पंजाब कांग्रेस लाेकसभा चुनाव में अपने किसी विधायक को टिकट नहीं देगी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 11 Feb 2019 08:35:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 पंजाब कांग्रेस लाेकसभा चुनाव में अपने किसी विधायक को टिकट नहीं देगी http://www.shauryatimes.com/news/31612 Mon, 11 Feb 2019 08:35:53 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=31612 पंजाब में लोकसभा चुनाव की टिकट पाने के लिए विधायकों की कतार लगी हुई है, लेकिन पार्टी विधायकों को टिकट देने के हक में नहीं है। पार्टी अगर बेहद जरूरी तो ही किसी विधायक को लोकसभा चुनाव में टिकट देने के पक्ष में है। इस कारण कांग्रेस की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार काे लेकर चिंता है। वह नहीं चाहती है कि किसी विधायक की सीट पर उपचुनाव की नौबत आए।

उपचुनाव के पचड़े में नहीं पडऩा चाहती है पार्टी, लोकसभा टिकट की दौड़ में हैं सात विधायक

पंजाब में लोकसभा की टिकट पाने की दौड़ में कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी समेत सात विधायक शामिल हैं। महत्वपूर्ण यह है कि चार तो ऐसे विधायक हैं, जो पहली बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने फिरोजपुर सीट से दावेदारी पेश की है। इस सीट पर कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। 2014 का लोकसभा चुनाव में यहां से सुनील जाखड़ चुनाव लड़े थे और जाखड़ अब गुरदासपुर से सांसद है।

ऐसे में फिरोजपुर सीट खाली देख राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने अपना दावा जताया है। वहीं, ड्रग्स के मामले में पंजाब सरकार को घेर कर निलंबन झेल चुके जीरा के विधायक कुलबीर जीरा ने खडूरसाहिब से टिकट मांगा है। जालंधर वेस्ट के विधायक सुशील रिंकू ने जालंधर अमलोह के विधायक रमनदीप नाभा ने पटियाला सीट से टिकट मांगा है।

डॉ. राजकुमार चब्बेवाल और पवन आदिया ने होशियारपुर सीट पर दावेदारी की है। छह बार के विधायक राकेश पांडे ने लुधियाना सीट पर दावेदारी की है। फिरोजपुर देहाती की विधायक सतकार कौर ने फरीदकोट से टिकट की मांग की है। कुलबीर जीरा, पवन आदिया, डॉ. राजकुमार चब्बेवाल और सुशील रिंकू पहली बार विधायक बने हैं।

मजबूरी में ही विधायक को उतारेगी पार्टी

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस का साफ रुख है कि अगर किसी भी सीट पर बेहद मजबूरी न हो तो किसी भी विधायक को चुनाव मैदान में न उतारा जाए। यह फॉर्मूला खासतौर पर उन राज्यों में लागू किया जाएगा, जहां पर कांग्रेस की सरकार हैं। पार्टी की मानना है कि विधायक के चुनाव लड़ने व उसके जीतने के बाद भी राज्य में उपचुनाव होने से वहां की राज्‍य सरकार के लिए उलझन की स्‍थिति पैदा हो जाएगी। उपचुनाव की वजह से सरकारी कामकाज प्रभावित होता है। वहीं, सरकारी तंत्र उपचुनाव में उलझ जाता है। यही कारण है कि कांग्रेस किसी भी विधायक को लोक सभा चुनाव में टिकट देने के हक में नहीं है।

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