैयार किया गया ताकि आपको ये लगे कि देशविरोधी नारे लगाने वाले छात्र बहुत मासूम हैं. लेकिन आखिर में जीत सच की हुई और ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के सबसे बड़े झूठ के… ‘टुकड़े-टुकड़े’ हो गए. आज हम ये सारी बातें आपको इसलिए याद दिला रहे हैं, क्योंकि वक़्त के साथ घटनाओं की गंभीरता फीकी पड़ जाती है. अंग्रेज़ी में इसके लिए एक शब्द है.. Dilute.. समय के साथ JNU का मामला भी लोगों की याद्दाश्त में Dilute होता गया. लेकिन आज सत्य की रोशनी में इस पूरे मामले को देखना बहुत ज़रूरी है.

दिल्ली पुलिस ने आज करीब 1200 पन्नों की चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की है. ये जो बक्सा आप देख रहे हैं. इसी बक्से में दिल्ली पुलिस चार्जशीट लेकर पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची थी. इस बक्से में देशद्रोह के तमाम साक्ष्य और सबूत हैं. अपनी चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कुल 46 लोगों को आरोपी बनाया है. इनमें 10 लोगों को सीधे तौर पर आरोपी बनाया गया है. और इन 10 लोगों में जेएनयू छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य सहित 7 कश्मीरी छात्र शामिल हैं.

सभी को Electronic Evidence, बाकी छात्रों के और Security Guards की गवाहियों के आधार पर चार्जशीट किया गया है. इस मामले में कुल 90 लोगों को गवाह बनाया गया है. इन 10 के अलावा 36 ऐसे लोगों के नाम भी चार्जशीट में हैं, जिनके खिलाफ पुलिस को सीधे तौर पर कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन जांच में ये सामने आया है कि ये लोग भी उस दिन मौके पर थे और देशविरोधी नारे लगाने में शामिल थे. इसलिए दिल्ली पुलिस ने इन पर केस चलाने का फैसला अदालत पर छोड़ दिया है. इनमें शहला राशिद, अपराजिता और रामा नागा नामक छात्रों के नाम शामिल हैं.

चार्जशीट के मुताबिक पुलिस को 13 Video Clips मिली हैं, जिन्हें CFSL ने सही माना है. इनमें ज़ी न्यूज़ के कैमरे की वीडियो फुटेज सबसे महत्वपूर्ण है. चार्जशीट के मुताबिक, पुलिस को गवाहों ने बताया कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे और अफज़ल गुरू की बरसी मनाने के लिए कोई इजाज़त नहीं ली गई थी. अब आपको ये बताते हैं कि पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ किन धाराओं में चार्जशीट दायर की है. इन सभी आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 124A यानी देशद्रोह की धारा लगाई गई है, जिसमें अगर दोषी साबित हुए तो अधिकतम उम्रकैद और न्यूनतम 3 साल की सज़ा हो सकती है.

इसके अलावा आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 323 यानी जानबूझकर चोट पहुंचाने, धारा 465 यानी Forgery, धारा 471 यानी फर्ज़ी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करना, धारा 143 यानी गैरकानूनी ढंग से एक जगह पर इकठ्ठा होना, धारा 149, धारा 147 यानी उपद्रव करना और 120B यानी आपराधिक साज़िश के आरोपों के तहत चार्जशीट दायर की गई है.

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