पंजाब के इस व्यक्ति के पास है सदाबहार एक्‍टर धर्मेंद्र की अनमोल धरोहर – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 19 Sep 2020 11:17:29 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 पंजाब के इस व्यक्ति के पास है अभिनेता धर्मेंद्र की अनमोल धरोहर, जिसे किसी कीमत पर बेचने को नहीं है तैयार http://www.shauryatimes.com/news/84500 Sat, 19 Sep 2020 10:17:30 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=84500 पंजाब के लुधियाना जिले के रायकोट के केवल अग्रवाल के पास सदाबहार फिल्‍म अभिनेता व हीमैन धर्मेंद्र की एक अमोल धरोहर है और वह इसका पूरा ध्‍यान रख रहे हैं। रायकोट शहर में रहने वाले केवल अग्रवाल के पास धर्मेंद्र के पुस्‍तैनी मकान का मालिकाना अधिकार है और वह इसे किसी भी कीमत पर बेचने को तैयार नहीं हैं।

केवल अग्रवाल शहर के एक नामी करियाना व्यापारी हैं। उनका एक कारोबार ‘कुंजी’ सरसों का तेल पंजाब भर में मशहूर है। यूं तो इस समय केवल अग्रवाल शहर के एक करोड़पति शख्स हैं, लेकिन इनके हाथ धर्मेंद्र का अमूल्य तोहफा है, जिसको यह किसी भी कीमत पर नहीं बेचना चाहते हैं। धर्मेंद्र पुस्‍तैनी मकान में वह काफी लंबे समय तक अपने परिवार के साथ रहे। यह मकान कुतबा गेट से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

अभिनेता धर्मेंद्र के पुश्तैनी मकान का पूरा ध्‍यान रखते हैं केवल अग्रवाल

केवल अग्रवाल ने बताया कि 22 जुलाई सन् 1959 को धर्मेंद्र सिंह देओल के पिता केवल कृष्ण सिंह देओल ने 5000 रुपये में यह मकान उनके पिता बलजिंदर कुमार को बेचा था। यह मकान तकरीबन डेढ़ सौ गज में बना हुआ है। 60 साल पहले इसकी रजिस्ट्री सिर्फ डेढ़ सौ रुपये के स्टॉम पर उर्दू भाषा में लिखी गई थी।

धर्मेंद्र के फैन केवल अग्रवाल बोले किसी भी कीमत पर नहीं बेंचेगे यह मकान

केवल अग्रवाल ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार धर्मेंद्र के पिता केवल कृष्ण सिंह देओल एक अध्यापक थे और उन्होंने यह मकान साथ सटे सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौकरी करते समय लिया था। पहले वह लालतों कलां सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाते थे, जिसमें धर्मेंद्र ने भी पढ़ाई की थी।

केवल अग्रवाल ने बताया कि धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को नसराली गांव, तहसील खन्ना में हुआ था और उनके पिता ने हमें मकान 22 जुलाई 1959 को बेचा था। लिहाजा धर्मेंद्र सन 1959 मे  24 वर्ष के रहे होंगे और हम यह कह सकते हैं कि उन्हें शहर और इलाके की पूरी समझ रही होगी।

शानदार कोठी में रहने के बाद भी नहीं भूले पुराने मकान को

इस समय केवल अग्रवाल संतोख सिंह नगर में एक शानदार और बड़ी कोठी में रहते हैं, लेकिन वह बताते हैं कि उनका मन अभी भी उस पुराने छोटे से मकान में ही बसा है। वह कहते हैं कि धर्मेंद्र के बहुत बड़े फैन हैं, लिहाजा उस घर में रहते उनको अपने प्रिय अभिनेता के पास रहने का आभास होता था। अब भी वह जब कामकाज से फ्री होते हैं तो अपने पुराने मकान में जरूर कुछ देर व्यतीत कर कर आते हैं।

बेटे को भी मकान ना बेचने की दी नसीहत

केवल अग्रवाल ने बताया कि वह मरते दम तक अपना पुराना मकान नहीं बेचेंगे। यहां तक कि उन्होंने अपने दोनों बेटाें दीपक अग्रवाल व विशाल अग्रवाल को भी यह हिदायत दी है कि वह धर्मेंद्र का मकान किसी भी कीमत पर न बेचें। उन्होंने अपने बेटों को समझाया कि ऐसी इज्जत और शोहरत बड़ी किस्मत वालों को मिलती है, लिहाजा कैसी भी मुसीबत आए इस मकान को वह कभी भी ना सेल करें।

चाय-पानी की थाली सजी ही रही, नहीं आए धर्मेंद्र

केवल अग्रवाल ने बताया कि कुछ वर्ष पहले धर्मेंद्र अपनी पुरानी जमीन काे अपने भाइयों को गिफ्ट में दे गए थे। यह जमीन जो गांव डंगो में है। उस जमीन की रजिस्ट्री के लिए वह रायकोट तहसील में आए थे। वह भी अपने पुराने मकान को देखने के इच्छुक थे। दो दिन पहले उनके कुछ लोग हमारे मकान में आकर जायजा लेकर गए थे और हमें यह बता कर गए थे कि धर्मेंद्र आपके मकान में आएंगे। लिहाजा हमारी खुशी का कोई ठिकाना ना रहा। हमने 50 से 60 आदमियों के खानपान का इंतजाम किया, लेकिन हमारी बदकिस्मती ही कहिए कि उन्हें इमरजेंसी में कहीं और जाना पड़ गया और हमारी मुलाकात उनसे ना हो सकी।

जिंदगी की परम इच्छा है कि धर्मेंद्र पुराने घर में उनसे आराम से बैठकर मुलाकात करें

केवल अग्रवाल ने भावुक होते हुए कहा कि उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी अभिलाषा यह है कि उनके पुराने मकान में धर्मेंद्र एक बार जरूर चक्कर लगाएं और उनके परिवार के साथ शांति से बैठकर बातें करें। भगवान न जाने उनकी यह इच्छा कब पूरी करेंगे। जैसे माता शबरी ने भगवान राम का इंतजार किया उसी तरह मैं अपने भाई करती शबरी माता जैसे इस घर की सफाई हर साल करवाता हूं, रंग रोगन करवाता हूं कि कभी भी धर्मेंद्र इस मकान में आ सकते हैं ।

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