दोपहर तक धूप में बस का इंतजार करते रहे यात्री – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 26 May 2019 08:33:21 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 दोपहर तक धूप में बस का इंतजार करते रहे यात्री, एक संगठन के सदस्य मीटिंग में ले गए अपनी बस http://www.shauryatimes.com/news/43070 Sun, 26 May 2019 08:33:21 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=43070  रोडवेज में कर्मचारी संगठन यूं तो वेतन समय पर न मिलने का रोना रोकर हड़ताल व प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रहे, जबकि सच ये है कि रोडवेज की लुटिया डुबोने में सबसे बड़ा हाथ भी इन कर्मचारियों का है। सरकार के सामने रोडवेज को आर्थिक घाटे से उबारने की सलाह देने वाले संगठनों की करतूत का खामियाजा शनिवार को यात्रियों और रोडवेज को भुगतना पड़ा। यात्री सुबह से दोपहर तक धूप में बस का इंतजार करते रहे और एक संगठन के सदस्य बस अपनी मीटिंग में ले गए। रोडवेज मुख्यालय पहुंची शिकायत के बाद प्रबंधन ने डिपो एजीएम के विरुद्ध जांच बैठाकर उनका स्पष्टीकरण तलब किया है।

मामला श्रीनगर डिपो में शनिवार सुबह सामने आया। रोजाना पांच बसें संचालित करने वाले श्रीनगर डिपो की चार बसें बीते दिनों चारधाम यात्र में लगा दी गई। मौजूदा समय में महज एक बस श्रीनगर से दिल्ली के लिए संचालित हो रही। इसके टिकट भी ऑनलाइन बुक होते हैं। बस रोजाना सुबह आठ बजे दिल्ली के लिए निकलती है और शाम को वहां से वापस लौटती है। शनिवार को बस में श्रीनगर से दिल्ली के 12 टिकट ऑनलाइन बुक थे, जबकि वापसी के लिए 34 टिकट।

यात्री सुबह सामान लेकर बस अड्डे पहुंच गए, मगर बस नहीं आई। इस पर उन्होंने काउंटर पर पता किया तो मालूम चला कि बस कोटद्वार भेज दी गई है। यात्री धूप में खड़े होकर बस का इंतजार करते रहे, लेकिन बस नहीं आई। उन्होंने मुख्यालय में फोन कर सूचना दी। इसके बाद करीब साढ़े 11 बजे जोशीमठ से देहरादून आ रही हिल डिपो की एक बस से यात्रियों को ऋषिकेश पहुंचाया गया। बस में अधिकतर यात्री खड़े होकर आए। यहां से दोपहर दो बजे दूसरी बस से उन्हें दिल्ली रवाना किया गया।

यात्रियों ने इसकी शिकायत ऋषिकेश बस अड्डे पर दर्ज कराई, साथ ही ऑनलाइन शिकायत भी की। जिस पर मुख्यालय में अधिकारी सक्रिय हुए और प्रारंभिक जांच कराई तो पता चला कि कुछ कर्मचारी श्रीनगर डिपो से बस को कोटद्वार में चल रही रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में ले गए हैं। हैरानी वाल बात ये है कि मामला डिपो एजीएम पूजा जोशी की जानकारी में भी था, क्योंकि उनकी अनुमति के बिना बस डिपो से बाहर नहीं जा सकती है।

श्रीनगर से कोटद्वार शेड्यूल ही नहीं

बस को श्रीनगर से मनमर्जी से कोटद्वार ले जाया गया, जबकि श्रीनगर से नियमित तौर पर संचालित बसों में कोटद्वार का शेड्यूल है ही नहीं। यहां से जो पांच बसें चलती हैं उनमें तीन दिल्ली, एक चंडीगढ़ जबकि एक पौड़ी संचालित होती है।

बोले अधिकारी

दीपक जैन (महाप्रबंधक संचालन, उत्तराखंड परिवहन निगम) का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है। निगम पहले ही आर्थिक घाटे में चल रहा। ऐसे में बस को तय मार्ग के बजाए दूसरे मार्ग पर ले जाना गंभीर अपराध है। यात्रियों को जो परेशानी हुई, उससे निगम की छवि भी प्रभावित हो रही। मामले में जांच बैठा दी गई है। इसके साथ ही श्रीनगर डिपो एजीएम पूजा जोशी का स्पष्टीकरण लिया जा रहा है।

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